प्रहरी ने कहा, ‘महाराज, मैं पहले दौड़ने वाले की दौड़ को पहचान सकता हूँ। सादोक का पुत्र अहीमास इस प्रकार दौड़ता है।’ राजा ने कहा, ‘वह अच्छा आदमी है। वह शुभ सन्देश लेकर आता है।’
रोमियों 5:7 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) धार्मिक मनुष्य के लिए शायद ही कोई अपने प्राण अर्पित करे। फिर भी हो सकता है कि भले मनुष्य के लिए कोई मरने को तैयार हो जाये, पवित्र बाइबल कुछही लोग किसी मनुष्य के लिए अपना प्राण त्यागने तैयार हो जाते है, चाहे वो भक्त मनुष्य क्यों न हो। Hindi Holy Bible किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो र्दुलभ है, परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी हियाव करे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो दुर्लभ है; परन्तु हो सकता है किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का भी साहस करे। नवीन हिंदी बाइबल दुर्लभ है कि किसी धर्मी मनुष्य के लिए कोई मरे। हाँ, हो सकता है कि किसी भले व्यक्ति के लिए कोई मरने का साहस कर भी ले। सरल हिन्दी बाइबल शायद ही कोई किसी व्यवस्था के पालन करनेवाले के लिए अपने प्राण दे दे. हां, संभावना यह अवश्य है कि कोई किसी परोपकारी के लिए प्राण देने के लिए तैयार हो जाए इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 किसी धर्मी जन के लिये कोई मरे, यह तो दुर्लभ है; परन्तु क्या जाने किसी भले मनुष्य के लिये कोई मरने का धैर्य दिखाए। |
प्रहरी ने कहा, ‘महाराज, मैं पहले दौड़ने वाले की दौड़ को पहचान सकता हूँ। सादोक का पुत्र अहीमास इस प्रकार दौड़ता है।’ राजा ने कहा, ‘वह अच्छा आदमी है। वह शुभ सन्देश लेकर आता है।’
सैनिकों ने कहा, ‘महाराज, आप नगर के बाहर नहीं जाएँगे। यदि हमें भागना पड़ेगा तो शत्रु हमारी ओर ध्यान नहीं देंगे। सेना के आधे सैनिक वीरगति प्राप्त करेंगे, तो भी वे हमारी ओर ध्यान नहीं देंगे। परन्तु महाराज, आप दस हजार सैनिकों के बराबर हैं। इसलिए, अच्छा यह होगा कि आप नगर में ठहर कर यहाँ से हमें सहायता भेजें।’
जो मनुष्य दूसरों पर कृपा करता, और उधार देता है, जो न्यायपूर्वक प्रत्येक कार्य करता है, उसका कल्याण होता है।
क्योंकि इन लोगों की बुद्धि मारी गयी है। ये कानों से ऊंचा सुनने लगे हैं; इन्होंने अपनी आँखें बन्द कर ली हैं; जिससे कहीं ऐसा न हो कि ये आँखों से देखें, कानों से सुनें, बुद्धि से समझें और मेरी ओर लौट आएँ और मैं इन्हें स्वस्थ कर दूँ। ’
क्योंकि वह भले मनुष्य थे और पवित्र आत्मा तथा विश्वास से परिपूर्ण थे। इस प्रकार बहुत-से लोग प्रभु में सम्मिलित हो गये।
जिन्होंने मेरे प्राण बचाने के लिए अपना सिर दाँव पर रख दिया। मैं ही नहीं, बल्कि गैर-यहूदियों की सब कलीसियाएँ उनका आभार मानती हैं।
किन्तु हम पापी ही थे, जब मसीह हमारे लिए मरे। इससे परमेश्वर ने हमारे प्रति अपने प्रेम का प्रमाण दिया है।
हम प्रेम का मर्म इसी से पहचान गये कि येशु ने हमारे लिए अपना प्राण अर्पित किया तो हमें भी अपने भाई-बहिनों के लिए अपना प्राण अर्पित करना चाहिए।