जब तू भूमि पर खेती करेगा तब वह अपनी क्षमता के अनुसार तुझे उपज न देगी। तू पृथ्वी पर भगोड़ा होगा और यहां-वहां भटकता फिरेगा।’
लैव्यव्यवस्था 26:20 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तब भूमि पर तुम्हारा सम्पूर्ण परिश्रम व्यर्थ हो जाएगा; क्योंकि भूमि अपनी उपज न उपजाएगी और न मैदान के वृक्षों के फल लगेंगे। पवित्र बाइबल तुम कठोर परिश्रम करोगे, किन्तु इससे कुछ भी नहीं होगा। तुम्हारी भूमि में कोई पैदावार नहीं होगी और तुम्हारे पेड़ों पर फल नहीं आएंगे। Hindi Holy Bible और तुम्हारा बल अकारथ गंवाया जाएगा, क्योंकि तुम्हारी भूमि अपनी उपज न उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने फल न देंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और तुम्हारा बल अकारथ गँवाया जाएगा, क्योंकि तुम्हारी भूमि अपनी उपज न उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने फल न देंगे। नवीन हिंदी बाइबल तुम्हारा परिश्रम व्यर्थ जाएगा, क्योंकि तुम्हारी भूमि अपनी उपज न उपजाएगी, और भूमि के वृक्ष अपने फल न देंगे। सरल हिन्दी बाइबल तुम्हारे द्वारा की गई मेहनत बेकार होगी क्योंकि तुम्हारी भूमि अपनी उपज पैदा न करेगी और न ही देश के वृक्ष अपना फल उत्पन्न करेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और तुम्हारा बल अकारथ गँवाया जाएगा, क्योंकि तुम्हारी भूमि अपनी उपज न उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने फल न देंगे। |
जब तू भूमि पर खेती करेगा तब वह अपनी क्षमता के अनुसार तुझे उपज न देगी। तू पृथ्वी पर भगोड़ा होगा और यहां-वहां भटकता फिरेगा।’
अतएव एलियाह राजा अहाब के सम्मुख स्वयं को प्रकट करने के लिए गए। उस समय सामरी नगर में भयंकर अकाल था।
तो मेरे खेत में गेहूं के बदले कांटे, जौ के बदले जंगली घास उगे!’ यहाँ अय्यूब का कथन समाप्त हुआ
यदि प्रभु घर को न बनाए, तो उसे बनानेवाले व्यक्ति व्यर्थ परिश्रम करते हैं; यदि प्रभु नगर की रक्षा न करे, तो पहरेदार व्यर्थ जागते हैं।
तू अपने उद्धारकर्ता परमेश्वर को भूल गया; तुझे अपने आश्रय की चट्टान का स्मरण नहीं रहा। अत: चाहे तू अदोनी देवता के सम्मान में बाग-बगीचे लगा ले; उस विदेशी देवता के लिए फूल-पौधों की कलम जमा ले,
अथवा रोपने के दिन तू उनके चारों ओर बाड़ा बांधे और दूसरे दिन तेरे बीज में अंकुर फूटें, तो भी असहनीय पीड़ा के दिन जब असाध्य रोग का आक्रमण होगा तब तेरी फसल सूख जाएगी।
परन्तु मैंने कहा, ‘मैंने व्यर्थ परिश्रम किया, मैंने अपनी शक्ति निस्सार-कार्य में बर्बाद की। तो भी मेरा न्याय प्रभु के हाथ में है, मेरा परमेश्वर ही मुझे प्रतिफल देगा।”
उन्होंने बोया था गेहूं, पर काटे कांटे। उन्होंने खून-पसीना बहाया, किन्तु हाथ कुछ न आया। मुझ-प्रभु की क्रोधाग्नि के कारण वे अपनी फसल के लिए लज्जित होंगे।’
उसके आनन्द-उत्सवों का, यात्रा-पर्वों, नवचंद्र-पर्वों, विश्राम-दिवसों और सब निर्धारित पर्वों का मैं अन्त कर दूंगा।
तो मैं तुम्हारे लिए समय पर वर्षा प्रदान करूंगा, जिससे भूमि अपनी उपज उपजाएगी और मैदान के वृक्ष फल देंगे।
स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की ओर से यह निर्धारित है : ये कौमें अग्नि में स्वाहा होने के लिए परिश्रम करती हैं, राष्ट्र व्यर्थ कष्ट झेलते हैं; क्योंकि उनका परिश्रम निष्फल होगा।
उन दिनों में जब कोई व्यक्ति अन्न के ढेर के पास दो सौ किलो की आशा से जाता था, तब उसे एक सौ प्राप्त होता था। जब वह अंगूर-रस के कुण्ड के पास जाता और सोचता था कि वह एक सौ लिटर रस निकालेगा तब उसे चालीस ही मिलता था।
ऐसा न हो कि प्रभु का क्रोध तुम्हारे प्रति भड़क उठे और वह आकाश के झरोखे बन्द कर दे, जिससे वर्षा न हो और भूमि अपनी उपज न दे और तुम उस उत्तम देश में अविलम्ब मिट जाओ जिसको प्रभु तुम्हें दे रहा है।
तेरी देह के फल, तेरी भूमि की उपज, पालतू पशुओं और भेड़-बकरियों के बच्चों पर अभिशाप पड़ेगा।
मेरे क्रोध के कारण अग्नि जल उठी है। वह अधोलोक के नीचे तक जलेगी। वह पृथ्वी और उसकी उपज को भस्म कर देगी, पर्वतों की नींव में आग लगा देगी।