तीन दिन के पश्चात् फरओ आपका सिर ऊंचा करेंगे। वह आपका सिर आपके धड़ से अलग करेंगे! वह आपको काठ पर लटका देंगे, और पक्षी आपका मांस नोच-नोच कर खाएँगे।’
व्यवस्थाविवरण 21:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘यदि किसी मनुष्य ने ऐसा पाप किया है, जो न्याय की दृष्टि से मृत्यु-दण्ड के योग्य है, और उस मनुष्य को मृत्यु-दण्ड दिया गया है, उसको वृक्ष से लटका दिया गया है, पवित्र बाइबल “कोई व्यक्ति ऐसे पाप करने का अपराधी हो सकता है जिसे मृत्यु का दण्ड दिया जाए। जब वह मार डाला जाए तब उसका शरीर पेड़ पर लटकाया जा सकता है। Hindi Holy Bible फिर यदि किसी से प्राणदण्ड के योग्य कोई पाप हुआ हो जिस से वह मार डाला जाए, और तू उसकी लोथ को वृक्ष पर लटका दे, पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “फिर यदि किसी से प्राणदण्ड के योग्य कोई पाप हुआ हो जिससे वह मार डाला जाए, और तू उसके शव को वृक्ष पर लटका दे, सरल हिन्दी बाइबल यदि किसी व्यक्ति ने ऐसा पाप कर्म कर दिया है, जिसका दंड मृत्यु है, उसे मृत्यु दंड दे दिया गया है, उसे वृक्ष पर लटका दिया गया है, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “फिर यदि किसी से प्राणदण्ड के योग्य कोई पाप हुआ हो जिससे वह मार डाला जाए, और तू उसके शव को वृक्ष पर लटका दे, |
तीन दिन के पश्चात् फरओ आपका सिर ऊंचा करेंगे। वह आपका सिर आपके धड़ से अलग करेंगे! वह आपको काठ पर लटका देंगे, और पक्षी आपका मांस नोच-नोच कर खाएँगे।’
अय्याह की पुत्री रिस्पाह ने मृत्यु-शोक प्रकट करने के लिए टाट का वस्त्र लिया और उसको एक चट्टान पर फैला दिया। वह फसल के आरम्भ से तब तक शवों के पास बैठी रही जब तक आकाश से उन पर वर्षा नहीं हुई। उसने दिन के समय शवों पर आकाश के पक्षियों को बैठने नहीं दिया। वह रात के समय जंगल के जानवरों को उनके पास फटकने नहीं देती थी।
उस व्यक्ति के सात पुत्र हमें सौंप दिए जाएँ। हम प्रभु के पर्वत पर, गिबओन में प्रभु के सम्मुख उन्हें फांसी पर लटकाएँगे।’ राजा ने कहा, ‘मैं निश्चय ही उनको तुम्हारे हाथ में सौंप दूँगा।’
दाऊद ने इन्हें गिबओनी लोगों के हाथ में सौंप दिया और उन्होंने पहाड़ पर प्रभु के सम्मुख इन्हें फांसी पर लटका दिया। ये सातों एक साथ मर गए। ये फसल के प्रारम्भिक दिनों में, जौ की फसल के आरम्भ में मार डाले गए।
अत: दाऊद ने सैनिकों को आदेश दिया, और उन्होंने रेकाब और बानाह का वध कर दिया। उनके हाथ-पैर काट डाले और उनके शव हेब्रोन के जल-कुण्ड के पास लटका दिए। उन्होंने ईशबोशेत के सिर को उठाया, और उसको हेब्रोन नगर में अब्नेर की कबर में गाड़ दिया।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘इस्राएलियों के सब मुखियों को ले, और मुझ-प्रभु के सम्मुख उन्हें धूप में लटका दे, जिससे मेरी क्रोधाग्नि इस्राएल से लौटकर दूर हो जाए।’
आप लोगों ने स्वयं ईश-निन्दा सुनी है। आप लोगों का क्या विचार है?” सब का निर्णय यह हुआ कि येशु प्राणदण्ड के योग्य हैं।
वे ‘खोपड़ी’ नामक स्थान पर पहुँचे। वहाँ उन्होंने येशु को और उन दो कुकर्मियों को भी क्रूस पर चढ़ाया−एक को उनकी दायीं ओर और दूसरे को उनकी बायीं ओर।
वहां मुझे पता चला कि वे अपनी व्यवस्था के कतिपय प्रश्नों के विषय में इस पर अभियोग लगा रहे हैं। पर यह कोई ऐसा आरोप नहीं है, जो मृत्यु या कैद के योग्य हो।
यदि मैंने प्राणदण्ड के योग्य कोई अपराध किया, तो मैं मरने से मुँह नहीं मोड़ता। किन्तु यदि इनके द्वारा मुझ पर लगाये गये अभियोगों में कोई सच्चाई नहीं है, तो कोई मुझे इनके हवाले नहीं कर सकता। मैं सम्राट की दुहाई देता हूँ!”
किन्तु मैंने इस में प्राणदण्ड के योग्य कोई अपराध नहीं पाया और जब इसने महाराजाधिराज की दुहाई दी, तो मैंने इसे भेजने का निश्चय किया।
जाते समय उन्होंने आपस में कहा, “यह व्यक्ति प्राणदण्ड या क़ैद के योग्य कोई अपराध नहीं कर रहा है।”
ऐसा न हो कि रक्त-प्रतिशोधी क्रोधाग्नि में जलता हुआ हत्यारे का पीछा करे, और सड़क की लम्बाई के कारण उसको पकड़ ले, और उस पर प्राणघातक प्रहार करे, यद्यपि वह न्याय की दृष्टि से मृत्यु-दण्ड के योग्य नहीं है, क्योंकि उसके पड़ोसी के प्रति पहले उसकी शत्रुता नहीं थी।
तू उस लड़की के साथ कुछ मत करना। उसने मृत्यु-दण्ड के योग्य कोई पाप नहीं किया है, क्योंकि जैसे कोई व्यक्ति आक्रमण कर अपने पड़ोसी की हत्या करता है वैसा ही बलात्कार का यह मामला है।
तत्पश्चात् यहोशुअ ने पांचों राजाओं को मारा, उनका वध किया, और पांच वृक्षों पर उनकी लाशें लटका दीं। लाशें सन्ध्या तक वृक्षों से लटकती रहीं।
यहोशुअ ने सन्ध्या के समय सेना-नायकों को आदेश दिया, और उन्होंने राजाओं की लाशें वृक्षों से उतार लीं, और उस गुफा में फेंक दीं, जहाँ वे भागकर छिप गए थे। उन्होंने गुफा के प्रवेश-द्वार पर बड़े-बड़े पत्थर रख दिए, जो आज तक वहां हैं।
उसने ऐ नगर के राजा को पेड़ से लटका दिया और उसे सन्ध्या तक लटकाए हुए रखा। सूर्यास्त के समय यहोशुअ के आदेश से लोगों ने उसकी लाश पेड़ से नीचे उतार ली, और ऐ नगर के प्रवेश-द्वार पर फेंक दी। इसके बाद उन्होंने उसकी लाश पर पत्थरों का बड़ा ढेर लगा दिया, जो आज भी वहाँ है।
यह काम, जो तुमने किया, अच्छा नहीं है। जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! तुम लोग मृत्यु-दण्ड के पात्र हो। तुमने अपने स्वामी, प्रभु के अभिषिक्त राजा पर पहरा नहीं दिया। अब देखो, महाराज का भाला कहां है? उनके सिरहाने की पानी की सुराही कहां है?’