रोमियों 4:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) बेखतने रहते समय उन को विश्वास द्वारा जो धार्मिकता प्राप्त हुई थी, उस पर मुहर की तरह खतने का चिह्न लगाया गया। इस प्रकार वह उन सब के भी पिता बने, जो खतना कराये बिना विश्वास करते हैं, जिससे उनका भी विश्वास उनके लिए धार्मिकता माना जाये। पवित्र बाइबल और फिर एक चिन्ह के रूप में उसने ख़तना ग्रहण किया। जो उस विश्वास के परिणामस्वरूप धार्मिकता की एक छाप थी जो उसने उस समय दर्शाया था जब उसका ख़तना नहीं हुआ था। इसलिए वह उन सभी का पिता है जो यद्यपि बिना ख़तने के हैं किन्तु विश्वासी है। (इसलिए वे भी धर्मी गिने जाएँगे) Hindi Holy Bible और उस ने खतने का चिन्ह पाया, कि उस विश्वास की धामिर्कता पर छाप हो जाए, जो उस ने बिना खतने की दशा में रखा था: जिस से वह उन सब का पिता ठहरे, जो बिना खतने की दशा में विश्वास करते हैं, और कि वे भी धर्मी ठहरें। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने खतने का चिह्न पाया कि उस विश्वास की धार्मिकता पर छाप हो जाए जो उसने बिना खतने की दशा में रखा था, जिससे वह उन सब का पिता ठहरे जो बिना खतने की दशा में विश्वास करते हैं ताकि वे भी धर्मी ठहरें; नवीन हिंदी बाइबल उसे धार्मिकता की मुहर के रूप में ख़तने का चिह्न प्राप्त हुआ जो उसने ख़तनारहित दशा में विश्वास से पाया था जिससे वह ख़तनारहित दशा में सब विश्वास करनेवालों का पिता हो, ताकि वे भी धर्मी गिने जाएँ; सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने ख़तना का चिह्न—विश्वास की धार्मिकता की मोहर—उस समय प्राप्त किया, जब वह ख़तना रहित ही थे इसका उद्देश्य था उन्हें उन सबके पिता-स्वरूप प्रतिष्ठित किया जाए, जो बिना ख़तना के विश्वास करेंगे, कि इस विश्वास को उनकी धार्मिकता के रूप में मान्यता प्राप्त हो; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उसने खतने का चिन्ह पाया, कि उस विश्वास की धार्मिकता पर छाप हो जाए, जो उसने बिना खतने की दशा में रखा था, जिससे वह उन सब का पिता ठहरे, जो बिना खतने की दशा में विश्वास करते हैं, ताकि वे भी धर्मी ठहरें; (उत्प. 17:11) |
अब्राहम के परमेश्वर की प्रजा बनने के लिए जाति-जाति के सामन्त एकत्र हुए हैं। क्योंकि पृथ्वी की ढालें परमेश्वर की हैं; वह अत्यन्त उन्नत हुआ है।
जिन घरों में तुम रहते हो, उन पर लगाया हुआ रक्त तुम्हारे लिए एक चिह्न होगा। जब मैं उस रक्त को देखूंगा तब आगे बढ़ जाऊंगा। जब मैं मिस्र देश को मारूंगा तब तुम्हें नष्ट करने के लिए तुम पर महामारी का आक्रमण न होगा।
‘तू इस्राएली समाज से यह बोलना : तुम मेरे विश्राम-दिवसों को अवश्य मनाना। यह मेरे और तुम्हारे मध्य पीढ़ी से पीढ़ी तक एक चिह्न है जिससे तुम्हें ज्ञात हो कि मैं प्रभु, तुम्हें पवित्र करता हूँ।
यह मेरे और इस्राएली समाज के मध्य इस बात का स्थायी चिह्न है कि प्रभु ने छ: दिन में आकाश और पृथ्वी बनाए, और सातवें दिन विश्राम करके शान्ति की सांस ली।’
‘मैंने उनको विश्राम-दिवस भी प्रदान किया, जो मेरे और उनके मध्य एक चिह्न है कि उनको ज्ञात हो कि मैं प्रभु ही उनको पवित्र करता हूं।
मेरे विश्राम-दिवस को पवित्र मानो, ताकि वह मेरे और तुम्हारे बीच एक चिह्न ठहरे, और तुम्हें अनुभव हो कि मैं ही तुम्हारा प्रभु परमेश्वर हूं।”
“मैं तुम से कहता हूँ, बहुत लोग पूर्व और पश्चिम से आ कर अब्राहम, इसहाक और याकूब के साथ स्वर्गराज्य के भोज में सम्मिलित होंगे,
येशु ने उससे कहा, “आज इस घर में मुक्ति का आगमन हुआ है, क्योंकि यह भी अब्राहम की संतान है।
जो पुत्र में विश्वास करता है, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त है। परन्तु जो पुत्र में विश्वास करने से इन्कार करता है, वह जीवन का दर्शन नहीं करेगा, परन्तु परमेश्वर का क्रोध उस पर बना रहता है।
उन्होंने उत्तर दिया, “जीवन की रोटी मैं हूँ। जो मेरे पास आता है, उसे कभी भूख नहीं लगेगी और जो मुझ में विश्वास करता है, उसे कभी प्यास नहीं लगेगी।
मेरे पिता की इच्छा यह है कि जो पुत्र को देखे और उस में विश्वास करे, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त हो। मैं उसे अन्तिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा।”
उन्होंने उत्तर दिया, “हम अब्राहम की सन्तान हैं, हम कभी किसी के गुलाम नहीं रहे। आप यह क्या कहते हैं : ‘तुम स्वतन्त्र हो जाओगे’?”
