परमेश्वर ने कहा, ‘देखो, मैंने समस्त पृथ्वी के प्रत्येक बीजधारी पौधे और फलदायक वृक्ष, जिनके फलों में बीज हैं, तुम्हें प्रदान किए हैं। वे तुमारा आहार हैं।
रोमियों 14:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) कोई व्यक्ति मानता है कि उसे हर प्रकार का भोजन करने की अनुमति है, जब कि जिसका विश्वास दुर्बल है, वह साग-सब्जी ही खाता है। पवित्र बाइबल कोई मानता है कि वह सब कुछ खा सकता है, किन्तु कोई दुर्बल व्यक्ति बस साग-पात ही खाता है। Hindi Holy Bible क्योंकि एक को विश्वास है, कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो विश्वास में निर्बल है, वह साग पात ही खाता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) एक को विश्वास है कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो विश्वास में निर्बल है वह साग पात ही खाता है। नवीन हिंदी बाइबल एक का विश्वास है कि वह सब कुछ खा सकता है, परंतु जो विश्वास में निर्बल है वह साग-पात ही खाता है। सरल हिन्दी बाइबल एक व्यक्ति इस विश्वास से सब कुछ खाता है कि सभी कुछ भोज्य है किंतु जिसका विश्वास निर्बल है, वह मात्र साग-पात ही खाता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि एक को विश्वास है, कि सब कुछ खाना उचित है, परन्तु जो विश्वास में निर्बल है, वह साग-पात ही खाता है। |
परमेश्वर ने कहा, ‘देखो, मैंने समस्त पृथ्वी के प्रत्येक बीजधारी पौधे और फलदायक वृक्ष, जिनके फलों में बीज हैं, तुम्हें प्रदान किए हैं। वे तुमारा आहार हैं।
सब गतिमान जीव-जन्तु तुम्हारा आहार होंगे। जैसे मैंने तुमको हरे पौधे दिए थे वैसे अब सब कुछ देता हूं।
जहां प्रेम है, वहां सूखी रोटी भी मीठी लगती है पर जिस घर में घृणा का वास है, वहां अच्छे से अच्छा भोजन भी त्याज्य है।
अत: भोजन की व्यवस्था करनेवाले भंडारी ने राजा के द्वारा निश्चित किए गए खान-पान को देना बन्द कर दिया और उनके स्थान पर वह उनको साग-सब्जी देने लगा।
यदि कोई विश्वास में दुर्बल है, तो आप उसकी पापशंकाओं पर विवाद किये बिना उसका स्वागत करें।
मैं जानता हूँ और प्रभु येशु का शिष्य होने के नाते मेरा विश्वास है कि कोई भी वस्तु अपने में अशुद्ध नहीं है; किन्तु यदि कोई यह समझता है कि अमुक वस्तु अशुद्ध है, तो वह उसके लिए अशुद्ध हो जाती है।
भोजन के कारण परमेश्वर की कृति का विनाश मत करो। यह सच है कि सब कुछ अपने में शुद्ध है, किन्तु भोजन द्वारा दूसरे के मार्ग में रोड़े अटकाना बुरा है।
हम लोगों को, जो समर्थ हैं, अपनी सुख-सुविधा का नहीं, बल्कि दुर्बलों की कमजोरियों का ध्यान रखना चाहिए।
बाजार में जो मांस बिकता है, उसे आप अन्त:करण की शान्ति के लिए पूछताछ किये बिना खा सकते हैं;
मैं दुर्बलों के लिए दुर्बल-जैसा बना, जिससे मैं उनको प्राप्त कर सकूँ। मैं सब के लिए सब कुछ बन गया हूँ, जिससे किसी न किसी तरह कुछ लोगों का उद्धार कर सकूँ।
वह पहले गैर-यहूदियों के साथ भोजन करते थे; किन्तु जब याकूब के यहाँ से कुछ व्यक्ति आये, तो वह खतना की प्रथा माननेवाले यहूदी भाई-बहिनों के भय से गैर-यहूदियों से किनारा करने और उन से अलग रहने लगे।
क्योंकि परमेश्वर ने जो कुछ बनाया, वह सब अच्छा है और ऐसा कुछ भी त्याज्य नहीं है, जो धन्यवाद के साथ ग्रहण किया जाता है।
जो शुद्ध हैं, उनके लिए सब कुछ शुद्ध है। किन्तु जो दूषित और अविश्वासी हैं, उनके लिए कुछ भी शुद्ध नहीं हैं, क्योंकि उनका मन और अन्त:करण, दोनों दूषित हैं।
नाना प्रकार के अनोखे सिद्धान्तों के फेर में नहीं पड़ें। उत्तम यह है कि हमारा मन भोजन से नहीं, बल्कि परमेश्वर की कृपा से बल प्राप्त करे। भोजन-सम्बन्धी निषेध-विधियों का पालन करने वालों को इन से लाभ नहीं हुआ।
वे बाह्य नियम हैं जो खान-पान एवं नाना प्रकार की शुद्धीकरण-विधियों से सम्बन्ध रखते हैं और पुनर्निर्माण के युग के आगमन तक ही लागू हैं।