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गलातियों 1:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

8 लेकिन जो शुभ समाचार हमने आप को सुनाया, यदि कोई-चाहे वह स्‍वयं हम या कोई स्‍वर्गदूत ही क्‍यों न हो-उससे भिन्न शुभ समाचार आप को सुनाये, तो वह अभिशप्‍त हो!

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पवित्र बाइबल

8 किन्तु चाहे हम हों और चाहे कोई स्वर्गदूत, यदि तुम्हें हमारे द्वारा सुनाये गये सुसमाचार से भिन्न सुसमाचार सुनाता है तो उसे धिक्कार है।

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Hindi Holy Bible

8 परन्तु यदि हम या स्वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हम ने तुम को सुनाया है, कोई और सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो श्रापित हो।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

8 परन्तु यदि हम, या स्वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हम ने तुम को सुनाया है, कोई और सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो शापित हो।

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नवीन हिंदी बाइबल

8 परंतु यदि हम या स्वर्ग का कोई दूत भी उस सुसमाचार के विपरीत जो हमने तुम्हें सुनाया है, कोई अन्य सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो वह शापित हो।

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सरल हिन्दी बाइबल

8 किंतु यदि हम या कोई स्वर्गदूत तक उस ईश्वरीय सुसमाचार के अलावा, जो हमने तुम्हें सुनाया है, किसी भिन्‍न ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार करे तो वह शापित है!

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गलातियों 1:8
23 क्रॉस रेफरेंस  

नूह ने उसे शाप दिया, ‘कनान शापित है, वह अपने भाइयों का दासानुदास होगा।’


तब वृद्ध नबी ने उससे कहा, ‘जैसे तुम नबी हो, वैसे मैं भी हूं।’ फिर वृद्ध नबी ने उससे यह झूठ कहा, ‘प्रभु के दूत ने प्रभु के वचन के द्वारा मुझ से यह कहा है: “तू उसे अपने साथ अपने घर में लौटा ला जिससे वह रोटी खाए और पानी पीए।” ’


तब मैंने उन्‍हें डांटा और उन्‍हें कटु शब्‍द कहे। मैंने कुछ को मारा-पीटा और उनके बाल नोचे। मैंने परमेश्‍वर के नाम पर उन्‍हें यह शपथ दी : ‘तुम गैर-यहूदी कौमों के पुत्रों से अपनी पुत्रियों का विवाह नहीं करोगे, और न अपना और न अपने पुत्रों का विवाह उनकी पुत्रियों से करोगे।


स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तुम इन नबियों की नबूवत मत सुनो; क्‍योंकि ये तुम में झूठी आशा जगाते हैं। ये ईश्‍वरीय दर्शन की बातों का दावा करते हैं; पर ये बातें मुझ-प्रभु के मुख की नहीं, वरन् इनके मस्‍तिष्‍क की उपज होती हैं।


तुम मेरे वचन को भार मत कहना। प्रत्‍येक व्यक्‍ति की कथनी-बिना-करनी उसी का “भार” होगी। अत: तुम अपने परमेश्‍वर, स्‍वर्गिक सेनाओं के प्रभु, जीवंत परमेश्‍वर के वचन को मत बिगाड़ना।


“तब राजा अपनी बायीं ओर के लोगों से कहेगा, ‘शापित लोगो! मुझ से दूर हो और उस अनन्‍त आग में जा पड़ो, जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गयी है;


इस पर पतरस स्‍वयं को कोसने और शपथ खा कर कहने लगा, “तुम जिस मनुष्‍य की चर्चा कर रहे हो, मैं उसे जानता भी नहीं।”


वे महापुरोहितों तथा धर्मवृद्धों के पास जा कर बोले, “हमने घोर शपथ ली है कि हम तब तक कुछ नहीं खायेंगे, जब तक हम पौलुस का वध न कर दें।


भाइयो और बहिनो! मैं आप लोगों से अनुरोध करता हूँ कि आप उन लोगों से सावधान रहें, जो फूट डालते और दूसरों के लिए पाप का कारण बनते हैं। इस प्रकार का व्‍यवहार उस शिक्षा से मेल नहीं खाता, जो आप को मिली है। आप ऐसे लोगों से दूर रहें।


मैं तो यहां तक चाहता हूँ कि अपने उन भाई-बहिनों के कल्‍याण के लिए, जो शरीर के नाते मेरे सजातीय हैं, स्‍वयं ही शापग्रस्‍त हो जाऊं और मसीह से अलग हो जाऊं।


इसलिए मैं आप लोगों को बता देता हूँ कि कोई भी व्यक्‍ति परमेश्‍वर के आत्‍मा से प्रेरित हो कर यह नहीं कहता,“येशु शापित हो” और कोई भी व्यक्‍ति पवित्र आत्‍मा की प्रेरणा के बिना यह नहीं कह सकता,“येशु ही प्रभु है।”


यदि आप लोगों में कोई “प्रभु” से प्रेम नहीं करता, वह “शापित” हो। प्रभु!आइए!


मैं जो कह चुका हूं, वही दुहराता हूं : जो शुभ समाचार आप को मिला है, यदि कोई उससे भिन्न शुभ समाचार आपको सुनाये, तो वह अभिशप्‍त हो!


परन्‍तु जो व्‍यवस्‍था के कर्मकाण्‍ड पर निर्भर रहते हैं, वे शाप के अधीन हैं; क्‍योंकि लिखा है: “जो व्यक्‍ति व्‍यवस्‍था-ग्रन्‍थ में लिखी हुई सभी बातों का पालन नहीं करता रहता है, वह शापित है।”


मसीह हमारे लिए शापित हुये और इस तरह उन्‍होंने हम को व्‍यवस्‍था के अभिशाप से मुक्‍त किया; क्‍योंकि लिखा है: “जो कोई काठ पर लटकाया जाता है, वह शापित है।”


जो व्यक्‍ति अपने भ्रांत विश्‍वास के कारण फूट डालता है, उसे एक-दो बार चेतावनी दो और इसके बाद यह जान कर उस से दूर रहो


इसलिए तुम प्रभु की ओर से अभिशप्‍त हो! तुममें से कुछ व्यक्‍ति मेरे परमेश्‍वर के भवन के निमित्त सदा सेवा करेंगे। वे लकड़ी काटने वाले लकड़हारे, और पानी भरनेवाले भिश्‍ती होंगे।’


उनकी आँखें व्‍यभिचार से भरी हैं और उन में कभी तृप्‍त न होनेवाली पाप की भूख बनी हुई है। वे दुर्बल आत्‍माओं को लुभाते हैं। उनका मन लोभ में प्रशििक्षत हो चुका है। यह अभिशप्‍त सन्‍तति


अब, महाराज, मेरे स्‍वामी, अपने सेवक की यह बात ध्‍यान से सुनें : यदि प्रभु ने आपको मेरे विरुद्ध उकसाया है, तो प्रभु एक भेंट स्‍वीकार करे। परन्‍तु यदि उकसाने वाले मनुष्‍य हैं, तो वे प्रभु के सम्‍मुख अभिशप्‍त हों! उन्‍होंने मुझे आज निकाल दिया है जिससे मैं प्रभु की पैतृक-सम्‍पत्ति का हिस्‍सेदार न बनूं। उन्‍होंने मुझसे कहा, “जा, अन्‍य देशों के देवताओं की पूजा-आराधना कर!”


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