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अय्यूब 38:11 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

‘यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडनेवाली लहरें यहीं थम जाएँ’?

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पवित्र बाइबल

मैंने सागर से कहा, ‘तू यहाँ तक आ सकता है किन्तु और अधिक आगे नहीं। तेरी अभिमानी लहरें यहाँ तक रुक जायेंगी।’

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Hindi Holy Bible

यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमंडने वाली लहरें यहीं थम जाएं?

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

और समुद्र को यह आदेश दिया था, “तू यहाँ तक आ सकेगा, इससे आगे नहीं! तेरी उमड़नेवाली लहरें यहाँ ठहर जाएंगी।”

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सरल हिन्दी बाइबल

तथा मैंने यह आदेश दे दिया ‘तुम यहीं तक आ सकते हो, इसके आगे नहीं तथा यहां आकर तुम्हारी वे सशक्त वाली तरंगें रुक जाएंगी’?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

‘यहीं तक आ, और आगे न बढ़, और तेरी उमड़नेवाली लहरें यहीं थम जाएँ।’

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अय्यूब 38:11
19 क्रॉस रेफरेंस  

तब उसने जाकर उस जन का शव मार्ग पर पड़ा हुआ, और गदहे, और सिंह दोनों को शव के पास खड़े हुए पाया, और यह भी कि सिंह ने न तो शव को खाया, और न गदहे को फाड़ा है।


इन सब बातों में भी अय्यूब ने न तो पाप किया, और न परमेश्‍वर पर मूर्खता से दोष लगाया।


यहोवा ने शैतान से कहा, “सुन, वह तेरे हाथ में है, केवल उसका प्राण छोड़ देना।”


उजियाले और अन्धियारे के बीच जहाँ सीमा बँधी है, वहाँ तक उसने जलनिधि की सीमा ठहरा रखी है।


और उसके लिये सीमा बाँधी, और यह कहकर बेंड़े और किवाड़ें लगा दिए,


“क्या तू ने अपने जीवन में कभी भोर को आज्ञा दी, और पौ को उसका स्थान जताया है,


तू ने एक सीमा ठहराई जिसको वह नहीं लाँघ सकता है, और न लौटकर स्थल को ढाँप सकता है।


उमड़ते जल में हम उसी समय ही बह जाते।


निश्‍चय मनुष्य की जलजलाहट तेरी स्तुति का कारण हो जाएगी, और जो जलजलाहट रह जाए, उसको तू रोकेगा।


समुद्र के गर्व को तू ही तोड़ता है; जब उसके तरंग उठते हैं, तब तू उनको शान्त कर देता है।


जब उसने समुद्र की सीमा ठहराई, कि जल उसकी आज्ञा का उल्‍लंघन न कर सके, और जब वह पृथ्वी की नींव की डोरी लगाता था,


जब तू ने उसे निकाला, तब सोच–विचार कर उसको दु:ख दिया : उसने पुरवाई के दिन उसको प्रचण्ड वायु से उड़ा दिया है।


यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? क्या तुम मेरे सम्मुख नहीं थरथराते? मैं ने बालू को समुद्र की सीमा ठहराकर युग युग का ऐसा बाँध ठहराया कि वह उसे पार न कर सके; और चाहे उसकी लहरें भी उठें, तौभी वे प्रबल न हो सकें, या जब वे गरजें तौभी वे उसको न पार कर सकें।