किन्तु उनके पश्चात् अकाल के सात वर्ष आएँगे। फलत: मिस्र देश में सुकाल के दिनों की उपज भुला दी जाएगी। अकाल देश को खा जाएगा।
विलापगीत 3:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मेरी आत्मा सुख-शांति से वंचित हो गई; मैं भूल गया कि भलाई क्या होती है। पवित्र बाइबल मेरा विचार था कि मुझको शांति कभी भी नहीं मिलेगा। अच्छी भली बातों को मैं तो भूल गया था। Hindi Holy Bible और मुझ को मन से उतार कर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और मुझ को मन से उतारकर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ; सरल हिन्दी बाइबल शांति ने मेरी आत्मा का साथ छोड़ दिया है; मुझे तो स्मरण ही नहीं रहा कि सुख-आनन्द क्या होता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और मुझ को मन से उतारकर कुशल से रहित किया है; मैं कल्याण भूल गया हूँ; |
किन्तु उनके पश्चात् अकाल के सात वर्ष आएँगे। फलत: मिस्र देश में सुकाल के दिनों की उपज भुला दी जाएगी। अकाल देश को खा जाएगा।
‘हे परमेश्वर, स्मरण कर कि मेरा जीवन हवा का एक झोंका है। मेरी आँखें अब अच्छे दिन नहीं देखेंगी।
कडुआहट भोगने में ही मेरा कल्याण छिपा था; तूने मेरे जीवन को विनाश के गड्ढे में गिरने से रोका। तूने मेरे सब पाप अपनी पीठ के पीछे फेंक दिए!
चाहे पहाड़ अपने स्थान से टल जाएं, चाहे पहाड़ियाँ अपने स्थान से हिल जाएं, किन्तु तुझ पर से मेरी करुणा नहीं हटेगी, मेरा शान्ति-विधान नहीं टलेगा।’ तुझ पर दया करनेवाला प्रभु यह कहता है।
हम-सब रीछों के सदृश गुर्राते हैं; और कबुतरों के समान गुटरगूं... गुटरगूं करते हुए विलाप करते हैं। हम न्याय की राह देखते हैं। पर वह है ही नहीं; हम उद्धार की प्रतीक्षा करते हैं पर वह हमसे बहुत दूर है।
निर्जन प्रदेश के मुंडे टीलों पर विनाश करनेवाले आ पहुंचे। देश के एक कोने से दूसरे कोने तक मुझ-प्रभु की तलवार विनाश कर रही है। कोई भी मनुष्य सुरक्षित नहीं है।
हे प्रभु, क्या तूने यहूदा को पूर्णत: त्याग दिया है? क्या तू सियोन से घृणा करने लगा है? तूने हमें इस तरह क्यों मारा कि हम अब स्वस्थ हो ही नहीं सकते? हम कल्याण की बाट जोहते रहे, पर हमारा कल्याण नहीं हुआ, हम स्वस्थ होने की प्रतीक्षा करते हैं, पर देख, हम पर आतंक छा गया।
‘मैं प्रभु कहता हूं: यिर्मयाह, तू मृत्यु-शोक मनानेवाले किसी घर में प्रवेश मत करना, और न शोक मनाने के लिए जाना। तू उनके लिए शोक भी मत मनाना; क्योंकि मैंने इन लोगों से अपनी शांति, अपनी करुणा और दया वापस ले ली है।
हम कल्याण की बाट जोहते रहे, पर वह नहीं आया। हम स्वस्थ होने की प्रतीक्षा कर ररहे थे, पर देखो, हम पर आतंक छा गया।
‘मैं इन बातों के कारण रोती हूं; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती है। वह मुझमें साहस फूंकता था, वह मुझसे दूर चला गया है। मेरे बच्चे बेघर हो गए हैं; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हुआ है।’
उन दिनों में अराजकता थी: न तो मजदूर को उसकी मजदूरी मिलती थी और न उसके पशु का किराया। घर से बाहर निकलने-वाले और घर लौटनेवाले को शत्रु का भय बना रहता था; क्योंकि मैंने सब लोगों को एक दूसरे के प्रति भड़का दिया था।