सभोपदेशक 2:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) क्योंकि जैसे मूर्ख की स्मृति स्थायी नहीं होती वैसे ही बुद्धिमान की भी स्मृति स्थायी नहीं होती। कुछ ही दिनों में लोग सब भूल जाते हैं। जैसे मूर्ख मरता है वैसे ही बुद्धिमान भी। पवित्र बाइबल बुद्धिमान व्यक्ति और मूर्ख व्यक्ति दोनों ही मर जायेंगे और लोग सदा के लिये न तो बुद्धिमान व्यक्ति को याद रखेंगे और न ही किसी मूर्ख व्यक्ति को। उन्होंने जो कुछ किया था, लोग उसे आगे चल कर भुला देंगे। इस प्रकार बुद्धिमान व्यक्ति और मूर्ख व्यक्ति वास्तव में एक जैसे ही हैं। Hindi Holy Bible क्योंकि न तो बुद्धिमान का और न मूर्ख का स्मरण सर्वदा बना रहेगा, परन्तु भविष्य में सब कुछ बिसर जाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि न तो बुद्धिमान का और न मूर्ख का स्मरण सर्वदा बना रहेगा, परन्तु भविष्य में सब कुछ भुला दिया जाएगा। बुद्धिमान कैसे मूर्ख के समान मरता है! नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि मूर्ख के समान बुद्धिमान का स्मरण भी सर्वदा बना न रहेगा, और आने वाले दिनों में वे सब भुला दिए जाएँगे। देखो, बुद्धिमान भी मूर्ख के समान ही मरता है! सरल हिन्दी बाइबल बुद्धिमान को हमेशा याद नहीं किया जाएगा जैसे मूर्ख को; कुछ दिनों में ही वे भुला दिए जाएंगे. बुद्धिमान की मृत्यु कैसे होती है? मूर्ख के समान ही न! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि न तो बुद्धिमान का और न मूर्ख का स्मरण सर्वदा बना रहेगा, परन्तु भविष्य में सब कुछ भूला दिया जाएगा। बुद्धिमान कैसे मूर्ख के समान मरता है! |
वायु उसके ऊपर से बहती है, और वह ठहर नहीं पाता, उसका स्थान भी उसको फिर कभी नहीं पहचानता!
मनुष्य देखता है कि बुद्धिमान भी मरते हैं; मूर्ख और मूढ़ दोनों मरकर अपना धन दूसरों के लिए छोड़ जाते हैं।
क्या अन्धकार में तेरे आश्चर्यपूर्ण कर्मों को, विस्मृति के गर्भ में तेरी धार्मिकता को प्रकट किया जा सकता है?
विवेकी मनुष्य की बुद्धि क्या है? अपने मार्ग को पहचानना; परन्तु मूर्खो की मूर्खता केवल धोखा देना है।
प्राचीनकाल की बातों की स्मृति वर्तमान काल में शेष नहीं रहती, और न हमारे पश्चात् आनेवाले लोगों को भविष्य की बातें याद रहेंगी।
बुद्धिमान व्यक्ति के सिर में उसकी आंखें होती हैं, और वह देखकर चलता है, किन्तु मूर्ख मनुष्य अन्धकार में टटोलता है। तो भी मुझे यह अनुभव हुआ कि मूर्ख और बुद्धिमान दोनों एक ही गति को प्राप्त होते हैं।
मैंने अपने हृदय में कहा, “जो दशा मूर्ख की होती है, वही मेरी भी होगी। फिर मैं इतना बुद्धिमान क्यों हुआ?” अत: मैंने अपने हृदय में कहा, “मूर्ख होना, अथवा बुद्धिमान होना भी व्यर्थ है।”
अत: बुद्धिमान व्यक्ति किस बात में मूर्ख मनुष्य से श्रेष्ठ हुआ? गरीब मनुष्य, जो यह जानता है कि जीवन में कैसा आचरण करना चाहिए, उससे किस बात में श्रेष्ठ सिद्ध हुआ?
भोज के उत्सव में सम्मिलित होने की अपेक्षा मृत्यु-शोक से पीड़ित परिवार में जाना अच्छा है, क्योंकि मृत्यु ही सब मनुष्यों का अन्त है। अत: जीवित व्यक्ति गम्भीरतापूर्वक अपने अन्त पर विचार करेगा।
तब मैंने दुर्जनों को कबर में गाड़े जाते हुए देखा। वे पवित्र स्थान में आते जाते थे। नगर में जहाँ उन्होंने नाना प्रकार के दुष्कर्म किए थे, उनकी प्रशंसा की जाती थी। यह भी व्यर्थ है।
उस छोटे-से नगर में एक गरीब, पर बुद्धिमान मनुष्य था। उसने अपनी बुद्धि से उस नगर को बचाया। फिर भी उस गरीब को सब लोग भूल गए।
जो जीवित हैं, वे जानते हैं कि उन्हें एक दिन मरना ही होगा, किन्तु जो मर चुके हैं, वे क्या जानते हैं? उन्हें प्रतिफल मिल चुका है। उनकी स्मृति मिट चुकी है।
जो प्रभु के प्रति श्रद्धा-भक्ति रखते थे, उन्होंने आपस में बात की। प्रभु ने ध्यान दिया, उनकी बात सुनी। उसके सम्मुख एक स्मरण-पुस्तिका लिखी गई। इसमें उन लोगों के नाम लिखे गए, जो प्रभु का चिंतन करते थे।