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लैव्यव्यवस्था 26:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

4 तो मैं तुम्‍हारे लिए समय पर वर्षा प्रदान करूंगा, जिससे भूमि अपनी उपज उपजाएगी और मैदान के वृक्ष फल देंगे।

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पवित्र बाइबल

4 यदि तुम ऐसा करोगे तो मैं जिस समय वर्षा आनी चाहिए, उसी समय वर्षा कराऊँगा। भूमि फ़सलें पैदा करेगी और पेड़ अपने फल देंगे।

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Hindi Holy Bible

4 तो मैं तुम्हारे लिये समय समय पर मेंह बरसाऊंगा, तथा भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने अपने फल दिया करेंगे;

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

4 तो मैं तुम्हारे लिये समय समय पर मेंह बरसाऊँगा, तथा भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने अपने फल दिया करेंगे;

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नवीन हिंदी बाइबल

4 तो मैं तुम्हारे लिए उपयुक्‍त समय पर वर्षा भेजूँगा, और भूमि अपनी उपज उत्पन्‍न करेगी, तथा भूमि के वृक्ष अपना फल देंगे।

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सरल हिन्दी बाइबल

4 तो मैं वर्षा ऋतु में तुम्हें बारिश दिया करूंगा, जिसके परिणामस्वरूप भूमि अपनी उपज और मैदान के वृक्ष फल उत्पन्‍न करेंगे.

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लैव्यव्यवस्था 26:4
31 क्रॉस रेफरेंस  

गिलआद प्रदेश में तिश्‍बे नामक एक नगर था। इस नगर के रहनेवाले एलियाह ने अहाब से कहा, ‘जिस इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर के सम्‍मुख मैं सेवारत रहता हूं, उस जीवंत प्रभु की सौगन्‍ध! जब तक मैं नहीं कहूंगा, तब तक इन वर्षों में न ओस गिरेगी और न वर्षा होगी।’


वह पृथ्‍वी पर जल बरसाता है, वह खेतों को सींचता है।


तू अपने उपरले कक्ष से पहाड़ों पर वर्षा करता है; तेरे कार्यों के फल से धरती तृप्‍त है।


धरती ने अपनी उपज प्रदान की है, परमेश्‍वर, हमारा परमेश्‍वर हमें आशिष देता है।


परमेश्‍वर हमें आशिष देता रहे; संसार की समस्‍त जातियां उसकी भक्‍ति करें।


परमेश्‍वर, तूने मूसलाधार वर्षा की थी। जब तेरी मीरास निराश हुई थी, तब तूने ही उसे विश्‍वास में स्‍थिर किया था।


सचमुच प्रभु वरदान देगा, और हमारी धरती अपनी उपज प्रदान करेगी।


धार्मिकता उसके आगे-आगे चलेगी और अपने पद-चिह्‍नों से मार्ग बनाएगी।


प्रभु तुम्‍हारे खेतों में बोए हुए बीजों के लिए समय पर वर्षा करेगा, और तुम्‍हारे खेतों में खूब फसल होगी, भरपूर उपज उत्‍पन्न होगी। उस दिन तुम्‍हारे पशु बड़े-बड़े चरागाहों में घास चरेंगे।


मैं उसको उजाड़ दूंगा; मैं उसको नहीं छांटूंगा, और न कुदाली से खोदकर उसको निराऊंगा। तब उसमें कंटीले झाड़-झंखाड़ उग आएंगे। मैं बादलों को भी आदेश दूंगा, कि वे उस पर पानी न बरसाएँ।


अन्‍य जातियां निस्‍सार मूर्तियों की आशा करती हैं। क्‍या उन में सामर्थ्य है कि वे आकाश से वर्षा कर दें? क्‍या स्‍वयं आकाश वर्षा कर सकता है? हे हमारे प्रभु परमेश्‍वर, क्‍या तू पहले-जैसा ‘वह’ नहीं रहा? प्रभु, हम तेरी ही आस लगाए बैठे हैं; क्‍योंकि तू ही इन सब कामों को करता है।


मैं प्रचुर मात्रा में पेड़ों में फल और खेतों में अन्न उत्‍पन्न करूंगा। तब तुम्‍हारे देश में कभी अकाल नहीं पड़ेगा, और न राष्‍ट्रों में तुम्‍हारा अपमान होगा।


ओ मैदान के पशुओ, मत डरो, क्‍योंकि निर्जन प्रदेश के चरागाह हरे-भरे हो गए हैं। पेड़ में फल लगने लगे हैं। अंजीर के वृक्ष और अंगूर की लता में भरपूर फसल होने लगी है।


भूमि तुम्‍हें अपना फल देगी और उसको भर पेट खाकर तुम देश में निश्‍चिन्‍त निवास करोगे।


तो मैं छठे वर्ष तुम पर अपनी आशिष प्रेषित करूंगा जिससे भूमि की उपज तीन वर्ष के लिए पर्याप्‍त होगी।


वे पूर्ण निश्‍चिन्‍तता के साथ खेती-किसानी करेंगे, और समृद्ध होंगे। अंगूर-उद्यानों में फल लगेंगे। भूमि पर प्रचुरता से फसल होगी और आकाश से ओस की वर्षा होगी। मैं इस्राएल के शेष वंशजों को ये वस्‍तुएं प्रदान करूंगा और वे इन्‍हें प्राप्‍त करेंगे।


इससे तुम अपने स्‍वर्गिक पिता की सन्‍तान बन जाओगे; क्‍योंकि वह भले और बुरे, दोनों पर अपना सूर्य उगाता तथा धर्मी और अधर्मी, दोनों पर पानी बरसाता है।


फिर भी वह अपने भले कार्यों द्वारा अपने विषय में साक्षी देता रहा: वह आपके लिए आकाश से पानी बरसाता और नियत मौसम में फसलें उगाता है; वह अन्न प्रदान कर आपका हृदय आनन्‍द से भरता है।”


‘यदि तुम मेरी आज्ञाओं को निश्‍चय ही मानोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्‍हें दे रहा हूँ, और अपने प्रभु परमेश्‍वर से प्रेम करोगे, अपने सम्‍पूर्ण हृदय और सम्‍पूर्ण प्राण से उसकी सेवा करोगे,


तो वह निर्धारित समय पर तुम्‍हारे देश को शरद-कालीन और वसन्‍त-कालीन वर्षा प्रदान करेगा। तब तुम अनाज, अंगूर का रस और तेल एकत्र कर सकोगे।


समय पर तेरे खेतों पर वर्षा करने के लिए, तेरे सब काम-धन्‍धों पर आशिष देने के लिए प्रभु आकाश के अपने उत्तम भण्‍डार-गृहों को खोल देगा। तब तू अनेक राष्‍ट्रों को ऋण देगा, पर तू स्‍वयं ऋण नहीं लेगा।


भाइयो और बहिनो! प्रभु के आगमन तक धैर्य रखिए। किसान को देखिए, जो खेत की क़ीमती फसल की बाट जोहता है। उसे शरत्‍कालीन और वसन्‍तकालीन वर्षा के आने तक धैर्य रखना पड़ता है।


इन्‍हें आकाश का द्वार बन्‍द करने का अधिकार है, ताकि इनकी नबूवत के समय पानी नहीं बरसे। इन्‍हें पानी को रक्‍त में बदलने का और जब-जब ये चाहें, तब-तब पृथ्‍वी पर हर प्रकार की महामारी भेजने का अधिकार है।


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