मैं और ये बच्चे, जो प्रभु ने मुझे दिए हैं, इस्राएल के लिए संकेत-चिह्न हैं : सियोन पर्वत पर विराजनेवाले सेनाओं के प्रभु की ओर से शकुन-चिह्न हैं।
व्यवस्थाविवरण 28:46 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ये अभिशाप चेतावनी-चिह्न तथा आश्चर्यपूर्ण कार्य के रूप में तेरे और तेरे वंश पर सदा रहेंगे। पवित्र बाइबल ये अभिशाप लोगों को बताएंगे कि परमेश्वर ने तुम्हारे वंशजों के साथ सदैव न्याय किया है। ये अभिशाप संकेत और चेतावनी के रूप में तुम्हें और तुम्हारे वंशजों को हमेशा याद रहेंगे। Hindi Holy Bible और वे तुझ पर और तेरे वंश पर सदा के लिये बने रहकर चिन्ह और चमत्कार ठहरेंगे; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और वे तुझ पर और तेरे वंश पर सदा के लिये बने रहकर चिह्न और चमत्कार ठहरेंगे। सरल हिन्दी बाइबल ये शाप तुम्हारे और तुम्हारे वंशजों के लिए चिन्ह और अलौकिक घटनाएं होकर रह जाएंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वे तुझ पर और तेरे वंश पर सदा के लिये बने रहकर चिन्ह और चमत्कार ठहरेंगे; |
मैं और ये बच्चे, जो प्रभु ने मुझे दिए हैं, इस्राएल के लिए संकेत-चिह्न हैं : सियोन पर्वत पर विराजनेवाले सेनाओं के प्रभु की ओर से शकुन-चिह्न हैं।
यह नगर एक आतंकपूर्ण नगर बन जाएगा, जिस से लोग व्याकुल होंगे। यहां से गुजरनेवाले राहगीर इसके विनाश को देखकर डर से कांप उठेंगे; वे चकित होंगे और घबरा जाएंगे।
तब प्रभु ने यरूशलेम नगर, तथा यहूदा प्रदेश के नगरों को, उसके राजाओं और सामन्तों को नष्ट कर दिया। ये नगर उजाड़ और खण्डहर हो गए, और आज के दिन तक वे शापग्रस्त हैं। अन्य जाति के लोग उनको देखकर व्याकुल हो जाते हैं।)
मैं उस व्यक्ति से विमुख हो जाऊंगा। मैं दूसरों को सीख देने के लिए उसको चिह्न बनाऊंगा। वह अपनी दुर्दशा के कारण जनसमाज में कहावत बन जाएगा। मैं उसको अपने निज लोगों के मध्य से निकाल दूंगा। तब तुम्हें मालूम होगा कि मैं ही प्रभु हूं।
वे जिस-जिस देश में गए, वहाँ भी उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र किया। उस देश के लोग उनके बारे में यह कहते थे, “ये प्रभु के निज लोग हैं, फिर भी उसके देश से इनको निकाल दिया गया।”
जब मैं तुझको क्रोध, कोप और रोषपूर्ण चेतावनी के साथ दण्ड दूंगा, तब तू सब राष्ट्रों में घृणा, निन्दा, चेतावनी और अपमान का पात्र बन जाएगा। सुन, मैंने, तेरे प्रभु ने, यह कहा है।
जब आग ने दो सौ पचास मनुष्यों को भस्म किया तब धरती ने मुंह खोलकर कोरह और उसके दल-बल को निगल लिया और वे मर गए। वे चेतावनी-चिह्न बन गए!
यह सब उदाहरण स्वरूप उन पर बीता और हमें चेतावनी देने के लिए लिखा गया है, जो युग के अन्त में विद्यमान हैं।
तो प्रभु तुझ पर और तेरे वंश पर असाधारण महामारियाँ ढाहेगा। वह भयंकर और दीर्घ महामारियों से, असाध्य और दीर्घ रोगों से तुझ को पीड़ित करेगा।
प्रभु उसको क्षमा करने को तैयार भी नहीं होगा, वरन् प्रभु का क्रोध और उसकी ईष्र्या-भावना उस व्यक्ति के प्रति भड़क उठेगी। इस पुस्तक में लिखित समस्त अभिशाप उस पर पड़ेंगे और प्रभु आकाश के नीचे से उसका नाम मिटा डालेगा।
प्रभु ने अपनी भयंकर क्रोधाग्नि, रोष और प्रकोप में उन्हें इस देश से उखाड़ दिया, और दूसरे देश में फेंक दिया, जैसा वे आज भी हैं।”