तू चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में उन्हें खिलाता-पिलाता रहा। उन्हें किसी वस्तु का अभाव नहीं हुआ। न तो उनके कपड़े फटे, और न उनके पैर सूजे।
व्यवस्थाविवरण 29:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं निर्जन प्रदेश में चालीस वर्ष तक तुम्हारा नेतृत्व करता रहा। तब तुम्हारे वस्त्र फटकर तुम्हारे शरीर पर से नहीं गिरे, और न तुम्हारे जूते फटकर तुम्हारे पैरों से अलग हुए। पवित्र बाइबल यहोवा तुम्हें चालीस वर्ष तक मरुभूमि से होकर ले जाता रहा और उस लम्बे समय के बीच तुम्हारे वस्त्र और जूते फटकर खत्म नहीं हुए। Hindi Holy Bible मैं तो तुम को जंगल में चालीस वर्ष लिए फिरा; और न तुम्हारे तन पर वस्त्र पुराने हुए, और न तेरी जूतियां तेरे पैरों में पुरानी हुई; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं तो तुम को जंगल में चालीस वर्ष लिए फिरा; और न तुम्हारे तन पर वस्त्र पुराने हुए, और न तेरी जूतियाँ तेरे पैरों में पुरानी हुईं; सरल हिन्दी बाइबल फिर भी याहवेह कहते हैं, “मैं तुम्हें चालीस साल तक इस निर्जन प्रदेश में साथ लेकर चलता रहा हूं, इस अवधि में न तो तुम्हारे वस्त्र पुराने हुए और न ही तुम्हारे जूते. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं तो तुम को जंगल में चालीस वर्ष लिए फिरा; और न तुम्हारे तन पर वस्त्र पुराने हुए, और न तेरी जूतियाँ तेरे पैरों में पुरानी हुईं; |
तू चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में उन्हें खिलाता-पिलाता रहा। उन्हें किसी वस्तु का अभाव नहीं हुआ। न तो उनके कपड़े फटे, और न उनके पैर सूजे।
मैं तुम्हें अपनी प्रजा के रूप में ग्रहण करूंगा और तुम्हारा परमेश्वर होऊंगा। तुम्हें ज्ञात होगा कि मैं तुम्हारा परमेश्वर, प्रभु हूं जिसने तुम्हें मिस्र निवासियों के बोझ के दबाव से बाहर निकाला है।
जब उन्होंने फरओ से बातचीत की तब मूसा की आयु अस्सी वर्ष और हारून की आयु तिरासी वर्ष की थी।
जब तक तुम्हारे शव निर्जन प्रदेश में पूर्णत: मिट्टी में न मिल जाएंगे तब तक, चालीस वर्ष तक, तुम्हारे बच्चे निर्जन प्रदेश में चरवाहे बने रहेंगे और तुम्हारे विश्वासघात का दण्ड भोगेंगे।
रास्ते के लिए न झोली, न दो कुरते, न जूते, और न लाठी लो; क्योंकि मजदूर को उसका भोजन मिलना चाहिए।
जो बातें इस्राएली समाज से कहने की आज्ञा प्रभु ने मूसा को दी थी, उसके अनुसार मूसा ने वे बातें उनसे चालीसवें वर्ष के ग्यारहवें महीने के पहले दिन कहीं।
तू उन सब मार्गों को स्मरण करना, जिन पर तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे चालीस वर्ष तक निर्जन प्रदेश में ले गया, जिससे वह तुझे पीड़ित करे और यह जानने के लिए तेरी परीक्षा ले, कि तेरे हृदय में क्या है, और कि तू उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा अथवा नहीं।
उसने तुझे पीड़ित किया, तुझे भूख का अनुभव कराया। पर उसने तुझे “मन्ना” भी खिलाया, जिसको तू नहीं जानता था, और न तेरे पूर्वज ही जानते थे, ताकि तू जान ले कि मनुष्य केवल रोटी से जीवित नहीं रहता; किन्तु वह प्रभु के मुंह से निकले हुए प्रत्येक वचन से जीवित रहता है।
इन चालीस वर्षों में तेरे वस्त्र फटकर तेरे शरीर पर से नहीं गिरे, और न तेरे पैरों में छाले ही पड़े!
जब हमने इन मशकों में शराब भरी थी तब ये नई थीं। पर अब, देखिए, ये फट गईं। हमारे ये कपड़े और जूते लम्बी यात्रा के कारण जर्जर हो गए।’
उन्होंने पैरों में पुराने, जोड़ लगे जूते, और शरीर पर जर्जर कपड़े पहिने। जो रोटियाँ उन्होंने मार्ग के लिए लीं, वे सूखी और फफूंद लगी हुई थीं।