रोमियों 9:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं तो यहां तक चाहता हूँ कि अपने उन भाई-बहिनों के कल्याण के लिए, जो शरीर के नाते मेरे सजातीय हैं, स्वयं ही शापग्रस्त हो जाऊं और मसीह से अलग हो जाऊं। पवित्र बाइबल काश मैं चाह सकता कि अपने भाई बहनों और दुनियावी सम्बन्धियों के लिए मैं मसीह का शाप अपने ऊपर ले लेता और उससे अलग हो जाता। Hindi Holy Bible क्योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि मैं यहाँ तक चाहता था कि अपने भाइयों के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, स्वयं ही मसीह से शापित हो जाता। नवीन हिंदी बाइबल मैं यहाँ तक चाहता था कि अपने उन भाइयों के लिए स्वयं ही शापित होकर मसीह से अलग हो जाता जो शारीरिक रीति से मेरे कुटुंबी, सरल हिन्दी बाइबल मैं यह कामना कर सकता था कि अच्छा होता कि स्वयं मैं शापित होता—अपने भाइयों के लिए, जो शारीरिक रूप से मेरे सजातीय हैं—मसीह से अलग हो जाता. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि मैं यहाँ तक चाहता था, कि अपने भाइयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से श्रापित और अलग हो जाता। (निर्ग. 32:32) |
राजा इस धक्के से हिल उठा। वह द्वार के ऊपर बने हुए कमरे में चला गया और वहाँ रोने लगा। उसने रोते हुए कहा, ‘ओ मेरे बेटे अबशालोम! मेरे बेटे! मेरे बेटे अबशालोम! काश, तेरे बदले मुझे मौत आई होती। ओ मेरे बेटे अबशालोम, मेरे बेटे!’
मैं अपनी कौम पर आनेवाली विपत्ति को कैसे देख सकूंगी? मैं अपने नाते-रिश्तेदारों का सर्वनाश कैसे सहन कर सकूंगी?’
अब तू उनके पाप क्षमा कर। यदि तू नहीं करेगा तो, मैं विनती करता हूँ, तू अपनी उस पुस्तक में से मेरा नाम काट दे, जिसे तूने लिखा है।’
“भाइयो! अब्राहम के वंशजो और यहाँ उपस्थित परमेश्वर के भक्तो! मुक्ति का यह सन्देश हम सब के पास भेजा गया है।
प्रधान महापुरोहित तथा धर्मवृद्धों की समस्त धर्म-महासभा मेरी इस बात के साक्षी हैं। उन्हीं से पत्र ले कर मैं दमिश्क के भाइयों के पास जा रहा था, जिससे वहाँ के लोगों को भी बाँध कर यरूशलेम ले आऊं और दण्ड दिलाऊं।
उन्होंने पौलुस से कहा, “हम लोगों को यहूदा प्रदेश से आपके विषय में कोई पत्र नहीं मिला और न वहाँ आये हुए किसी भाई ने आपके विषय में कोई संदेश दिया या आपकी बुराई की।
जो उसके पुत्र हमारे प्रभु येशु मसीह के विषय में है। वह शरीर की दृष्टि से दाऊद के वंश में उत्पन्न हुए, पर पवित्र आत्मा की दृष्टि से मृतकों में से जी उठने के कारण सामर्थ्य के साथ परमेश्वर के पुत्र प्रमाणित हुए।
इसलिए मन में यह प्रश्न उठता है, “क्या परमेश्वर ने अपनी प्रजा को त्याग दिया है?” निश्चय ही नहीं! मैं भी तो इस्राएली हूँ, अब्राहम के वंश का हूँ और बिन्यामिन के कुल का।
किन्तु मैं अपने सजातियों में प्रतिस्पर्धा उत्पन्न करने की, और इस प्रकार उन में कुछ लोगों का उद्धार करने की आशा भी रखता हूँ;
मेरा सहयोगी तिमोथी और मेरे सम्बन्धी लूकियुस, यासोन और सोसिपत्रुस आप को नमस्कार कहते हैं।
मेरे सम्बन्धियों और बन्दीगृह में मेरे साथियों अन्द्रोनिकुस और बहिन युनियास को नमस्कार। ये प्रेरितों में प्रतिष्ठित हैं और मुझ से पहले मसीह के शिष्य बने थे।
इसलिए मैं आप लोगों को बता देता हूँ कि कोई भी व्यक्ति परमेश्वर के आत्मा से प्रेरित हो कर यह नहीं कहता,“येशु शापित हो” और कोई भी व्यक्ति पवित्र आत्मा की प्रेरणा के बिना यह नहीं कह सकता,“येशु ही प्रभु है।”
मैं तो आप लोगों के लिए सहर्ष अपना सब कुछ खर्च करूँगा और अपने को भी अर्पित करूँगा। यदि मैं आप लोगों को इतना प्यार करता हूँ, तो क्या आप मुझे कम प्यार करेंगे?
लेकिन जो शुभ समाचार हमने आप को सुनाया, यदि कोई-चाहे वह स्वयं हम या कोई स्वर्गदूत ही क्यों न हो-उससे भिन्न शुभ समाचार आप को सुनाये, तो वह अभिशप्त हो!
मैं जो कह चुका हूं, वही दुहराता हूं : जो शुभ समाचार आप को मिला है, यदि कोई उससे भिन्न शुभ समाचार आपको सुनाये, तो वह अभिशप्त हो!
परन्तु जो व्यवस्था के कर्मकाण्ड पर निर्भर रहते हैं, वे शाप के अधीन हैं; क्योंकि लिखा है: “जो व्यक्ति व्यवस्था-ग्रन्थ में लिखी हुई सभी बातों का पालन नहीं करता रहता है, वह शापित है।”
मसीह हमारे लिए शापित हुये और इस तरह उन्होंने हम को व्यवस्था के अभिशाप से मुक्त किया; क्योंकि लिखा है: “जो कोई काठ पर लटकाया जाता है, वह शापित है।”
दासों से मेरा अनुरोध है कि जो लोग इस पृथ्वी पर आपके स्वामी हैं, आप डरते-काँपते और निष्कपट हृदय से उनकी आज्ञा पूरी करें, मानो आप मसीह की सेवा कर रहे हों।
तो उसकी लाश रात भर वृक्ष पर नहीं लटकती रहेगी। तू उसी दिन उसको अवश्य गाड़ देना; क्योंकि फांसी का दण्ड पाया हुआ व्यक्ति परमेश्वर के द्वारा शापित है। तू उस देश की भूमि को, जिसको पैतृक अधिकार के लिए तेरा प्रभु परमेश्वर तुझे दे रहा है, अशुद्ध मत करना।
शाऊल ने उस दिन उतावली में एक मन्नत मानी। उसने अपने सैनिकों को एक महाशपथ दी। उसने कहा, ‘सन्ध्या के पूर्व, तथा जब तक मैं अपने शत्रुओं से बदला न ले लूँ, उसके पहले भोजन करने वाला व्यक्ति अभिशप्त होगा।’ अत: किसी भी सैनिक ने मुँह में दाना भी नहीं डाला।
शाऊल ने कहा, ‘परमेश्वर मेरे साथ ऐसा ही व्यवहार करे; नहीं, इससे अधिक कठोर व्यवहार करे! योनातन, तुम्हें निश्चय ही मृत्यु-दण्ड दिया जाएगा।’