तत्पश्चात् पुरोहित प्रभु की विधान-मंजूषा को उसके स्थान पर, मन्दिर के पवित्र अन्तर्गृह-परम पवित्र स्थान − में, करूबों के पंखों के नीचे लाए।
व्यवस्थाविवरण 10:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उस समय प्रभु ने लेवी कुल को पृथक किया कि वे प्रभु की विधान-मंजूषा को वहन करें। वे प्रभु के सम्मुख प्रस्तुत रहकर उसकी सेवा करें और उसके नाम से आशिष दें, जैसा वे आज भी करते हैं। पवित्र बाइबल उस समय यहोवा ने लेवी के परिवार समूह को अपने विशेष काम के लिए अन्य परिवार समूहों से अलग किया। उन्हें यहोवा के साक्षीपत्र के सन्दूक को ले चलने का कार्य करना था। वे याजक की सहायता भी यहोवा के मन्दिर में करते थे और यहोवा के नाम पर, वे लोगों को आशीर्वाद देने का काम भी करते थे। वे अब भी यह विशेष काम करते हैं। Hindi Holy Bible उस समय यहोवा ने लेवी गोत्र को इसलिये अलग किया कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाया करें, और यहोवा के सम्मुख खड़े हो कर उसकी सेवाटहल किया करें, और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें, जिस प्रकार कि आज के दिन तक होता आ रहा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उस समय यहोवा ने लेवी गोत्र को इसलिये अलग किया कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाया करें, और यहोवा के सम्मुख खड़े होकर उसकी सेवाटहल किया करें, और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें, जिस प्रकार कि आज के दिन तक होता आ रहा है। सरल हिन्दी बाइबल इस अवसर पर याहवेह ने यह तय कर दिया की लेवी गोत्र के लोग ही याहवेह की वाचा का संदूक उठाया करेंगे, वे ही याहवेह की उपस्थिति में ठहरे रहेंगे, कि उनकी सेवा करें और उनकी महिमा में उनके गीत गाया करें, जो आज तक होता आया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उस समय यहोवा ने लेवी गोत्र को इसलिए अलग किया कि वे यहोवा की वाचा का सन्दूक उठाया करें, और यहोवा के सम्मुख खड़े होकर उसकी सेवा टहल किया करें, और उसके नाम से आशीर्वाद दिया करें, जिस प्रकार कि आज के दिन तक होता आ रहा है। |
तत्पश्चात् पुरोहित प्रभु की विधान-मंजूषा को उसके स्थान पर, मन्दिर के पवित्र अन्तर्गृह-परम पवित्र स्थान − में, करूबों के पंखों के नीचे लाए।
तत्पश्चात् दाऊद ने यह आदेश दिया, ‘केवल लेवी कुल के उप-पुरोहित परमेश्वर की मंजूषा को वहन करेंगे; क्योंकि स्वयं प्रभु ने अपनी मंजूषा को वहन करने के लिए तथा स्थायी रूप से अपनी सेवा करने के लिए लेवी कुल के उप-पुरोहितों को चुना था।’
प्रभु परमेश्वर ने अपनी मंजूषा के वाहक उप-पुरोहितों की सहायता की। अत: उन्होंने सात बैल और सात मेढ़ों की बलि चढ़ाई।
अम्राम के दो पुत्र थे: हारून और मूसा। हारून को दूसरे व्यक्तियों से अलग किया गया था ताकि वह महापवित्र वस्तुओं को प्रभु के लिए अर्पित करे। वह और उसके वंशज प्रभु के सम्मुख सदा-सर्वदा धूप-द्रव्य जलाएं, प्रभु की सेवा करें, और उसके नाम से अराधकों को आशीर्वाद दें।
अत: अब लेवीय उप-पुरोहितों को प्रभु के शिविर, तथा उसकी आराधना में प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं को ढोने की आवश्यकता नहीं रही।’ (
ओ मेरे पुत्रो, अपना कर्त्तव्यकर्म करने में आलस्य मत करो; क्योंकि प्रभु ने तुम्हें इसलिए चुना है कि तुम इस भवन में उसके सम्मुख सेवा-कार्य के लिए खड़े हो उसकी सेवा करो, उसके धर्म-सेवक बनो और उसके लिए सुगन्धित धूप-द्रव्य जलाया करो।’
अन्त में पुरोहित और उप-पुरोहित उठे, और उन्होंने सब लोगों को आशिष दी। उनके आशिष के वचन तथा उनकी प्रार्थना को प्रभु परमेश्वर ने स्वर्ग में अपने पवित्र निवास-स्थान से सुना।
