रोमियों 14:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) यदि हम जीते रहते हैं, तो प्रभु के लिए जीते हैं और यदि मरते हैं, तो प्रभु के लिए मरते हैं। इस प्रकार हम चाहे जीते रहें या मर जायें, हम प्रभु के ही हैं। पवित्र बाइबल हम जीते हैं तो प्रभु के लिए और यदि मरते है तो भी प्रभु के लिए। सो चाहे हम जियें चाहे मरें हम है तो प्रभु के ही। Hindi Holy Bible क्योंकि यदि हम जीवित हैं, तो प्रभु के लिये जीवित हैं; और यदि मरते हैं, तो प्रभु के लिये मरते हैं; सो हम जीएं या मरें, हम प्रभु ही के हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यदि हम जीवित हैं, तो प्रभु के लिये जीवित हैं; और यदि मरते हैं, तो प्रभु के लिये मरते हैं; अत: हम जीएँ या मरें, हम प्रभु ही के हैं। नवीन हिंदी बाइबल यदि हम जीवित हैं, तो प्रभु के लिए जीवित हैं, और यदि हम मरते हैं, तो प्रभु के लिए मरते हैं। अतः चाहे हम जीएँ या मरें, हम प्रभु के ही हैं। सरल हिन्दी बाइबल क्योंकि यदि हम जीवित हैं तो प्रभु के लिए और यदि हमारी मृत्यु होती है, तो वह भी प्रभु के लिए ही. इसलिये हम जीवित रहें या हमारी मृत्यु हो, हम प्रभु ही के हैं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि यदि हम जीवित हैं, तो प्रभु के लिये जीवित हैं; और यदि मरते हैं, तो प्रभु के लिये मरते हैं; फिर हम जीएँ या मरें, हम प्रभु ही के हैं। |
इन शब्दों से येशु ने संकेत किया कि किस प्रकार की मृत्यु से पतरस परमेश्वर की महिमा करेगा। येशु ने अन्त में पतरस से कहा, “मेरा अनुसरण करो।”
“दाऊद तो अपने समय में परमेश्वर का अभिप्राय पूरा कर मर गये। वह अपने पूर्वजों के पास कबर में रखे गये और उनकी विकृति हो गयी;
किन्तु मेरी दृष्टि में मेरे जीवन का कोई मूल्य नहीं। मैं तो केवल अपनी दौड़ समाप्त करना और वह सेवाकार्य पूरा करना चाहता हूँ, जिसे प्रभु येशु ने मुझे सौंपा है − अर्थात् मैं परमेश्वर के अनुग्रह के शुभ समाचार की साक्षी देता रहूँ।
इस पर पौलुस ने कहा, “आप लोग यह क्या कह रहे हैं? आप रो-रो कर मेरा हृदय क्यों दु:खी कर रहे हैं? मैं प्रभु येशु के नाम के कारण यरूशलेम में न केवल बँधने, बल्कि मरने को भी तैयार हूँ।”
सब अपने क्रम के अनुसार, सब से पहले मसीह और बाद में उनके पुनरागमन के समय वे, जो मसीह के हैं।
मेरी हार्दिक अभिलाषा और आशा यह है कि मुझे किसी बात पर लज्जित नहीं होना पड़े, वरन् मैं पूर्ण निर्भीकता से बोलूँ, जिससे सदा की भांति अब भी-चाहे मैं जीवित रहूँ या मर जाऊं-मसीह मेरी देह द्वारा महिमान्वित हों।
यदि मुझे आपके विश्वास-रूपी यज्ञ और जन-सेवा में अपने प्राण की आहुति भी देनी पड़ेगी, तो मैं आनन्दित होऊंगा और आप सब के साथ आनन्द मनाऊंगा।
उसने मसीह के कार्य के लिए मृत्यु का सामना किया और अपने जीवन को जोखिम में डाला जिससे वह मेरे प्रति जन-सेवा का वह कार्य पूरा करे, जिसे आप लोग स्वयं करने में असमर्थ थे।
मसीह हमारे लिए मरे, जिससे हम चाहे जीवित हों या मर गये हों, उन से संयुक्त हो कर जीवन बितायें।
मैंने स्वर्ग में किसी को मुझ से यह कहते सुना, “लिखो : धन्य हैं वे मृतक, जो अब से प्रभु में विश्वास करते हुए मरते हैं!” आत्मा कहता है, “ऐसा ही हो, ताकि वे अपने परिश्रम के बाद विश्राम करें, क्योंकि उनके सत्कर्म उनके साथ जाते हैं।”