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2 कुरिन्थियों 8:12 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है, न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं।

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पवित्र बाइबल

क्योंकि यदि दान देने की लगन है तो व्यक्ति के पास जो कुछ है, उसी के अनुसार उसका दान ग्रहण करने योग्य बनता है, न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं है।

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Hindi Holy Bible

क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

यदि दान देने की उत्‍सुकता है, तो सामर्थ्य के अनुसार जो कुछ भी दिया जाए, वह परमेश्‍वर को ग्राह्य है। किसी से यह आशा नहीं की जाती है कि वह अपने सामर्थ्य से अधिक दान दे।

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नवीन हिंदी बाइबल

क्योंकि यदि कोई दान देने को उत्सुक हो, तो जो उसके पास है उसी के अनुसार वह दान ग्रहणयोग्य होता है, न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं है।

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सरल हिन्दी बाइबल

यदि किसी में दान देने की इच्छा है तो जो कुछ उसके पास है, उसी के आधार पर उसका दान ग्रहण होगा—उसके आधार पर नहीं, जो उसके पास नहीं है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं।

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2 कुरिन्थियों 8:12
21 क्रॉस रेफरेंस  

परन्तु यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कहा, ‘तेरी जो इच्छा है कि यहोवा के नाम का एक भवन बनाए, ऐसी इच्छा करके तू ने भला तो किया;


“इस्राएलियों से यह कहना कि मेरे लिये भेंट लाएँ; जितने अपनी इच्छा से देना चाहें उन्हीं सभों से मेरी भेंट लेना।


फिर जितने चाँदी, या पीतल की भेंट के देनेवाले थे वे यहोवा के लिये वैसी भेंट ले आए; और जिस जिसके पास सेवा के किसी काम के लिये बबूल की लकड़ी थी वे उसे ले आए।


जिस जिस वस्तु के बनाने की आज्ञा यहोवा ने मूसा के द्वारा दी थी उसके लिये जो कुछ आवश्यक था, उसे वे सब पुरुष और स्त्रियाँ ले आईं, जिनके हृदय में ऐसी इच्छा उत्पन्न हुई थी। इस प्रकार इस्राएली यहोवा के लिये अपनी ही इच्छा से भेंट ले आए।


तुम्हारे पास से यहोवा के लिये भेंट ली जाए, अर्थात् जितने अपनी इच्छा से देना चाहें वे यहोवा की भेंट करके ये वस्तुएँ ले आएँ; अर्थात् सोना, चाँदी, पीतल;


मनुष्य कृपा करने के अनुसार चाहने योग्य होता है, और निर्धन जन झूठ बोलनेवाले से उत्तम है।


इसी रीति से जिसको दो मिले थे, उसने भी दो और कमाए।


“और जिसको दो तोड़े मिले थे, उसने भी आकर कहा, ‘हे स्वामी, तू ने मुझे दो तोड़े सौंपे थे, देख, मैं ने दो तोड़े और कमाए।’


जो थोड़े से थोड़े में सच्‍चा है, वह बहुत में भी सच्‍चा है : और जो थोड़े से थोड़े में अधर्मी है, वह बहुत में भी अधर्मी है।


इसलिये अब यह काम पूरा करो कि जैसा इच्छा करने में तुम तैयार थे, वैसा ही अपनी अपनी पूंजी के अनुसार पूरा भी करो।


यह नहीं कि दूसरों को चैन और तुम को क्लेश मिले,


और इतना ही नहीं, परन्तु वह कलीसिया द्वारा ठहराया भी गया कि इस दान के काम के लिये हमारे साथ जाए। हम यह सेवा इसलिये करते हैं कि प्रभु की महिमा और हमारे मन की तैयारी प्रगट हो जाए।


हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे; न कुढ़ कुढ़ के और न दबाव से, क्योंकि परमेश्‍वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है।


जिसको जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्‍वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्डारियों के समान एक दूसरे की सेवा में लगाए।