तू जो कहता है कि मेरे यहाँ युद्ध के लिये युक्ति और पराक्रम है, वह तो केवल बात ही बात है। तू किस पर भरोसा रखता है कि तू ने मुझ से बलवा किया है?
2 इतिहास 32:3 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) हिजकिय्याह ने अपने हाकिमों और वीरों के साथ यह सम्मति की कि नगर के बाहर के सोतों को पटवा दें; और उन्होंने उसकी सहायता की। पवित्र बाइबल तब हिजकिय्याह ने अपने अधिकारियों और सेना के अधिकरियों से सलाह ली। वे एकमत हो गए कि नगर के बाहर के सोतों का पानी रोक दिया जाये। उन अधिकारियों और सेना के अधिकारियों ने हिजकिय्याह की सहायता की। Hindi Holy Bible हिजकिय्याह ने अपने हाकिमों और वीरों के साथ यह सम्मति की, कि नगर के बाहर के सोतों को पठवा दें; और उन्होंने उसकी सहायता की। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब उसने अपने अधिकारियों और योद्धाओं के साथ मिलकर एक योजना बनाई कि नगर की बाहरी सीमा के जल-स्रोतों का मुंह बन्द कर दिया जाए। उन्होंने राजा हिजकियाह की इस योजना को पूर्ण करने में सहायता की। सरल हिन्दी बाइबल अपने अधिकारियों और योद्धाओं के साथ उसने योजना की कि नगर के बाहर के झरनों से जल की आपूर्ति काट दी जाए. इसमें उन्होंने उसकी सहायता की. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 हिजकिय्याह ने अपने हाकिमों और वीरों के साथ यह सम्मति की, कि नगर के बाहर के सोतों को पटवा दें; और उन्होंने उसकी सहायता की। |
तू जो कहता है कि मेरे यहाँ युद्ध के लिये युक्ति और पराक्रम है, वह तो केवल बात ही बात है। तू किस पर भरोसा रखता है कि तू ने मुझ से बलवा किया है?
हिजकिय्याह के और सब काम और उसकी सारी वीरता और किस रीति उसने एक जलाशय और नहर खुदवाकर नगर में पानी पहुँचा दिया, यह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है?
राजा और उसके हाकिमों और यरूशलेम की मण्डली ने सम्मति की थी कि फसह को दूसरे महीने में मनाएँ।
उसी हिजकिय्याह ने गीहोन नामक नदी के ऊपर के सोते को पाटकर उस नदी को नीचे की ओर दाऊदपुर के पश्चिम की ओर सीधा पहुँचाया, और हिजकिय्याह अपने सब कामों में सफल होता था।
इस पर बहुत से लोग इकट्ठा हुए, और यह कहकर कि, “अश्शूर के राजा क्यों यहाँ आएँ, और आकर बहुत पानी पाएँ,” उन्होंने सब सोतों को पाट दिया और उस नदी को सुखा दिया जो देश के मध्य से होकर बहती थी।
बिना सम्मति की कल्पनाएँ निष्फल हुआ करती हैं, परन्तु बहुत से मंत्रियों की सम्मति से बात ठहरती है।
इसलिये जब तू युद्ध करे, तब युक्ति के साथ करना, विजय बहुत से मंत्रियों के द्वारा प्राप्त होती है।
घिर जाने के दिनों के लिये पानी भर ले, और गढ़ों को अधिक दृढ़ कर; कीचड़ में आकर गारा लताड़ और भट्ठे को सजा!