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1 कुरिन्थियों 8:10 - नवीन हिंदी बाइबल

10 यदि कोई तुझे, जिसको यह ज्ञान है, मूर्ति के मंदिर में भोजन करते देख ले, तो क्या उसके निर्बल विवेक को मूर्तियों को चढ़ाया हुआ भोजन खाने का साहस न होगा?

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पवित्र बाइबल

10 क्योंकि दुर्बल मन का कोई व्यक्ति यदि तुझ जैसे इस विषय के जानकार को मूर्ति वाले मन्दिर में खाते हुए देखता है तो उसका दुर्बल मन क्या उस हद तक नहीं भटक जायेगा कि वह मूर्ति पर बलि चढ़ाई गयी वस्तुओं को खाने लगे।

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Hindi Holy Bible

10 क्योंकि यदि कोई तुझ ज्ञानी को मूरत के मन्दिर में भोजन करते देखे, और वह निर्बल जन हो, तो क्या उसके विवेक में मूरत के साम्हने बलि की हुई वस्तु के खाने का हियाव न हो जाएगा।

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पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

10 मान लीजिए कि आप को ‘ज्ञान’ प्राप्‍त हो और आप किसी मन्‍दिर में भोजन करने जायें। यदि ऐसा कोई व्यक्‍ति आप को यह करते देख ले, जिसका अन्‍त:करण दुर्बल है, तो क्‍या उसे मूर्तियों को अर्पित मांस खाने के लिए प्रोत्‍साहन नहीं मिलेगा?

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

10 क्योंकि यदि कोई तुझ ज्ञानी को मूर्ति के मन्दिर में भोजन करते देखे और वह निर्बल जन हो, तो क्या उसके विवेक को मूर्ति के सामने बलि की हुई वस्तु खाने का साहस न हो जाएगा।

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सरल हिन्दी बाइबल

10 यदि किसी का विवेक कमजोर है और वह तुम जैसे ज्ञानी व्यक्ति को मूर्ति के मंदिर में भोजन करते देख ले तो क्या उसे भी मूर्ति को चढ़ाई हुई वस्तुएं खाने का साहस न मिलेगा?

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1 कुरिन्थियों 8:10
13 क्रॉस रेफरेंस  

बल्कि उन्हें लिख भेजें कि वे मूर्तियों की अशुद्धताओं से, और व्यभिचार से, और गला घोंटे हुए पशुओं के मांस से, और लहू से दूर रहें;


मैं जानता हूँ और प्रभु यीशु में मुझे निश्‍चय हुआ है कि कुछ भी अपने आपमें अशुद्ध नहीं है; परंतु जो उसे अशुद्ध समझता है, उसके लिए वह अशुद्ध है।


परंतु यदि कोई संदेह करके खाए तो वह दोषी ठहर चुका है, क्योंकि वह विश्‍वास से नहीं खाता; और जो कुछ विश्‍वास से नहीं, वह पाप है।


तुम न तो यहूदियों, न यूनानियों और न ही परमेश्‍वर की कलीसिया के लिए ठोकर का कारण बनो;


अतः मूर्तियों को चढ़ाई हुई वस्तुओं को खाने के विषय में हम जानते हैं कि संसार में मूर्ति का कोई अस्तित्व नहीं, और एक को छोड़ कोई परमेश्‍वर नहीं।


परंतु यह ज्ञान सब मनुष्यों को नहीं है। कुछ लोग मूर्तिपूजा के अब तक इतने आदी हो गए हैं कि वे मूर्ति को चढ़ाए गए भोजन को कुछ विशेष समझकर खाते हैं और उनका विवेक निर्बल होने के कारण अशुद्ध हो जाता है।


सावधान रहो, कहीं ऐसा न हो कि तुम्हारी यह स्वतंत्रता निर्बलों के लिए ठोकर का कारण बन जाए।


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