हे धर्मियो, यहोवा के कारण जयजयकार करो। क्योंकि धर्मी लोगों को स्तुति करना शोभा देता है।
इफिसियों 5:4 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और न निर्लज्जता, न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की; क्योंकि ये बातें शोभा नहीं देतीं, वरन् धन्यवाद ही सुना जाए। पवित्र बाइबल तुममें न तो अश्लील भाषा का प्रयोग होना चाहिए, न मूर्खतापूर्ण बातें या भद्दा हँसी ठट्टा। ये तुम्हारी अनुकूल नहीं हैं। बल्कि तुम्हारे बीच धन्यवाद ही दिये जायें। Hindi Holy Bible और न निर्लज्ज़ता, न मूढ़ता की बातचीत की, न ठट्ठे की, क्योंकि ये बातें सोहती नहीं, वरन धन्यवाद ही सुना जाएं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और न भद्दी, मूर्खतापूर्ण या अश्लील बातचीत; क्योंकि यह अशोभनीय है-बल्कि आप परमेश्वर को धन्यवाद दिया करें। नवीन हिंदी बाइबल और न निर्लज्जता और मूर्खता की बातें या भद्दे मज़ाक हों जो शोभा नहीं देते, बल्कि धन्यवाद ही दिया जाए। सरल हिन्दी बाइबल और न ही तुम्हारे बीच निर्लज्जता और मूर्खता भरी बातचीत या अश्लील मज़ाक हो, जो हमेशा ही व्यर्थ है परंतु तुम्हारे बीच धन्यवाद ही सुना जाए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और न निर्लज्जता, न मूर्खता की बातचीत की, न उपहास किया, क्योंकि ये बातें शोभा नहीं देती, वरन् धन्यवाद ही सुना जाए। |
हे धर्मियो, यहोवा के कारण जयजयकार करो। क्योंकि धर्मी लोगों को स्तुति करना शोभा देता है।
चतुर मनुष्य ज्ञान को प्रगट नहीं करता है, परन्तु मूढ़ अपने मन की मूढ़ता ऊँचे शब्द से प्रचार करता है।
जब दानिय्येल को मालूम हुआ कि उस पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है, तब वह अपने घर में गया जिसकी उपरौठी कोठरी की खिड़कियाँ यरूशलेम की ओर खुली रहती थीं, और अपनी रीति के अनुसार जैसा वह दिन में तीन बार अपने परमेश्वर के सामने घुटने टेककर प्रार्थना और धन्यवाद करता था, वैसा ही तब भी करता रहा।
तब अन्य नावें तिबिरियास से उस जगह के निकट आईं, जहाँ उन्होंने प्रभु के धन्यवाद करने के बाद रोटी खाई थी।
जब उन्होंने परमेश्वर को पहिचानना न चाहा, तो परमेश्वर ने भी उन्हें उनके निकम्मे मन पर छोड़ दिया कि वे अनुचित काम करें।
तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें।
तुम्हारे लिये धन्यवाद करना नहीं छोड़ता, और अपनी प्रार्थनाओं में तुम्हें स्मरण किया करता हूँ
कोई गन्दी बात तुम्हारे मुँह से न निकले, पर आवश्यकता के अनुसार वही निकले जो उन्नति के लिये उत्तम हो, ताकि उससे सुननेवालों पर अनुग्रह हो।
किसी भी बात की चिन्ता मत करो; परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और विनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएँ।
पर अब तुम भी इन सब को, अर्थात् क्रोध, रोष, बैरभाव, निन्दा और मुँह से गालियाँ बकना ये सब बातें छोड़ दो।
और जैसा आनन्द हमें तुम्हारे कारण अपने परमेश्वर के सामने है, उसके बदले तुम्हारे विषय में हम किस रीति से परमेश्वर का धन्यवाद करें?
इसलिये हम उसके द्वारा स्तुतिरूपी बलिदान, अर्थात् उन होठों का फल जो उसके नाम का अंगीकार करते हैं, परमेश्वर को सर्वदा चढ़ाया करें।
वे व्यर्थ घमण्ड की बातें कर करके लुचपन के कामों के द्वारा, उन लोगों को शारीरिक अभिलाषाओं में फँसा लेते हैं जो भटके हुओं में से अभी निकल ही रहे हैं।
पर ये लोग जिन बातों को नहीं जानते उनको बुरा–भला कहते हैं, और जिन बातों को अचेतन पशुओं के समान स्वभाव ही से जानते हैं, उनमें अपने आप को नष्ट करते हैं।
ये समुद्र के प्रचण्ड हिलकोरे हैं, जो अपनी लज्जा का फेन उछालते हैं; ये डाँवाडोल तारे हैं, जिनके लिये सदा काल तक घोर अन्धकार रखा गया है।