यूहन्ना 2:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु और उनके शिष्य भी विवाह में निमन्त्रित थे। पवित्र बाइबल शादी में यीशु और उसके शिष्यों को भी बुलाया गया था। Hindi Holy Bible और यीशु और उसके चेले भी उस ब्याह में नेवते गए थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यीशु और उसके चेले भी उस विवाह में निमन्त्रित थे। नवीन हिंदी बाइबल यीशु और उसके शिष्य भी उस विवाह में आमंत्रित थे। सरल हिन्दी बाइबल मसीह येशु और उनके शिष्य भी वहां आमंत्रित थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यीशु और उसके चेले भी उस विवाह में निमंत्रित थे। |
“राजा उन्हें यह उत्तर देगा, ‘मैं तुम से सच कहता हूँ, जो कुछ तुम ने मेरे इन छोटे से छोटे भाई-बहिनों में से किसी एक के लिए किया, वह तुम ने मेरे लिए ही किया।’
“तब राजा उन्हें उत्तर देगा, ‘मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : जो कुछ तुम ने मेरे इन छोटे से छोटे भाई-बहिनों में से किसी एक के लिए नहीं किया, वह तुम ने मेरे लिए भी नहीं किया।’
इसके बाद येशु अपनी माता, अपने भाइयों और अपने शिष्यों के साथ कफरनहूम नगर को गये और वहाँ कुछ दिन रहे।
जब वह मृतकों में से जी उठे, तब उनके शिष्यों को स्मरण हुआ कि येशु ने ऐसा कहा था और उन्होंने धर्मग्रन्थ और येशु के इस कथन पर विश्वास किया।
इसके पश्चात् येशु अपने शिष्यों के साथ यहूदा प्रदेश में आए। वहाँ वह शिष्यों के साथ रहकर बपतिस्मा देने लगे।
यद्यपि येशु स्वयं नहीं, बल्कि उनके शिष्य बपतिस्मा देते थे। जब येशु को इसका पता चला,
जब लोग खा कर तृप्त हो गये, तब येशु ने अपने शिष्यों से कहा, “बचे हुए टुकड़े बटोर लो, जिससे कुछ भी बरबाद न हो।”
यह उन्होंने शिमोन इस्करियोती के पुत्र यूदस के विषय में कहा। वही उनके साथ विश्वासघात करने वाला था और वह बारहों में से एक था।
इसलिए येशु के भाइयों ने उनसे कहा, “यह प्रदेश छोड़ कर यहूदा प्रदेश जाइए, जिससे आप जो महान् कार्य करते हैं, उन्हें आपके शिष्य भी देख सकें।
और जब वह उन्हें मिले तो वह शाऊल को अन्ताकिया ले आये। वे दोनों पूरे एक वर्ष तक वहाँ की कलीसिया के साथ रहे और बहुत-से लोगों को शिक्षा देते रहे। सब से पहले अन्ताकिया में ही येशु के शिष्य ‘मसीही’ कहलाए।
शिष्यों ने निश्चय किया कि यहूदा प्रदेश में रहने वाले विश्वासी भाई-बहिनों की सहायता के लिए उन में से प्रत्येक अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ भेजेगा।
जब तक किसी स्त्री का पति जीवित है, वह तब तक विवाह-संबंध से बंधी रहती है। यदि पति मर जाता है, तो वह स्वतंत्र हो जाती और जिसके साथ चाहे, विवाह कर सकती है-परन्तु यह विवाह प्रभु में हो!
आप जो भी कहें या करें, वह सब प्रभु येशु के नाम पर किया करें। उन्हीं के द्वारा आप लोग पिता-परमेश्वर को धन्यवाद देते रहें।
आप लोगों में विवाह सम्मानित और दाम्पत्य जीवन अदूषित हो; क्योंकि परमेश्वर लम्पटों और व्यभिचारियों का न्याय करेगा।
मैं द्वार के सामने खड़ा हो कर खटखटाता हूँ। यदि तुम मेरी वाणी सुन कर द्वार खोलोगे, तो मैं तुम्हारे पास भीतर आ कर तुम्हारे साथ भोजन करूँगा और तुम मेरे साथ।