“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो मेरा वचन सुनता और जिसने मुझे भेजा, उस में विश्वास करता है, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त है। वह दोषी नहीं ठहराया जाएगा। वह तो मृत्यु को पार कर जीवन में प्रवेश कर चुका है।
रोमियों 5:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि हम मसीह के रक्त के कारण धार्मिक ठहराए गये, तो हम निश्चय ही मसीह द्वारा परमेश्वर के प्रकोप से बच जायेंगे। पवित्र बाइबल क्योंकि अब जब हम उसके लहू के कारण धर्मी हो गये है तो अब उसके द्वारा परमेश्वर के क्रोध से अवश्य ही बचाये जायेंगे। Hindi Holy Bible सो जब कि हम, अब उसके लोहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा क्रोध से क्यों न बचेंगे? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) अत: जब कि हम अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा परमेश्वर के क्रोध से क्यों न बचेंगे? नवीन हिंदी बाइबल इसलिए अब जबकि हम उसके लहू के द्वारा धर्मी ठहराए गए हैं, तो निश्चय ही उसके द्वारा परमेश्वर के क्रोध से भी बच जाएँगे। सरल हिन्दी बाइबल हम मसीह येशु के लहू के द्वारा धर्मी घोषित तो किए ही जा चुके हैं, इससे कहीं बढ़कर यह है कि हम उन्हीं के कारण परमेश्वर के क्रोध से भी बचाए जाएंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तो जबकि हम, अब उसके लहू के कारण धर्मी ठहरे, तो उसके द्वारा परमेश्वर के क्रोध से क्यों न बचेंगे? |
“मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो मेरा वचन सुनता और जिसने मुझे भेजा, उस में विश्वास करता है, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त है। वह दोषी नहीं ठहराया जाएगा। वह तो मृत्यु को पार कर जीवन में प्रवेश कर चुका है।
परमेश्वर का क्रोध स्वर्ग से उन लोगों के सब प्रकार के अधर्म और अन्याय पर प्रकट हो रहा है, जो अन्याय द्वारा सत्य को दबाये रखते हैं।
यदि हम विश्वास के कारण धार्मिक ठहराए गए हैं, तो हमें हमारे प्रभु येशु मसीह द्वारा परमेश्वर में शान्ति प्राप्त होती है।
हम शत्रु ही थे, जब परमेश्वर के साथ हमारा मेल उसके पुत्र की मृत्यु द्वारा हो गया था; और परमेश्वर के साथ मेल हो जाने के बाद उसके पुत्र के जीवन द्वारा निश्चय ही हमारा उद्धार होगा।
उसने जिन्हें पहले से निश्चित किया, उन्हें बुलाया भी है : जिन्हें बुलाया, उन्हें धार्मिक भी ठहराया है और जिन्हें धार्मिक ठहराया है, उन्हें महिमान्वित भी किया है।
आप लोग पहले दूर थे, किन्तु येशु मसीह से संयुक्त हो कर आप अब मसीह के रक्त द्वारा निकट आ गये हैं;
हम सभी पहले उन विरोधियों में सम्मिलित थे, जब हम अपनी कुप्रवृत्तियों के वशीभूत हो कर अपने शरीर और मन की वासनाओं को तृप्त करते थे। हम दूसरों की तरह अपने स्वभाव के कारण परमेश्वर के कोप के पात्र थे।
और उसके पुत्र अर्थात् येशु की प्रतीक्षा करें, जिन्हें परमेश्वर ने मृतकों में से जिलाया। यही येशु स्वर्ग से उतरेंगे और हमें आने वाले प्रकोप से बचायेंगे।
तो फिर मसीह का रक्त, जिन्होंने अपने आपको शाश्वत आत्मा के द्वारा निर्दोष बलि के रूप में परमेश्वर को अर्पित किया, हमारे अन्त:करण को मृत कर्मों से क्यों नहीं शुद्ध करेगा और हमें जीवन्त परमेश्वर की सेवा के योग्य क्यों नहीं बनायेगा?
व्यवस्था के अनुसार प्राय: सब कुछ रक्त द्वारा शुद्ध किया जाता है और रक्त के बिना क्षमा नहीं मिलती।
परन्तु यदि हम ज्योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्वयं ज्योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।