परन्तु परमेश्वर ने रात के समय स्वप्न में अबीमेलक के पास आकर उससे कहा, ‘देख, जिस स्त्री को तूने रखा है, उसके कारण तू मर जाएगा; क्योंकि वह दूसरे पुरुष की पत्नी है।’
यूहन्ना 4:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम्हारे पाँच पति रह चुके हैं और जिसके साथ तुम अभी रहती हो, वह तुम्हारा पति नहीं है। यह तुम ने ठीक ही कहा।” पवित्र बाइबल तुम्हारे पाँच पति थे और तुम अब जिस पुरुष के साथ रहती हो वह भी तुम्हारा पति नहीं है इसलिये तुमने जो कहा है सच कहा है।” Hindi Holy Bible क्योंकि तू पांच पति कर चुकी है, और जिस के पास तू अब है वह भी तेरा पति नहीं; यह तू ने सच कहा है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि तू पाँच पति कर चुकी है, और जिसके पास तू अब है वह भी तेरा पति नहीं। यह तू ने सच ही कहा है।” नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि तू पाँच पति कर चुकी है, और अब जो तेरे पास है, वह तेरा पति नहीं है। यह तूने सच ही कहा है।” सरल हिन्दी बाइबल सच यह है कि पांच पति पहले ही तुम्हारे साथ रह चुके हैं और अब भी जो तुम्हारे साथ रह रहा है, तुम्हारा पति नहीं है.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि तू पाँच पति कर चुकी है, और जिसके पास तू अब है वह भी तेरा पति नहीं; यह तूने सच कहा है।” |
परन्तु परमेश्वर ने रात के समय स्वप्न में अबीमेलक के पास आकर उससे कहा, ‘देख, जिस स्त्री को तूने रखा है, उसके कारण तू मर जाएगा; क्योंकि वह दूसरे पुरुष की पत्नी है।’
उस देश के शासक का नाम हमोर था और हमोर के पुत्र का नाम शकेम था। वह हिव्वी जाति का था। जब शकेम ने दीना को देखा तब उसे पकड़ लिया। वह उसके साथ सोया और उसका शीलभंग कर दिया।
परन्तु उन्होंने कहा, ‘क्या शकेम को हमारी बहिन के साथ वेश्या के समान व्यवहार करना चाहिए था?’
परन्तु, नहीं! जैसे विश्वासघातिनी पत्नी पति को छोड़कर चली जाती है, वैसे ही तूने मेरे साथ विश्वासघात किया,’ प्रभु की यह वाणी है।
सुन, तू क्या है? तू व्यभिचारिणी पत्नी है, जो पति के स्थान पर पराए पुरुष को अपना शरीर सौंपती है।
‘पति की ईष्र्या की यह व्यवस्था है : यदि कोई पत्नी अपने पति के अधीन होते हुए पथभ्रष्ट होगी और अपने को अशुद्ध करेगी,
और यदि पत्नी अपने पति का परित्याग करती और किसी दूसरे पुरुष से विवाह करती है, तो वह भी व्यभिचार करती है।”
स्त्री ने उत्तर दिया, “मेरा कोई पति नहीं है।” येशु ने उससे कहा, “तुम ने ठीक ही कहा कि मेरा कोई पति नहीं है।
यदि वह अपने पति के जीवन-काल में किसी दूसरे की पत्नी बन जाती है, तो वह व्यभिचारिणी कहलायेगी। किन्तु यदि पति मर जाता है, तो वह उस बन्धन से मुक्त हो जाती है। और यदि वह किसी दूसरे की पत्नी बन जाती है, तो वह व्यभिचारिणी नहीं है।
आप लोगों में विवाह सम्मानित और दाम्पत्य जीवन अदूषित हो; क्योंकि परमेश्वर लम्पटों और व्यभिचारियों का न्याय करेगा।
इसके अतिरिक्त मैं महलोन की विधवा, मोआबी रूत को पत्नी के रूप में स्वीकार करता हूँ, जिससे मृतक का नाम उसकी पैतृक सम्पत्ति पर कायम रहे, और मृतक का नाम उसके भाइयों के मध्य से तथा उसके नगर के सभा-स्थल से लुप्त न हो जाए। आज आप इस बात के गवाह हैं।’