वे हर एक वेदी के पास बन्धक के वस्त्रों पर सोते हैं, और दण्ड के रुपये से मोल लिया हुआ दाखमधु अपने देवता के घर में पी लेते हैं।
1 कुरिन्थियों 8:10 - पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि यदि कोई तुझ ज्ञानी को मूर्ति के मन्दिर में भोजन करते देखे और वह निर्बल जन हो, तो क्या उसके विवेक को मूर्ति के सामने बलि की हुई वस्तु खाने का साहस न हो जाएगा। पवित्र बाइबल क्योंकि दुर्बल मन का कोई व्यक्ति यदि तुझ जैसे इस विषय के जानकार को मूर्ति वाले मन्दिर में खाते हुए देखता है तो उसका दुर्बल मन क्या उस हद तक नहीं भटक जायेगा कि वह मूर्ति पर बलि चढ़ाई गयी वस्तुओं को खाने लगे। Hindi Holy Bible क्योंकि यदि कोई तुझ ज्ञानी को मूरत के मन्दिर में भोजन करते देखे, और वह निर्बल जन हो, तो क्या उसके विवेक में मूरत के साम्हने बलि की हुई वस्तु के खाने का हियाव न हो जाएगा। पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मान लीजिए कि आप को ‘ज्ञान’ प्राप्त हो और आप किसी मन्दिर में भोजन करने जायें। यदि ऐसा कोई व्यक्ति आप को यह करते देख ले, जिसका अन्त:करण दुर्बल है, तो क्या उसे मूर्तियों को अर्पित मांस खाने के लिए प्रोत्साहन नहीं मिलेगा? नवीन हिंदी बाइबल यदि कोई तुझे, जिसको यह ज्ञान है, मूर्ति के मंदिर में भोजन करते देख ले, तो क्या उसके निर्बल विवेक को मूर्तियों को चढ़ाया हुआ भोजन खाने का साहस न होगा? सरल हिन्दी बाइबल यदि किसी का विवेक कमजोर है और वह तुम जैसे ज्ञानी व्यक्ति को मूर्ति के मंदिर में भोजन करते देख ले तो क्या उसे भी मूर्ति को चढ़ाई हुई वस्तुएं खाने का साहस न मिलेगा? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि यदि कोई तुझ ज्ञानी को मूरत के मन्दिर में भोजन करते देखे, और वह निर्बल जन हो, तो क्या उसके विवेक में मूरत के सामने बलि की हुई वस्तु के खाने का साहस न हो जाएगा। |
वे हर एक वेदी के पास बन्धक के वस्त्रों पर सोते हैं, और दण्ड के रुपये से मोल लिया हुआ दाखमधु अपने देवता के घर में पी लेते हैं।
और जब उन स्त्रियों ने उन लोगों को अपने देवताओं के यज्ञों में नेवता दिया, तब वे लोग खाकर उनके देवताओं को दण्डवत् करने लगे।
परन्तु उन्हें लिख भेजें कि वे मूरतों की अशुद्धताओं और व्यभिचार और गला घोंटे हुओं के मांस से और लहू से दूर रहें।
मैं जानता हूँ और प्रभु यीशु में मुझे निश्चय हुआ है कि कोई वस्तु अपने आप से अशुद्ध नहीं, परन्तु जो उसको अशुद्ध समझता है उसके लिये अशुद्ध है।
परन्तु जो सन्देह कर के खाता है वह दण्ड के योग्य ठहर चुका, क्योंकि वह विश्वास से नहीं खाता; और जो कुछ विश्वास* से नहीं, वह पाप है।
अत: मूर्तियों के सामने बलि की हुई वस्तुओं के खाने के विषय में – हम जानते हैं कि मूर्ति जगत में कोई वस्तु नहीं, और एक को छोड़ और कोई परमेश्वर नहीं।
पर सब को यह ज्ञान नहीं, परन्तु कुछ तो अब तक मूर्ति को कुछ समझने के कारण मूर्तियों के सामने बलि की हुई वस्तु को कुछ समझकर खाते हैं, और उनका विवेक निर्बल होने के कारण अशुद्ध हो जाता है।
परन्तु सावधान! ऐसा न हो कि तुम्हारी यह स्वतंत्रता कहीं निर्बलों के लिये ठोकर का कारण हो जाए।
और उन्होंने मैदान में जाकर अपनी अपनी दाख की बारियों के फल तोड़े और उनका रस रौंदा और स्तुति का बलिदान कर अपने देवता के मन्दिर में जाकर खाने–पीने और अबीमेलेक को कोसने लगे।