सब चलनेवाले जन्तु तुम्हारा आहार होंगे; जैसा तुम को हरे हरे छोटे पेड़ दिए थे, वैसा ही अब सब कुछ देता हूँ।
1 तीमुथियुस 4:3 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो विवाह करने से रोकेंगे, और भोजन की कुछ वस्तुओं से परे रहने की आज्ञा देंगे, जिन्हें परमेश्वर ने इसलिये सृजा कि विश्वासी और सत्य के पहिचाननेवाले उन्हें धन्यवाद के साथ खाएँ। पवित्र बाइबल वे विवाह का निषेध करेंगे। कुछ वस्तुएँ खाने को मना करेंगे जिन्हें परमेश्वर के विश्वासियों तथा जो सत्य को पहचानते हैं, उनके लिए धन्यवाद देकर ग्रहण कर लेने को बनाया गया है। Hindi Holy Bible जो ब्याह करने से रोकेंगे, और भोजन की कुछ वस्तुओं से परे रहने की आज्ञा देंगे; जिन्हें परमेश्वर ने इसलिये सृजा कि विश्वासी, और सत्य के पहिचानने वाले उन्हें धन्यवाद के साथ खाएं। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो विवाह का निषेध करते हैं और कुछ भोज्य वस्तुओं से परहेज करने का आदेश देते हैं−यद्यपि परमेश्वर ने उन वस्तुओं की सृष्टि इसलिए की है कि सत्य जानने वाले विश्वासी धन्यवाद देते हुए उन्हें ग्रहण करें। नवीन हिंदी बाइबल वे विवाह करने से रोकेंगे, और कुछ भोजन वस्तुओं को त्यागने की आज्ञा देंगे जिन्हें परमेश्वर ने इसलिए सृजा है कि विश्वासी और सत्य को जाननेवाले धन्यवाद के साथ खाएँ। सरल हिन्दी बाइबल ये वे हैं, जो विवाह करने से रोकते हैं, भोजन पदार्थों को भी त्यागने की मांग करते हैं, जिन्हें परमेश्वर ने विश्वासियों और सच्चाई को जानने वाले व्यक्तियों की भलाई के लिए इसलिये बनाया है कि धन्यवाद के साथ मिलजुल कर खाया जाएं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो विवाह करने से रोकेंगे, और भोजन की कुछ वस्तुओं से परे रहने की आज्ञा देंगे; जिन्हें परमेश्वर ने इसलिए सृजा कि विश्वासी और सत्य के पहचाननेवाले उन्हें धन्यवाद के साथ खाएँ। (उत्प. 9:3) |
सब चलनेवाले जन्तु तुम्हारा आहार होंगे; जैसा तुम को हरे हरे छोटे पेड़ दिए थे, वैसा ही अब सब कुछ देता हूँ।
सुन, जो भली बात मैं ने देखी है, वरन् जो उचित है, वह यह कि मनुष्य खाए और पीए और अपने परिश्रम से जो वह धरती पर करता है, अपनी सारी आयु भर जो परमेश्वर ने उसे दी है, सुखी रहे; क्योंकि उसका भाग यही है।
वह अपने पुरखाओं के देवताओं की चिन्ता न करेगा, न स्त्रियों की प्रीति की कुछ चिन्ता करेगा और न किसी देवता की; क्योंकि वह अपने आप ही को सभों के ऊपर बड़ा ठहराएगा।
तब उसने लोगों को घास पर बैठने को कहा, और उन पाँच रोटियों और दो मछलियों को लिया; और स्वर्ग की ओर देखकर धन्यवाद किया और रोटियाँ तोड़–तोड़कर चेलों को दीं, और चेलों ने लोगों को।
जो मुँह में जाता है, वह मनुष्य को अशुद्ध नहीं करता, पर जो मुँह से निकलता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है।”
और उन सात रोटियों और मछलियों को लिया, धन्यवाद करके तोड़ा, और अपने चेलों को देता गया, और चेले लोगों को।
जब वह उनके साथ भोजन करने बैठा, तो उसने रोटी लेकर धन्यवाद किया और उसे तोड़कर उनको देने लगा।
तब अन्य नावें तिबिरियास से उस जगह के निकट आईं, जहाँ उन्होंने प्रभु के धन्यवाद करने के बाद रोटी खाई थी।
क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना–पीना नहीं, परन्तु धर्म और मेलमिलाप और वह आनन्द है जो पवित्र आत्मा से होता है।
खानेवाला न–खानेवाले को तुच्छ न जाने, और न–खानेवाला खानेवाले पर दोष न लगाए; क्योंकि परमेश्वर ने उसे ग्रहण किया है।
जो किसी दिन को मानता है, वह प्रभु के लिये मानता है। जो खाता है, वह प्रभु के लिये खाता है, क्योंकि वह परमेश्वर का धन्यवाद करता है, और जो नहीं खाता, वह प्रभु के लिये नहीं खाता और परमेश्वर का धन्यवाद करता है।
भोजन पेट के लिये, और पेट भोजन के लिये है, परन्तु परमेश्वर इस को और उस को दोनों को नष्ट करेगा। परन्तु देह व्यभिचार के लिये नहीं, वरन् प्रभु के लिये है, और प्रभु देह के लिये है।
परन्तु यदि तू विवाह भी करे, तो पाप नहीं; और यदि कुँवारी ब्याही जाए तो कोई पाप नहीं। परन्तु ऐसों को शारीरिक दु:ख होगा, और मैं बचाना चाहता हूँ।
भोजन हमें परमेश्वर के निकट नहीं पहुँचाता। यदि हम न खाएँ तो हमारी कुछ हानि नहीं, और यदि खाएँ तो कुछ लाभ नहीं।
वचन में या काम में जो कुछ भी करो सब प्रभु यीशु के नाम से करो, और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो।
क्योंकि परमेश्वर की सृजी हुई हर एक वस्तु अच्छी है, और कोई वस्तु अस्वीकार करने के योग्य नहीं; पर यह कि धन्यवाद के साथ खाई जाए,
इसलिये मैं यह चाहता हूँ कि जवान विधवाएँ विवाह करें, और बच्चे जनें और घरबार संभालें, और किसी विरोधी को बदनाम करने का अवसर न दें।
विवाह सब में आदर की बात समझी जाए, और विवाह–बिछौना निष्कलंक रहे, क्योंकि परमेश्वर व्यभिचारियों, और परस्त्रीगामियों का न्याय करेगा।
नाना प्रकार के विचित्र उपदेशों से न भरमाए जाओ, क्योंकि मन का अनुग्रह से दृढ़ रहना भला है, न कि उन खाने की वस्तुओं से जिन से काम रखनेवालों को कुछ लाभ न हुआ।
ज्योंही तुम नगर में पहुँचो त्योंही वह तुम को ऊँचे स्थान पर खाना खाने को जाने से पहले मिलेगा; क्योंकि जब तक वह न पहुँचे तब तक लोग भोजन न करेंगे, इसलिये कि यज्ञ के विषय में वही धन्यवाद करता; तब उसके बाद ही आमन्त्रित लोग भोजन करते हैं। इसलिये तुम अभी चढ़ जाओ, इसी समय वह तुम्हें मिलेगा।”