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अय्यूब 31:24 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

“यदि मैं ने सोने का भरोसा किया होता, या कुन्दन को अपना आसरा कहा होता,

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पवित्र बाइबल

“मैंने कभी अपने धन का भरोसा न किया, और मैंने कभी नहीं शुद्ध सोने से कहा कि “तू मेरी आशा है!”

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Hindi Holy Bible

यदि मैं ने सोने का भरोसा किया होता, वा कुन्दन को अपना आसरा कहा होता,

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

‘यदि मैंने सोना-चांदी का भरोसा किया होता, अथवा शुद्ध सोने को अपना आश्रय माना होता;

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सरल हिन्दी बाइबल

“यदि मेरा भरोसा मेरी धनाढ्यता पर हो तथा सोने को मैंने, ‘अपनी सुरक्षा घोषित किया हो,’

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

“यदि मैंने सोने का भरोसा किया होता, या कुन्दन को अपना आसरा कहा होता,

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अय्यूब 31:24
18 क्रॉस रेफरेंस  

फिर लाबान के पुत्रों की ये बातें याक़ूब के सुनने में आईं, “याक़ूब ने हमारे पिता का सब कुछ छीन लिया है, और हमारे पिता के धन के कारण उसकी यह प्रतिष्‍ठा है।”


तू अपनी अनमोल वस्तुओं को धूल पर, वरन् ओपीर का कुन्दन भी नालों के पत्थरों में डाल दे,


क्योंकि वह मर कर कुछ भी साथ न ले जाएगा; न उसका वैभव उसके साथ क़ब्र में जाएगा।


“देखो, यह वही पुरुष है जिसने परमेश्‍वर को अपनी शरण नहीं माना, परन्तु अपने धन की बहुतायत पर भरोसा रखता था, और अपने को दुष्‍टता में दृढ़ करता रहा!”


अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पत्ति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना।


धनी का धन उसका दृढ़ नगर है, परन्तु कंगाल की निर्धनता उसके विनाश का कारण है।


जो अपने धन पर भरोसा रखता है वह गिर जाता है, परन्तु धर्मी लोग नये पत्ते के समान लहलहाते हैं।


ऐसा न हो कि जब मेरा पेट भर जाए, तब मैं इन्कार करके कहूँ कि यहोवा कौन है? या अपना भाग खोकर चोरी करूँ, और अपने परमेश्‍वर का नाम अनुचित रीति से लूँ।


यहोवा यों कहता है : “बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे;


तू ने बड़ी बुद्धि से लेन–देन किया जिस से तेरा धन बढ़ा, और धन के कारण तेरा मन फूल उठा है।


यीशु ने चारों ओर देखकर अपने चेलों से कहा, “धनवानों का परमेश्‍वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है!”


और उसने उनसे कहा, “चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो; क्योंकि किसी का जीवन उसकी सम्पत्ति की बहुतायत से नहीं होता।”


इसलिये अपने उन अंगों को मार डालो जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात् व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्तिपूजा के बराबर है।


क्योंकि रुपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्‍त करने का प्रयत्न करते हुए बहुतों ने विश्‍वास से भटककर अपने आप को नाना प्रकार के दु:खों से छलनी बना लिया है।


इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्‍वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है।