राजा सुलेमान प्रभु की वेदी के सम्मुख खड़ा हुआ। उसने समस्त इस्राएली आराधकों के सामने आकाश की ओर अपने हाथ फैलाए,
विलापगीत 1:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सियोन हाथ फैलाकर प्रार्थना कर रही है; पर उसे सांत्वना देनेवाला कोई नहीं है। प्रभु ने याकूब के विरुद्ध उसके पड़ोसी राष्ट्रों को आदेश दिया कि वे उसके बैरी बन जाएं। अत: उनके मध्य में यरूशलेम एक घृणित नगरी बन गई। पवित्र बाइबल सिय्योन अपने हाथ फैलाये हैं। कोई ऐसा व्यक्ति नहीं था जो उसको चैन देता। यहोवा ने याकूब के शत्रुओं को आज्ञा दी थी। यहोवा ने उसे घेर लेने की आज्ञा दी थी। यरूशलेम ऐसी हो गई जैसी कोई अपवित्र वस्तु थी। Hindi Holy Bible सिय्योन हाथ फैलाए हुए है, उसे कोई शान्ति नहीं देता; यहोवा ने याकूब के विषय में यह आज्ञा दी है कि उसके चारों ओर के निवासी उसके द्रोही हो जाएं; यरूशलेम उनके बीच अशुद्ध स्त्री के समान हो गई है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सिय्योन हाथ फैलाए हुए है, उसे कोई शान्ति नहीं देता; यहोवा ने याकूब के विषय में यह आज्ञा दी है कि उसके चारों ओर के निवासी उसके द्रोही हो जाएँ; यरूशलेम उनके बीच अशुद्ध स्त्री के समान हो गई है। सरल हिन्दी बाइबल ज़ियोन ने अपने हाथ फैलाए हैं, कोई भी नहीं, जो उसे सांत्वना दे सके. याकोब के संबंध में याहवेह का आदेश प्रसारित हो चुका है, कि वे सभी जो याकोब के आस-पास बने रहते हैं, वस्तुतः वे उसके शत्रु हैं; उनके मध्य अब येरूशलेम एक घृणित वस्तु होकर रह गया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सिय्योन हाथ फैलाए हुए है, उसे कोई शान्ति नहीं देता; यहोवा ने याकूब के विषय में यह आज्ञा दी है कि उसके चारों ओर के निवासी उसके द्रोही हो जाएँ; यरूशलेम उनके बीच अशुद्ध स्त्री के समान हो गई है। |
राजा सुलेमान प्रभु की वेदी के सम्मुख खड़ा हुआ। उसने समस्त इस्राएली आराधकों के सामने आकाश की ओर अपने हाथ फैलाए,
तब यदि तेरे निज लोग इस्राएली सामूहिक रूप से अथवा कोई भी मनुष्य निजी रूप से अपने हृदय में पश्चात्ताप करेगा, और इस भवन की ओर अपने हाथ फैलाएगा और तुझसे प्रार्थना तथा विनती करेगा,
सिदकियाह ने बेबीलोन के राजा के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। उसके राज्यकाल के नौवें वर्ष के दसवें महीने के दसवें दिन बेबीलोन के राजा नबूकद-नेस्सर ने अपनी सम्पूर्ण सेना के साथ यरूशलेम नगर पर चढ़ाई कर दी, और उसको घेर लिया। नबूकद-नेस्सर के सैनिकों ने नगर के चारों ओर पहरा देने के लिए मीनार बनाई।
तब मैंने पुनर्विचार किया कि सूर्य के नीचे धरती पर कितना अत्याचार होता है। जिन पर अत्याचार होता है, वे आंसू बहाते हैं, पर उनके आंसू पोंछनेवाला कोई नहीं है। अत्याचार करनेवालों के पास शक्ति थी, किन्तु आंसू बहानेवालों के पास उन्हें सान्त्वना देनेवाला भी नहीं था।
जब तुम प्रार्थना करते समय मेरी ओर हाथ फैलाओगे तब मैं तुम्हारी ओर से अपनी आंखें फेर लूंगा। चाहे तुम एक के बाद एक, कितनी ही प्रार्थनाएँ क्यों न करो, मैं उन्हें नहीं सुनूंगा; क्योंकि तुम्हारे हाथ खून से सने हैं।
‘ओ दुखियारी, तूफान की झकझोरी, तुझको शान्ति नहीं मिली। ओ यरूशलेम नगरी! अब मैं तेरे पत्थरों की पच्चीकारी करूंगा, और उन्हें अच्छे ढंग से लगाऊंगा; मैं तेरी नींव में नीलमणि डालूंगा।
मेरी मीरास मानो रंग-बिरंगी चिड़िया है, जिसको मारने के लिए चारों ओर से गिद्ध उसको घेरे हुए हैं। जाओ, जंगल के सब पशुओं को एकत्र करो; उन्हें बुलाकर ले आओ कि वे उसको खा डालें।
‘ओ यरूशलेम, तुझ पर कौन दया करेगा? कौन तेरे लिए शोक मनाएगा? तेरा कुशल-मंगल पूछने के लिए कौन तेरे पास आएगा?
