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यूहन्ना 3:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

जिसकी दुलहिन है वही दूल्‍हा है। दूल्‍हे का मित्र, जो उसके पास खड़ा रहता है और उसकी बात सुनता है, वह दूल्‍हे के स्‍वर से बहुत आनन्‍दित होता है। मेरा आनन्‍द ऐसा ही है और अब वह परिपूर्ण है।

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पवित्र बाइबल

दूल्हा वही है जिसे दुल्हन मिलती है। पर दूल्हे का मित्र जो खड़ा रहता है और उसकी अगुवाई में जब दूल्हे की आवाज़ को सुनता है, तो बहुत खुश होता है। मेरी यही खुशी अब पूरी हुई है।

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Hindi Holy Bible

जिस की दुलहिन है, वही दूल्हा है: परन्तु दूल्हे का मित्र जो खड़ा हुआ उस की सुनता है, दूल्हे के शब्द से बहुत हर्षित होता है; अब मेरा यह हर्ष पूरा हुआ है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

जिसकी दुलहिन है, वही दूल्हा है; परन्तु दूल्हे का मित्र जो खड़ा हुआ उसकी सुनता है, दूल्हे के शब्द से बहुत हर्षित होता है : अब मेरा यह हर्ष पूरा हुआ है।

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नवीन हिंदी बाइबल

जिसके पास दुल्हन है वही दूल्हा है, और दूल्हे का मित्र जो खड़ा हुआ उसकी सुनता है, वह दूल्हे की आवाज़ से बहुत आनंदित होता है। अतः मेरा यह आनंद पूरा हुआ है।

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सरल हिन्दी बाइबल

वर वही है जिसके साथ वधू है किंतु वर के साथ उसका मित्र उसका शब्द सुन आनंद से अत्यंत प्रफुल्लित होता है. यही है मेरा आनंद, जो अब पूरा हुआ है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

जिसकी दुल्हन है, वही दूल्हा है: परन्तु दूल्हे का मित्र जो खड़ा हुआ उसकी सुनता है, दूल्हे के शब्द से बहुत हर्षित होता है; अब मेरा यह हर्ष पूरा हुआ है।

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यूहन्ना 3:29
27 क्रॉस रेफरेंस  

‘ओ यरूशलेम की कन्‍याओ, अपने-अपने घर से बाहर निकलो। ओ सियोन की पुत्रियो, बाहर आकर राजा सुलेमान को देखो। वह उस मुकुट को पहिने हुए है, जो उसकी माता ने उसके विवाह के दिन उसके हृदय के आनन्‍द-दिवस पर उसको पहिनाया था।’


‘ओ मेरी संगिनी, ओ मेरी दुलहन! मैं अपने उद्यान में आया हूं। मैंने अपना गन्‍धरस और बलसान चुन लिया। मैंने मधु छत्ते से टपकता मधु खाया। मैंने दूध के साथ अंगूर-रस पिया।’ ओ प्रेमियो, छककर पियो।’


क्‍योंकि तुझे ‘बनानेवाला’ ही तेरा पति है; उसका नाम है − ‘स्‍वर्गिक सेनाओं का प्रभु’। इस्राएल का पवित्र परमेश्‍वर तेरा मुक्‍तिदाता है। वह सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी का परमेश्‍वर कहलाता है।


ओ यरूशलेम के पुत्र-पुत्रियो! तुम अपनी मां के सांत्‍वना देनेवाले स्‍तनों का पान कर तृप्‍त होगे! तुम उसके महिमामय स्‍तनों का अपार आनन्‍द के साथ पान करोगे।


‘जा, यरूशलेम नगरी से यह कह: प्रभु यों कहता है: ओ यरूशलेम, मुझे तेरी भक्‍ति स्‍मरण है, जब तू जवान थी, तूने मुझे दुल्‍हन-सा प्रेम दिया था! तू पतिव्रता स्‍त्री के समान निर्जन प्रदेश में मेरे पीछे-पीछे चली थी। उस निर्जन भूमि में हल भी नहीं चला था।