अत: प्रभु ने मुझसे यों कहा: ‘ओ यिर्मयाह, यदि तू पश्चात्ताप करे और मेरे पास लौटे तो मैं तुझे पुन: स्वीकार करूंगा; तुझे फिर अपनी सेवा में लूंगा। यदि तू केवल मेरे अनमोल वचन बोलेगा, और निरर्थक वचन नहीं कहेगा, तो तू निस्सन्देह मेरा मुंह कहलाएगा! तब लोग तेरी ओर लौटेंगे, और तुझे उनके पास लौटना न पड़ेगा।
वे मेरे पवित्र स्थान के सेवक होंगे। वे मेरे भवन के द्वारपाल होंगे, और भवन में सेवा-कार्य करेंगे। वे अग्निबलि के पशु का वध करेंगे। वे लोगों के लिए किसी भी अन्य बलि के पशु का वध करेंगे। वे आराधकों की सेवा करने के लिए उनके सामने खड़े रहेंगे।
‘किन्तु लेवी कुल के पुरोहित, जो सादोक के वंशज हैं, मेरी सेवा करने के लिए मेरे समीप आएंगे। ये सादोक के वंशज मेरी सेवा में बलि-पशु की चर्बी और रक्त चढ़ाएंगे। जब इस्राएली मुझे छोड़कर भटक गए थे, तब सादोक-वंशीय पुरोहित ही मेरे पवित्र स्थान में सेवा-कार्य करते रहे। मैं, स्वामी-प्रभु यही कहता हूँ।
उसके सिर पर साफा रखा, और उस पर सामने की ओर स्वर्ण-पुष्प अर्थात् पवित्र किरीट-पट लगाया; जैसी प्रभु ने मूसा को आज्ञा दी थी।
हारून ने लोगों की ओर हाथ उठाए और उन्हें आशीर्वाद दिया। वह पाप-बलि, अग्नि-बलि और सहभागिता-बलि चढ़ाकर नीचे उतर आया।
उन्हें यह दायित्व सौंपा गया था : वे मंजूषा, मेज, दीपाधार, वेदियों, पवित्र-स्थान की अन्य वस्तुओं जिनको पुरोहित के सेवा-कार्य में प्रयुक्त किया जाता है, और अन्त:पट से सम्बन्धित समस्त सेवा-कार्य करते थे।
‘लेवी कुल के पुरुषों को मेरे सेवा-कार्य के लिए समीप लाओ, और उन्हें पुरोहित हारून के सम्मुख प्रस्तुत करो कि वे उसकी सहायता करें।
जब पड़ाव के प्रस्थान के समय हारून और उसके पुत्र पवित्र-स्थान तथा उसके सब सामान को ढक देंगे, तब कहात वंशीय पुरुष उसको उठाने के लिए आएंगे। किन्तु वे पवित्र वस्तुओं का स्पर्श नहीं करेंगे, अन्यथा वे मर जाएंगे। मिलन-शिविर की ये ही वस्तुएँ कहात वंशीय पुरुष ढोकर ले जाएंगे।
तुम ने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें इसलिए चुना और नियुक्त किया कि तुम संसार में जाओ और फलवंत हो तथा तुम्हारा फल बना रहे, जिससे तुम मेरे नाम में पिता से जो कुछ माँगो, वह तुम्हें प्रदान करे।
जब वे प्रभु की उपासना में लगे हुये थे और उपवास कर रहे थे तो पवित्र आत्मा ने कहा, “मैंने बरनबास तथा शाऊल को एक विशेष कार्य के लिए बुलाया है। उन्हें मेरे लिए अलग करो।”
यह पत्र येशु मसीह के सेवक पौलुस की ओर से है, जो परमेश्वर के द्वारा प्रेरित होने के लिए बुलाया गया है और उसके शुभ समाचार के प्रचार के लिए पृथक किया गया है।
इसलिए दूसरों के बीच में से निकल कर अलग हो जाओ— यह प्रभु का कहना है। और किसी अपवित्र वस्तु का स्पर्श मत करो, तब मैं तुम्हें अपनाऊंगा।
किन्तु परमेश्वर ने मुझे माता के गर्भ से ही अपने कार्य के लिए अलग कर लिया था और उसने अपने अनुग्रह से मुझे बुलाया;
जो व्यक्ति ढिठाई करके तेरे प्रभु परमेश्वर की सेवा में प्रस्तुत पुरोहित की अथवा उस शासक की आज्ञा का उल्लंघन करेगा, उसे निश्चय ही मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा। यों तू इस्राएल से इस बुराई को अवश्य दूर करना।
क्योंकि तेरे प्रभु परमेश्वर ने, अपने सम्मुख प्रस्तुत रहने और अपने नाम से सेवा करने के लिए, सब कुलों में से उसको और उसके वंशजों को सदा के लिए चुना है।
जो नगर लाश के निकटतम होगा, उसके धर्मवृद्ध एक ऐसी लाल कलोर लेंगे, जिससे अब तक काम नहीं लिया गया है, जो जूए में अब तक जोती नहीं गई है।
तब लेवी वंश के पुरोहित पास आएंगे, क्योंकि तेरे प्रभु परमेश्वर ने उन्हें अपनी सेवा करने तथा अपने नाम से आशिष देने के लिए सुना है। उनके कथन के अनुसार ही विवाद और प्रहार के सब मुकद्दमों का निर्णय होगा।
मूसा ने इस व्यवस्था को लिख लिया और लेवीय पुरोहितों को, जो प्रभु की विधान-मंजूषा वहन करते थे, तथा इस्राएल के समस्त धर्मवृद्धों को दे दिया।