वे प्रजा के समान तेरे पास आते और मेरी प्रजा बनकर तेरे सामने बैठकर तेरे वचन सुनते हैं, परन्तु वे उन पर चलते नहीं; मुँह से तो वे बहुत प्रेम दिखाते हैं, परन्तु उनका मन लालच ही में लगा रहता है।
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वे प्रजा के समान तेरे पास आते और मेरी प्रजा बनकर तेरे सामने बैठकर तेरे वचन सुनते हैं, परन्तु वे उन पर चलते नहीं; मुँह से तो वे बहुत प्रेम दिखाते हैं, परन्तु उनका मन लालच ही में लगा रहता है।
और चिह्नों, और अद्भुत कामों की सामर्थ्य से, और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से मेरे ही द्वारा किए; यहाँ तक कि मैं ने यरूशलेम से लेकर चारों ओर इल्लुरिकुम तक मसीह के सुसमाचार का पूरा पूरा प्रचार किया।
क्योंकि एक को आत्मा के द्वारा बुद्धि की बातें दी जाती हैं, और दूसरे को उसी आत्मा के अनुसार ज्ञान की बातें।
प्रेम धीरजवन्त है, और कृपालु है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं,
और मेरे वचन, और मेरे प्रचार में ज्ञान की लुभानेवाली बातें नहीं, परन्तु आत्मा और सामर्थ्य का प्रमाण था,
मैं परमेश्वर को गवाह करके कहता हूँ कि मैं अब तक कुरिन्थुस में इसलिये नहीं आया, कि मुझे तुम पर तरस आता था।
क्यों? क्या इसलिये कि मैं तुम से प्रेम नहीं रखता? परमेश्वर यह जानता है कि मैं प्रेम रखता हूँ।
यदि कोई तुम्हारे पास आकर किसी दूसरे यीशु का प्रचार करे, जिसका प्रचार हम ने नहीं किया; या कोई और आत्मा तुम्हें मिले, जो पहले न मिला था; या और कोई सुसमाचार सुनाए जिसे तुम ने पहले न माना था, तो तुम उसे सह लेते हो।
यदि मैं वक्तव्य में अनाड़ी हूँ, तौभी ज्ञान में नहीं। हम ने इसको हर बात में सब प्रकार से तुम्हारे लिये प्रगट किया है।
मैं तुम्हारी आत्माओं के लिये बहुत आनन्द से खर्च करूँगा, वरन् आप भी खर्च हो जाऊँगा। क्या जितना बढ़कर मैं तुम से प्रेम रखता हूँ, उतना ही घटकर तुम मुझ से प्रेम रखोगे?
इस कारण मैं तुम्हारे पीठ पीछे ये बातें लिखता हूँ, कि उपस्थित होकर मुझे उस अधिकार के अनुसार जिसे प्रभु ने बिगाड़ने के लिये नहीं पर बनाने के लिये मुझे दिया है, कड़ाई से कुछ करना न पड़े।
जिसका तुम कुछ क्षमा करते हो उसे मैं भी क्षमा करता हूँ, क्योंकि मैं ने भी जो कुछ क्षमा किया है, यदि किया हो, तो तुम्हारे कारण मसीह की जगह में होकर क्षमा किया है
बड़े क्लेश और मन के कष्ट से मैं ने बहुत से आँसू बहा बहाकर तुम्हें लिखा था, इसलिये नहीं कि तुम उदास हो परन्तु इसलिये कि तुम उस बड़े प्रेम को जान लो, जो मुझे तुम से है।
यह प्रगट है कि तुम मसीह की पत्री हो, जिसको हम ने सेवकों के समान लिखा, और जो स्याही से नहीं परन्तु जीवते परमेश्वर के आत्मा से, पत्थर की पटियों पर नहीं, परन्तु हृदय की मांस रूपी पटियों पर लिखी है।
इसलिये कि परमेश्वर ही है, जिसने कहा, “अन्धकार में से ज्योति चमके,” और वही हमारे हृदयों में चमका कि परमेश्वर की महिमा की पहिचान की ज्योति यीशु मसीह के चेहरे से प्रकाशमान हो।
हमें अपने हृदय में जगह दो। हम ने न किसी के साथ अन्याय किया, न किसी को बिगाड़ा, और न किसी को ठगा।
मैं तुम से केवल यह जानना चाहता हूँ कि तुम ने आत्मा को, क्या व्यवस्था के कामों से या विश्वास के समाचार से पाया?
जो तुम्हें आत्मा दान करता और तुम में सामर्थ्य के काम करता है, वह क्या व्यवस्था के कामों से या सुसमाचार पर विश्वास से ऐसा करता है?
एक दूसरे पर कृपालु और करुणामय हो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो।
जिन पर परमेश्वर ने प्रगट करना चाहा कि उन्हें ज्ञात हो कि अन्यजातियों में उस भेद की महिमा का मूल्य क्या है, और वह यह है कि मसीह जो महिमा की आशा है तुम में रहता है।
इसलिये परमेश्वर के चुने हुओं के समान जो पवित्र और प्रिय हैं, बड़ी करुणा, और भलाई, और दीनता, और नम्रता, और सहनशीलता धारण करो,
तुम आप ही गवाह हो, और परमेश्वर भी गवाह है कि तुम विश्वासियों के बीच में हमारा व्यवहार कैसा पवित्र और धार्मिक और निर्दोष रहा।
कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल–चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्रता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा।
बूढ़ी स्त्रियों को माता जानकर; और जवान स्त्रियों को पूरी पवित्रता से बहिन जानकर समझा दे।
परन्तु तू ने उपदेश, चालचलन, मनसा, विश्वास, सहनशीलता, प्रेम, धीरज, और सताए जाने, और दु:ख उठाने में मेरा साथ दिया;
कि तू वचन का प्रचार कर, समय और असमय तैयार रह, सब प्रकार की सहनशीलता और शिक्षा के साथ उलाहना दे और डाँट और समझा।
पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया और अच्छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है।
उन पर यह प्रगट किया गया कि वे अपनी नहीं वरन् तुम्हारी सेवा के लिये ये बातें कहा करते थे, जिनका समाचार अब तुम्हें उनके द्वारा मिला जिन्होंने पवित्र आत्मा के द्वारा, जो स्वर्ग से भेजा गया, तुम्हें सुसमाचार सुनाया; और इन बातों को स्वर्गदूत भी ध्यान से देखने की लालसा रखते हैं।
अत: जब कि तुम ने भाईचारे की निष्कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन–मन लगाकर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो।
तब दलीला ने उससे कहा, “तेरा मन तो मुझ से नहीं लगा, फिर तू क्यों कहता है, कि मैं तुझ से प्रीति रखता हूँ? तू ने तीनों बार मुझ से छल किया, और मुझे नहीं बताया कि तेरे बड़े बल का भेद क्या है।”