‘मैं फिर तेरे पास से गुजरा, और तुझ पर दृष्‍टि की, तो देखा कि तेरी उम्र प्रेम करने के लायक हो गई है। मैंने तेरे शरीर पर अपनी चादर डाल दी, और यों तेरी नग्‍नता ढांप दी। मैंने सौगन्‍ध खाकर तुझे वचन दिया, और तेरे साथ विधान स्‍थापित किया, और इस प्रकार तू मेरी पत्‍नी बन गई।’ स्‍वामी-प्रभु की यही वाणी है।


मैं तेरे साथ शाश्‍वत विवाह-सम्‍बन्‍ध स्‍थापित करूंगा। तेरे साथ धार्मिकता, न्‍याय, करुणा और दया के बन्‍धन में विवाह-सम्‍बन्‍ध स्‍थापित करूंगा।


“स्‍वर्ग का राज्‍य उस राजा के सदृश है, जिसने अपने पुत्र के विवाह में भोज दिया।


तब स्‍वर्ग का राज्‍य उन दस कुँआरियों के सदृश होगा, जो अपनी-अपनी मशाल ले कर दूल्‍हे की अगवानी करने निकलीं।


येशु ने उन से कहा, “जब तक दूल्‍हा साथ है, क्‍या बाराती शोक मना सकते हैं? किन्‍तु वे दिन आएँगे, जब दूल्‍हा उन से ले लिया जाएगा। तब वे उपवास करेंगे।


और घर आ कर अपने मित्रों और पड़ोसियों को बुलाता है और उन से कहता है, ‘मेरे साथ आनन्‍द मनाओ, क्‍योंकि मेरी खोई हुई भेड़ मुझे मिल गई है।’


“मैंने तुम से यह इसलिए कहा है कि मेरा आनन्‍द तुम में हो और तुम्‍हारा आनन्‍द परिपूर्ण हो जाए।


अब तक तुम ने मेरे नाम में कुछ नहीं माँगा है। माँगो और तुम्‍हें मिलेगा, जिससे तुम्‍हारा आनन्‍द परिपूर्ण हो!


“परन्‍तु अब मैं तेरे पास आ रहा हूँ। जब तक मैं संसार में हूँ, यह सब कह रहा हूँ जिससे उन्‍हें मेरा आनन्‍द पूर्ण रूप से प्राप्‍त हो।


यह अनिवार्य है कि वह बढ़ते जाएँ और मैं घटता जाऊं।”


मैं जितनी तत्‍परता से आप लोगों की चिन्‍ता करता हूँ, वह परमेश्‍वर की चिन्‍ता-जैसी है। मैंने आपके एकमात्र दूल्‍हे मसीह के साथ आपकी सगाई सम्‍पन्न की, जिससे मैं आप को पवित्र कुआँरी की तरह उनके सामने प्रस्‍तुत कर सकूँ।


तो आप लोग एकचित्त, एकहृदय तथा एकमत हो कर प्रेम के सूत्र में बँध जायें और इस प्रकार मेरा आनन्‍द परिपूर्ण कर दें।


हम तुम्‍हें यह इसलिए लिख रहे हैं, जिससे हम सब का आनन्‍द परिपूर्ण हो जाये।


मुझे आप लोगों को बहुत कुछ लिखना है, किन्‍तु मैं यह कागज और स्‍याही से नहीं करना चाहता। मुझे आशा है कि मैं आपके यहाँ आ कर आमने-सामने बातचीत करूँगा, जिससे हमारा आनन्‍द परिपूर्ण हो।


जो सात स्‍वर्गदूत वे सात प्‍याले लिये थे, जिन में अन्‍तिम सात विपत्तियाँ भरी हुई थीं, उन में से एक ने मेरे पास आ कर कहा, “आइए, मैं आप को दुलहन, मेमने की पत्‍नी के दर्शन कराऊंगा।”