उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया : ‘आकाश और पृथ्वी का सृष्टिकर्ता सर्वोच्च परमेश्वर, अब्राम को आशिष दे।
लूका 2:34 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शिमोन ने उन्हें आशीर्वाद दिया और बालक की माता मरियम से यह कहा, “देखिए, यह बालक एक ऐसा चिह्न है जिसका लोग विरोध करेंगे। इस के कारण इस्राएल में बहुतों का पतन और उत्थान होगा पवित्र बाइबल फिर शमौन ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उसकी माँ मरियम से कहा, “यह बालक इस्राएल में बहुतों के पतन या उत्थान के कारण बनने और एक ऐसा चिन्ह ठहराया जाने के लिए निर्धारित किया गया है जिसका विरोध किया जायेगा। Hindi Holy Bible तब शमौन ने उन को आशीष देकर, उस की माता मरियम से कहा; देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिस के विरोध में बातें की जाएगीं -- पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब शमौन ने उनको आशीष देकर, उसकी माता मरियम से कहा, “देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिह्न होने के लिये ठहराया गया है, जिसके विरोध में बातें की जाएँगी – नवीन हिंदी बाइबल तब शिमोन ने उन्हें आशिष दी और उसकी माता मरियम से कहा, “देख, यह बालक इस्राएल में बहुतों के पतन और उत्थान के लिए और ऐसा चिह्न होने के लिए ठहराया गया है जिसका विरोध किया जाएगा सरल हिन्दी बाइबल शिमओन ने मरियम को संबोधित करते हुए ये आशीर्वचन कहे: “यह पहले से ठहराया हुआ है कि यह शिशु इस्राएल में अनेकों के पतन और उत्थान के लिए चुना गया है. यह एक ऐसा चिन्ह होगा लोकमत जिसके विरुद्ध ही होगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब शमौन ने उनको आशीष देकर, उसकी माता मरियम से कहा, “देख, वह तो इस्राएल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिन्ह होने के लिये ठहराया गया है, जिसके विरोध में बातें की जाएँगी (यशा. 8:14-15) |
उसने अब्राम को यह आशीर्वाद दिया : ‘आकाश और पृथ्वी का सृष्टिकर्ता सर्वोच्च परमेश्वर, अब्राम को आशिष दे।
यूसुफ अपने पिता याकूब के पास आया। उसने उन्हें फरओ के सम्मुख उपस्थित किया। याकूब ने फरओ को आशीर्वाद दिया।
मूसा ने सब काम का निरीक्षण किया, और देखो, लोगों ने सब काम पूर्ण किया था। जैसी प्रभु ने मूसा को आज्ञा दी थी, उसी के अनुसार लोगों ने काम किया था। मूसा ने उन्हें आशीर्वाद दिया।
मैं और ये बच्चे, जो प्रभु ने मुझे दिए हैं, इस्राएल के लिए संकेत-चिह्न हैं : सियोन पर्वत पर विराजनेवाले सेनाओं के प्रभु की ओर से शकुन-चिह्न हैं।
जो मनुष्य बुद्धिमान है, वह इन बातों को समझे। जो व्यक्ति समझदार है, वह इन बातों को जाने : कि प्रभु का मार्ग सीधा है, और धार्मिक जन उस पर चलते हैं। पर अपराधी लड़खड़ाकर गिरते हैं।
मानव पुत्र आया। वह साधारण मनुष्य के समान खाता-पीता है और लोग कहते हैं : ‘देखो, यह आदमी पेटू और पियक्कड़ है। चुंगी-अधिकारियों और पापियों का मित्र है।’ किन्तु परमेश्वर की प्रज्ञ अपने कर्मों से प्रमाणित होती है। ”
येशु लोगों को उपदेश दे रहे थे कि उनकी माता और भाई आए। वे घर के बाहर थे और उनसे मिलना चाहते थे।
“[जो इस पत्थर पर गिरेगा, वह चूर-चूर हो जाएगा और जिस पर यह पत्थर गिरेगा, उस को पीस डालेगा।]”
और बोले, “श्रीमान! हमें याद है कि उस धोखेबाज ने अपने जीवनकाल में कहा था कि मैं तीन दिन बाद जी उठूँगा।
और एक तलवार आपके हृदय को आर-पार बेध देगी। इस प्रकार बहुत लोगों के मनोभाव प्रकट हो जाएँगे।”
जो बुराई करता है, वह ज्योति से बैर करता है और ज्योति के पास इसलिए नहीं आता कि कहीं उसके कार्यों के दोष प्रकट न हो जाएँ।
अब यहूदी धर्माधिकारी उन्हें मार डालने का और भी प्रयत्न करने लगे, क्योंकि वह न केवल विश्राम-दिवस का नियम तोड़ते थे, बल्कि परमेश्वर को अपना पिता कह कर अपने आपको परमेश्वर के बराबर भी बताते थे।
यहूदी इतनी बड़ी भीड़ देख कर ईष्र्या से जल गये और पौलुस की निन्दा करते हुए उनकी बातों का खण्डन करने लगे।
उन्हें न पा कर वे यासोन और कई भाइयों को यह चिल्लाते हुए नगर-अधिकारियों के पास खींच ले गये, “ये लोग, जो सारी दुनिया को उलट-पुलट कर रहे हैं, अब यहाँ आ पहुँचे हैं।
हमारा अनुभव है कि यह मनुष्य संक्रामक रोग के सदृश है। यह दुनिया भर के सब यहूदियों में आंदोलन करता-फिरता है और नासरी कुपंथ का मुखिया है।
किन्तु हम आप से आपके विचार सुनना चाहते हैं, क्योंकि हमें मालूम है कि इस पंथ का सर्वत्र विरोध हो रहा है।”
प्रभु के विरुद्ध और उसके मसीह के विरुद्ध पृथ्वी के राजा उठ खड़े हुए हैं, और शासकगण परस्पर मिल गए हैं।’
परमेश्वर का वचन फैलता गया। यरूशलेम में शिष्यों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गई; और बहुत-से पुरोहितों ने इस विश्वास को स्वीकार कर लिया।
ऐसा क्यों हुआ? क्योंकि इस्राएली विश्वास पर नहीं, बल्कि कर्मकाण्ड पर निर्भर रहते थे। उनके पैर “ठोकर के पत्थर” से लग गये और वे गिर पड़े।
किन्तु हम क्रूसित मसीह का ही प्रचार करते हैं। यह यहूदियों के विश्वास में बाधा है और गैर-यहूदियों के लिए ‘मूर्खता’।
जब अब्राहम राजाओं का संहार कर लौट रहे थे, तब शालेम के राजा और सर्वोच्च परमेश्वर के पुरोहित मलकीसेदेक उन से मिलने आये और उन्होंने अब्राहम को आशीर्वाद दिया।
यदि मसीह के नाम के कारण आप लोगों का अपमान किया जाये, तो अपने को धन्य समझें, क्योंकि यह इसका प्रमाण है कि परमेश्वर का महिमामय आत्मा आप पर छाया रहता है।
पुरोहित एली एलकानाह और उसकी पत्नी हन्नाह को आशीर्वाद देता, और यह कहता था, ‘जो पुत्र इस स्त्री ने प्रभु को अर्पित किया है, उसके स्थान पर प्रभु तुम्हें इस स्त्री के द्वारा संतति प्रदान करे।’ उसके बाद वे अपने घर चले जाते थे।