मुझे-अपने परमेश्वर को ‘स्तुति बलि’ चढ़ा; और सर्वोच्च प्रभु के लिए अपने व्रत पूर्ण कर।
व्यवस्थाविवरण 23:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘जब तू अपने पड़ोसी के अंगूर-उद्यान में जाएगा, तब वहाँ जितनी खाने की इच्छा हो, उतनी मात्रा में पेट-भर अंगूर खा सकता है, किन्तु अपनी टोकरी में एक भी अंगूर-मत रखना। पवित्र बाइबल “यदि तुम दूसरे व्यक्ति के अंगूर के बाग से होकर जाते हो, तो तुम जितने चाहो उतने अंगूर खा सकते हो। किन्तु तुम कोई अंगूर अपनी टोकरी में नहीं रख सकते। Hindi Holy Bible जब तू किसी दूसरे की दाख की बारी में जाए, तब पेट भर मनमाने दाख खा तो खा, परन्तु अपने पात्र में कुछ न रखना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “जब तू किसी दूसरे की दाख की बारी में जाए, तब पेट भर मनमाने दाख खा तो खा, परन्तु अपने पात्र में कुछ न रखना। सरल हिन्दी बाइबल जब कभी तुम अपने पड़ोसी के अंगूर के बगीचे में जाओ, तुम अपनी पूरी संतुष्टि तक अंगूर खा सकते हो, मगर तुम अंगूर को अपनी टोकरी में रखकर नहीं लाओगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “जब तू किसी दूसरे की दाख की बारी में जाए, तब पेट भर मनमाने दाख खा तो खा, परन्तु अपने पात्र में कुछ न रखना। |
मुझे-अपने परमेश्वर को ‘स्तुति बलि’ चढ़ा; और सर्वोच्च प्रभु के लिए अपने व्रत पूर्ण कर।
जो मनुष्य उतावली में कहता है, ‘यह प्रभु को अर्पित है’, और उसकी मन्नत मानकर पुन: विचार करता है, तो वह जाल में फंसता है।
‘इस्राएली समाज से बोलना; तू उनसे यह कहना : यदि किसी ने विशेष मन्नत में किसी व्यक्ति को अर्पित किया है, तो तुम प्रभु के लिए उसका मूल्य इस प्रकार आंकना :
क्योंकि जैसा धर्मग्रन्थ में कहा गया है, “पृथ्वी और उसमें जो कुछ है वह सब प्रभु का है।”
जो शब्द तेरे मुंह से निकलते हैं, उनको पूर्ण करने के लिए सावधान रहना। जो मन्नत स्वेच्छा से, अपने मुंह से, तूने प्रभु परमेश्वर के लिए मानी है, उसको अवश्य पूर्ण करना।
जब तू अपने पड़ोसी के खड़ी फसल के खेत में जाएगा, तब अपने हाथ से बालें तोड़ सकता है, परन्तु तू अपने पड़ोसी की खड़ी फसल पर हंसिया मत चलाना।
आप लोग धन का लालच न करें। जो आपके पास है, उस से सन्तुष्ट रहें; क्योंकि परमेश्वर ने स्वयं कहा है, “मैं तुझको नहीं छोड़ूँगा। मैं तुझको कभी नहीं त्यागूँगा।”
पर इस्राएलियों ने उन पर आक्रमण नहीं किया, क्योंकि मंडली के नेताओं ने उनसे इस्राएल के प्रभु परमेश्वर की शपथ खाई थी। तब समस्त मंडली ने नेताओं से शिकायत की।