क्योंकि मसीह व्यवस्था को परिपूर्णता तक पहुँचाते हैं और प्रत्येक विश्वास करने वाले को धार्मिकता प्रदान करते हैं।
किन्तु विश्वास पर आधारित धार्मिकता का वक्तव्य यह है, “तुम अपने मन में यह मत कहो कि कौन स्वर्ग जायेगा?” अर्थात् मसीह को नीचे ले आने के लिए,
परमेश्वर के इस विधान में मुक्ति येशु मसीह में विश्वास करने से प्राप्त होती है और यह मुक्ति उन सब के लिए है, जो विश्वास करते हैं। अब भेद-भाव नहीं रहा।
उसने इस युग में अपनी धार्मिकता का प्रमाण देना चाहा, जिससे यह स्पष्ट हो जाये कि वह स्वयं धार्मिक है और उन सब को धार्मिक ठहराता है, जो येशु में विश्वास करते हैं।
क्योंकि केवल एक ही परमेश्वर है, जो खतना कराने वाले यहूदियों को उनके विश्वास के आधार पर धार्मिक ठहराएगा और उसी विश्वास द्वारा गैर-यहूदियों को भी।
उनका विश्वास कैसे धार्मिकता माना गया है? क्या उस समय तक उनका खतना हुआ था या नहीं? उस समय तक उनका खतना नहीं हुआ था, वह बेखतने ही थे।
हम क्या कहें? इसका निष्कर्ष यह है कि गैर-यहूदियों ने, जो धार्मिकता की खोज में नहीं लगे हुए थे, धार्मिकता, अर्थात् विश्वास पर आधारित धार्मिकता प्राप्त की।
जैसे कि धर्मग्रन्थ में लिखा है, “देखो, मैं सियोन में ठोकर का पत्थर, लोगों को गिराने वाली शिला रख रहा हूँ। परन्तु जो उस पर विश्वास करता है, उसे लज्जित नहीं होना पड़ेगा।”
फिर भी यह नहीं समझना चाहिए कि परमेश्वर का वचन रद्द हो गया है; क्योंकि इस्राएल के वंश में उत्पन्न सभी लोग सच्चे इस्राएली नहीं हैं
परमेश्वर ने हम पर अपनी मुहर लगायी और अग्रिम राशि के रूप में हमारे हृदयों को पवित्र आत्मा प्रदान किया है।
परन्तु धर्मग्रन्थ ने सब कुछ पाप की शक्ति के अधीन बंदी बना दिया है, जिससे येशु मसीह में विश्वास के द्वारा विश्वास करने वालों के लिए प्रतिज्ञा पूरी की जाये।
इसलिए आप लोग यह निश्चित रूप से जान लें कि जो लोग विश्वास करते हैं, वे ही अब्राहम की सन्तान हैं।
हम तो उस धार्मिकता की तीव्र अभिलाषा करते हैं, जो विश्वास पर आधारित है और आत्मा द्वारा प्राप्त होती है।
आप लोगों ने भी सत्य का वचन, अपनी मुक्ति का शुभ समाचार, सुनने के बाद मसीह में विश्वास किया है और आप पर उस पवित्र आत्मा की मुहर लग गयी, जिसकी प्रतिज्ञा की गयी थी।
परमेश्वर ने विमोचन-दिवस के लिए आप लोगों पर पवित्र आत्मा की मुहर लगायी है। आप परमेश्वर के उस पवित्र आत्मा को दु:ख नहीं दें।
प्रभु परमेश्वर तेरे लोगों का और उनके वंशजों का हृदय विनम्र बनाएगा कि वे अपने प्रभु परमेश्वर को सम्पूर्ण हृदय से, सम्पूर्ण प्राण से प्रेम कर सकें और जीवित रहें।
और उनके साथ पूर्ण रूप से एक हो जाऊं। मुझे अपनी धार्मिकता का नहीं, जो व्यवस्था के पालन से मिलती है, बल्कि उस धार्मिकता का भरोसा है, जो मसीह में विश्वास करने से मिलती है। उस धार्मिकता का उद्गम परमेश्वर है और उसका आधार विश्वास है।
नूह अपने विश्वास के कारण अदृश्य घटनाओं से परमेश्वर के द्वारा सचेत किया गया। उसने इस चेतावनी का सम्मान किया और अपना परिवार बचाने के लिए जलयान का निर्माण किया। उसने अपने विश्वास द्वारा संसार को दोषी ठहराया और वह उस धार्मिकता का अधिकारी बना, जो विश्वास पर आधारित है।
येशु मसीह के सेवक और प्रेरित शिमोन पतरस का यह पत्र उन लोगों के नाम है, जिन्हें हमारे परमेश्वर और मुक्तिदाता येशु मसीह की धार्मिकता द्वारा हमारे ही समान विश्वास का बहुमूल्य वरदान मिला है।
उन्हें यह आदेश मिला कि वे घास अथवा किसी पौधे या वृक्ष को हानि नहीं पहुचायें, बल्कि केवल उन मनुष्यों को, जिनके माथे पर परमेश्वर की मुहर नहीं लगी हो।