बड़े और छोटे − सब लोग इस देश में बेमौत मरेंगे, और उनकी लाश को गाड़नेवाला कोई नहीं मिलेगा। उनके लिए कोई मृत्यु-शोक भी नहीं मनाएगा। उनके लिए शोक प्रकट करने के लिए कोई अपने शरीर पर घाव नहीं करेगा, और न उनके लिए अपना सिर मूंड़ेगा।
मैं उनको आदेश दूंगा, और वे पुन: इस नगर को लौटेंगे। वे इस पर आक्रमण करेंगे, और इस पर अधिकार कर लेंगे। वे इस को आग में भस्म कर देंगे। सुनो, मैं यहूदा प्रदेश के नगरों को उजाड़ दूंगा, वे निर्जन हो जाएंगे।’
मैंने प्रसव-पीड़ा से कराहती हुई स्त्री की चीख सुनी। मुझे ऐसा लगा मानो यह कराह उस स्त्री की है, जो पहली बार बच्चे को जन्म दे रही है। यह चीख पुत्री सियोन की थी; वह हांफ रही थी, और हाथ फैलाए हुए कह रही थी, ‘मुझे बचाओ! मैं हत्यारों के हाथ में पड़ गई हूं; मैं बेहोश हो रही हूं।’
शत्रु रूपी चरवाहे अपनी भेड़ों के साथ, यरूशलेम पर हमला करेंगे; वे सियोन के चारों ओर अपने तम्बू गाड़ेंगे; वे अपने-अपने स्थान की घास चरा लेंगे।
‘मैं इन बातों के कारण रोती हूं; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती है। वह मुझमें साहस फूंकता था, वह मुझसे दूर चला गया है। मेरे बच्चे बेघर हो गए हैं; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हुआ है।’
‘मैंने सहायता के लिए अपने प्रेमियों को पुकारा; किन्तु उन्होंने मुझे धोखा दिया। मेरे पुरोहित और धर्मवृद्ध नगर में भूख से मर गए, जब वे प्राण बचाने के लिए भोजन की तलाश में भटक रहे थे।
वह रात में फूट-फूटकर रोती है। उसके गालों पर आंसू बहते हैं। उसके अनेक चाहनेवाले थे, पर अब उनमें से एक भी उसको सांत्वना नहीं देता, उसके मित्रों ने उसके साथ विश्वासघात किया। वे उसके शत्रु बन गए।
‘वे सुनते हैं कि मैं पीड़ा से कराहती हूं, पर कोई मुझे सांत्वना नहीं देता। मेरे सब शत्रुओं ने मेरे संकट के विषय में सुना; प्रभु, वे प्रसन्न हैं कि तूने मुझे संकट में डाला। जिस दिन की तूने घोषणा की है वह दिन अविलम्ब ला, ताकि मेरे शत्रु भी मुझ जैसे दु:ख भोगें।
यरूशलेम नगरी ने भयानक पाप किए थे, अत: सब उससे घृणा करने लगे। जो उसका आदर करते थे अब वे उसका अनादर करते हैं; क्योंकि उन्होंने उसकी नग्नता देख ली है। अब यरूशलेम नगरी स्वयं कराह रही है, और शर्म से अपना मुंह छिपा रही है।
उसकी अशुद्धता उसके कपड़ों पर लिपटी है। उसने अपने अंत का विचार भी न किया। अत: वह विस्मित ढंग से पतन के गड्ढे में गिर पड़ी! उसे सांत्वना देनेवाला भी कोई नहीं है। ‘हे प्रभु, मेरे कष्टों को देख; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हो गया!’
लोग उनको देखकर चिल्लाते हैं, ‘अशुद्ध! भागो! भागो! यहां से भागो। हमें स्पर्श मत करो।’ अत: वे इधर-उधर भटकने लगे। तब अन्य राष्ट्रों के लोगों ने यह कहा, ‘ये हमारे साथ अब नहीं रह सकते।’
‘ओ मानव, जब इस्राएली अपने देश में रहते थे, तब उन्होंने अपने आचरण और व्यवहार से उसको अशुद्ध कर दिया था। ऋतुमति स्त्री की अशुद्धता के समान उनका आचरण अशुद्ध था।