इसके अतिरिक्त जो तूने नहीं मांगा, वह भी मैं तुझे देता हूं : धन-सम्पत्ति और वैभव! तेरे जीवन-काल में कोई भी राजा तेरे समान समृद्ध और वैभवशाली नहीं होगा।
सभोपदेशक 5:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हर एक मनुष्य, जिसे परमेश्वर ने धन-सम्पत्ति दी है तथा उसको भोगने का सामर्थ्य भी दिया है, वह अपनी नियति को स्वीकार करे और आनन्दपूर्वक परिश्रम करे। यह परमेश्वर का वरदान है। पवित्र बाइबल यदि परमेश्वर किसी को धन, सम्पत्ति, और उन वस्तुओं का आनन्द लेने की शक्ति देता है तो उस व्यक्ति को उनका आनन्द लेना चाहिये। उस व्यक्ति को जो कुछ उसके पास है उसे स्वीकार करना चाहिये और अपने काम के जो परमेश्वर की ओर से एक उपहार है उसका रस लेना चाहिये। Hindi Holy Bible वरन हर एक मनुष्य जिसे परमेश्वर ने धन सम्पत्ति दी हो, और उन से आनन्द भोगने और उस में से अपना भाग लेने और परिश्रम करते हुए आनन्द करने को शक्ति भी दी हो- यह परमेश्वर का वरदान है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वरन् हर एक मनुष्य जिसे परमेश्वर ने धन सम्पत्ति दी हो, और उनसे आनन्द भोगने और उसमें से अपना भाग लेने और परिश्रम करते हुए आनन्द करने की शक्ति भी दी हो : यह परमेश्वर का वरदान है। नवीन हिंदी बाइबल यही नहीं, परमेश्वर जिसे धन-संपत्ति देता है उसे उसका उपभोग करने के योग्य बनाता है; और वह उसे उसमें से अपना प्रतिफल प्राप्त करने और अपने परिश्रम में आनंदित रहने की शक्ति भी देता है। यह परमेश्वर का वरदान है। सरल हिन्दी बाइबल और हर एक व्यक्ति जिसे परमेश्वर ने धन-संपत्ति दी है तो परमेश्वर ने उसे उनका इस्तेमाल करने, उनके ईनाम को पाने और अपनी मेहनत से खुश होने की योग्यता भी दी है; यह भी परमेश्वर द्वारा दिया गया ईनाम ही है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वरन् हर एक मनुष्य जिसे परमेश्वर ने धन-सम्पत्ति दी हो, और उनसे आनन्द भोगने और उसमें से अपना भाग लेने और परिश्रम करते हुए आनन्द करने को शक्ति भी दी हो यह परमेश्वर का वरदान है। |
इसके अतिरिक्त जो तूने नहीं मांगा, वह भी मैं तुझे देता हूं : धन-सम्पत्ति और वैभव! तेरे जीवन-काल में कोई भी राजा तेरे समान समृद्ध और वैभवशाली नहीं होगा।
अत: देख, मैं तुझको बुद्धि और समझ प्रदान करता हूँ। इनके अतिरिक्त मैं तुझको धन-सम्पत्ति, वैभव और मान-सम्मान भी प्रदान करता हूँ। तुझसे पहले और तेरे बाद धन-वैभव और मान-सम्मान में तेरे समान समृद्ध और वैभवशाली कोई राजा नहीं होगा।’
वस्तुत: यह परमेश्वर का वरदान है कि प्रत्येक मनुष्य भरपेट खाए-पीए और आनन्दपूर्वक परिश्रम करे।
वह बुराई यह है: परमेश्वर मनुष्य को धन-सम्पत्ति और प्रतिष्ठा प्रदान करता है, और मनुष्य को अपनी इच्छा के अनुसार सब कुछ प्राप्त हो जाता है। उसे किसी वस्तु का अभाव नहीं रहता। परन्तु उस मनुष्य को परमेश्वर धन-सम्पत्ति भोगने का सामर्थ्य नहीं देता; बल्कि अनजान व्यक्ति उसकी धन-सम्पत्ति भोगता है। अत: धन-सम्पत्ति निस्सार है, यह भयानक दु:ख की बात है।
तू अपने प्रभु परमेश्वर का स्मरण रखना; क्योंकि प्रभु परमेश्वर ही सम्पत्ति अर्जित करने के लिए तुझे शक्ति देता है, जिससे वह अपने विधान को, जिसकी शपथ उसने तेरे पूर्वजों से खाई थी, पूरा करे, जैसा आज भी है।