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अय्यूब 15:13 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

तू भी अपनी आत्मा परमेश्‍वर के विरुद्ध करता है, और अपने मुँह से व्यर्थ बातें निकलने देता है।

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पवित्र बाइबल

जब तू इन क्रोध भरे वचनों को कहता है, तो तू परमेश्वर के विरुद्ध होता है।

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Hindi Holy Bible

तू भी अपनी आत्मा ईश्वर के विरुद्ध करता है, और अपने मुंह से व्यर्थ बातें निकलने देता है।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

इसलिए कि तुम परमेश्‍वर के प्रति अपना क्रोध प्रकट करते हो, और अपने मुँह से निरर्थक शब्‍द निकलने देते हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

कि तुम्हारा हृदय परमेश्वर के विरुद्ध हो गया है, तथा तुम अब ऐसे शब्द व्यर्थ रूप से उच्चार रहे हो?

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

तू भी अपनी आत्मा परमेश्वर के विरुद्ध करता है, और अपने मुँह से व्यर्थ बातें निकलने देता है।

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अय्यूब 15:13
16 क्रॉस रेफरेंस  

परन्तु कैन और उसकी भेंट को उसने ग्रहण न किया। तब कैन अति क्रोधित हुआ, और उसके मुँह पर उदासी छा गई।


वह उनसे यों बातें कर ही रहा था कि राजा उसके पास आ पहुँचा। और राजा कहने लगा, “यह विपत्ति यहोवा की ओर से है, अब मैं आगे को यहोवा की बाट क्यों जोहता रहूँ?”


क्या तुझे अन्धेर करना, और दुष्‍टों की युक्‍ति को सफल करके अपने हाथों के बनाए हुए को निकम्मा जानना भला लगता है?


डाकुओं के डेरे कुशल क्षेम से रहते हैं, और जो परमेश्‍वर को क्रोध दिलाते हैं, वे बहुत ही निडर रहते हैं; अर्थात् उनका ईश्‍वर उनकी मुट्ठी में रहता है।


तेरा मन क्यों तुझे खींच ले जाता है, और तू आँख से क्यों सैन करता है?


मनुष्य है क्या कि वह निष्कलंक हो? या जो स्त्री से उत्पन्न हुआ वह है क्या कि निर्दोष हो सके?


वह बुद्धिमान और अति सामर्थी है : उसके विरोध में हठ करके कौन कभी प्रबल हुआ है?


अपनी जीभ को बुराई से रोक रख, और अपने मुँह की चौकसी कर कि उससे छल की बात न निकले।


मूढ़ता के कारण मनुष्य का मार्ग टेढ़ा होता है, और वह मन ही मन यहोवा से चिढ़ने लगता है।


इसलिये जीवित मनुष्य क्यों कुड़कुड़ाए? और पुरुष अपने पाप के दण्ड को क्यों बुरा माने?


“तौभी तुम लोग कहते हो, ‘प्रभु की गति एक सी नहीं।’ हे इस्राएल के घराने, देख, क्या मेरी गति एक सी नहीं? क्या तुम्हारी ही गति अनुचित नहीं है?


“यहोवा यह कहता है, तुम ने मेरे विरुद्ध ढिठाई की बातें कहीं हैं। परन्तु तुम पूछते हो, ‘हम ने तेरे विरुद्ध क्या कहा है?’


यदि कोई अपने आप को भक्‍त समझे और अपनी जीभ पर लगाम न दे पर अपने हृदय को धोखा दे, तो उसकी भक्‍ति व्यर्थ है।