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यूहन्ना 5:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वहाँ एक मनुष्‍य था, जो अड़तीस वर्षों से बीमार था।

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पवित्र बाइबल

इन रोगियों में एक ऐसा मरीज़ भी था जो अड़तीस वर्ष से बीमार था।

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Hindi Holy Bible

वहां एक मनुष्य था, जो अड़तीस वर्ष से बीमारी में पड़ा था।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

वहाँ एक मनुष्य था, जो अड़तीस वर्ष से बीमारी में पड़ा था।

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नवीन हिंदी बाइबल

वहाँ एक मनुष्य था, जो अड़तीस वर्ष से अपनी बीमारी में पड़ा था।

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सरल हिन्दी बाइबल

इनमें एक व्यक्ति ऐसा था, जो अड़तीस वर्ष से रोगी था.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

वहाँ एक मनुष्य था, जो अड़तीस वर्ष से बीमारी में पड़ा था।

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यूहन्ना 5:5
12 क्रॉस रेफरेंस  

येशु ने उसके पिता से पूछा, “इसकी ऐसी दशा कब से है?” उसने उत्तर दिया, “बचपन से।


शैतान ने इस स्‍त्री को, अब्राहम की इस पुत्री को इतने वर्षों से, अठारह वर्षों से बाँध रखा था, तो क्‍या इसे विश्राम के दिन उस बन्‍धन से छुड़ाना उचित नहीं था?”


एक स्‍त्री बारह वर्ष से रक्‍तस्राव से पीड़ित थी। वह अपनी सारी जीविका वैद्यों पर खर्च कर चुकी थी, पर कोई भी उसे स्‍वस्‍थ नहीं कर सका था।


कुछ समय पश्‍चात् येशु को वह मन्‍दिर में मिला। येशु ने उस से कहा, “देखो, तुम स्‍वस्‍थ हो गये हो। फिर पाप मत करना। कहीं ऐसा न हो कि तुम पर और भी भारी संकट आ पड़े।”


क्‍योंकि प्रभु का दूत समय-समय पर कुण्‍ड में उतर कर पानी को हिला देता था। पानी के हिलने के बाद जो व्यक्‍ति सब से पहले कुण्‍ड में उतरता था− चाहे वह किसी भी रोग से पीड़ित क्‍यों न हो, स्‍वस्‍थ हो जाता था।]


येशु ने उसे पड़ा हुआ देखा और, यह जान कर कि वह बहुत समय से इसी तरह पड़ा हुआ है, उस से पूछा, “क्‍या तुम स्‍वस्‍थ होना चाहते हो?”


मार्ग में येशु ने एक मनुष्‍य को देखा, जो जन्‍म से अन्‍धा था।


किन्‍तु अब यह कैसे देखने लगा है, हम यह नहीं जानते। हम यह भी नहीं जानते कि किसने इसकी आँखें खोली हैं। यह सयाना है, इसी से पूछ लीजिए। यह अपने विषय में स्‍वयं ही बताएगा।”


लुस्‍त्रा नगर में एक ऐसा व्यक्‍ति बैठा हुआ था, जिसके पैरों में शक्‍ति नहीं थी। वह जन्‍म से ही लँगड़ा था और कभी चल-फिर नहीं सका था।


लोग एक मनुष्‍य को ले जा रहे थे, जो जन्‍म से लँगड़ा था। वे उसे प्रतिदिन ला कर मन्‍दिर के ‘सुन्‍दर’ नामक फाटक के पास छोड़ देते थे, जिससे वह मन्‍दिर के अन्‍दर जाने वालों से भीख माँग सके।


जिस मनुष्‍य को उस आश्‍चर्य कर्म द्वारा स्‍वास्‍थ्‍य-लाभ हुआ था, उसकी उम्र चालीस वर्ष से अधिक थी।


वहाँ उन्‍हें एनियास नामक व्यक्‍ति मिला, जो लकवा रोग से पीड़ित था और आठ वर्षों से रोग-शैया पर पड़ा हुआ था।