‘तूने हमारे पूर्वजों के सामने लाल सागर को दो भागों में विभक्त किया, और वे सागर के मध्य से गुजरकर सूखी भूमि पर पहुँच गए। पर तूने उनका पीछा करनेवालों को सागर की अतल गहराई में फेंक दिया, जैसे पत्थर को कोई महासागर में फेंकता है!
हबक्कूक 3:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) पहाड़ों ने तुझे देखा, वे कांप उठे। जल-प्रलय की धाराएँ फूट पड़ीं। अथाह सागर चिल्ला पड़ा, उसने अपने हाथ ऊपर उठा लिए। पवित्र बाइबल पहाड़ों ने तुझे देखा और वे काँप उठे। जल धरती को फोड़ कर बहने लगा था। धरती से ऊँचे फव्वारे गहन गर्जन करते हुए फूट रहे थे। Hindi Holy Bible पहाड़ तुझे देख कर कांप उठे; आंधी और जलप्रलय निकल गए; गहिरा सागर बोल उठा और अपने हाथों अर्थात लहरों को ऊपर उठाया। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पहाड़ तुझे देखकर काँप उठे; आँधी और जलप्रलय निकल गए; गहिरा सागर बोल उठा और अपने हाथों अर्थात् लहरों को ऊपर उठाया। सरल हिन्दी बाइबल पर्वत आपको देखकर थर्रा उठे. पानी का तेज प्रवाह होने लगा; गहरे समुद्र गरज उठे और उसमें से ऊंची-ऊंची लहरें उठने लगी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पहाड़ तुझे देखकर काँप उठे; आँधी और जल-प्रलय निकल गए; गहरा सागर बोल उठा और अपने हाथों अर्थात् लहरों को ऊपर उठाया। |
‘तूने हमारे पूर्वजों के सामने लाल सागर को दो भागों में विभक्त किया, और वे सागर के मध्य से गुजरकर सूखी भूमि पर पहुँच गए। पर तूने उनका पीछा करनेवालों को सागर की अतल गहराई में फेंक दिया, जैसे पत्थर को कोई महासागर में फेंकता है!
वह पृथ्वी पर दृष्टिपात करता है, और वह कांप उठती है; वह पर्वतों को स्पर्श करता है, और वे धुआं उगलने लगते हैं।
तब हे प्रभु, तेरी डांट से, तेरी नासिका के श्वास के धमाके से समुद्रों के झरने दिखाई दिए, पृथ्वी की नींव प्रकट हुई।
चराइयां भेड़-बकरियों से मानो सजी हुई हैं। घाटियां अनाज से आच्छादित हैं। वे मिलकर जयजयकार करतीं, और गाती हैं।
उसने सागर को सूखी भूमि में बदल दिया। लोगों ने पैदल ही नदी पार की थी। वहां हम प्रभु में हर्षित हुए थे।
वन-पशु, गीदड़ और शुतुरमुर्ग मेरा आदर करेंगे; क्योंकि मैं उन्हें निर्जन प्रदेश में पीने को पानी देता हूं, मरुस्थल में नदियां बहाता हूं। मैं अपने मनोनीत लोगों को, पीने का पानी प्रदान करता हूं,
तुम इस देश से आनन्दपूर्वक निकलोगे, और कुशलतापूर्वक तुम्हारा नेतृत्व किया जाएगा। मार्ग में आनेवाली पहाड़ियां और पहाड़ तुम्हारे सम्मुख आनन्द के गीत गाएंगे; मैदान के पेड़ हर्ष से तालियाँ बजाएंगे।
उसके पैरों तले पहाड़ पिघल जाएंगे, जैसे आग से मोम पिघल जाता है। घाटियाँ और गहरी बनेंगी, जैसे पानी ढाल को काटकर उसे गहरा बनाता है।
प्रभु के सम्मुख पहाड़ कांपते हैं, पहाड़ियाँ हिलने लगती हैं। उसकी उपस्थिति से, पृथ्वी और उस पर रहनेवाले प्राणी, उजड़ जाते हैं।
वह रुका, उसने पृथ्वी को नापा। उसने देखा, राष्ट्र हिल गए। युग-युग से खड़े पहाड़ बिखर गए। शाश्वत पहाड़ियाँ डूब गईं। उसकी गति आदि काल से एक-सी है।
उसी समय मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया। पृथ्वी काँप उठी। चट्टानें फट गयीं।
उस समय झील में एकाएक इतना प्रचंड तूफान उठा कि नाव लहरों से ढकी जा रही थी। परन्तु येशु सो रहे थे।
विश्वास के कारण उन लोगों ने लाल समुद्र को पार किया, मानो वह सूखी भूमि था और जब मिस्रियों ने वैसा ही करने की चेष्टा की, तो वे डूब मरे।
जब प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करने वाले पुरोहित यर्दन नदी के मध्य से बाहर निकल आए, और उन्होंने सूखी भूमि पर अपने पैर रखे तब यर्दन नदी का जल अपने पूर्व स्थान पर लौट आया, और पहले के समान उसके किनारों पर बहने लगा।
छठे स्वर्गदूत ने महानदी फरात पर अपना प्याला उँडेला। फरात नदी का पानी सूख गया, जिससे पूर्व दिशा के राजाओं का प्रवेश मार्ग तैयार हो जाये।
इसके बाद मैंने एक विशाल श्वेत सिंहासन और उस पर विराजमान व्यक्ति को देखा। पृथ्वी और आकाश उसके सामने लुप्त हो गये और उनका कहीं भी पता नहीं चला।
आकाश विलीन हो गया, मानो किसी ने कागज के पुलिन्दे को लपेट लिया हो। सभी पर्वत और द्वीप अपने-अपने स्थान से हटा दिये गये।