हम महाराज का नमक खाते हैं, और हम महाराज का अनादर होते हुए देख नहीं सकते। अत: हम महाराज को यह पत्र भेज रहे हैं, और आपको सूचित कर रहे हैं।
यूहन्ना 12:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “यह इत्र तीन सौ चाँदी के सिक्कों में बेच कर इस से प्राप्त धन गरीबों में क्यों नहीं बाँटा गया?” पवित्र बाइबल “इस इत्र को तीन सौ चाँदी के सिक्कों में बेचकर धन गरीबों को क्यों नहीं दे दिया गया?” Hindi Holy Bible यह इत्र तीन सौ दीनार में बेचकर कंगालों को क्यों न दिया गया? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “यह इत्र तीन सौ दीनार में बेचकर कंगालों को क्यों न दिया गया?” नवीन हिंदी बाइबल “यह इत्र तीन सौ दीनार में बेचकर कंगालों को क्यों नहीं दिया गया?” सरल हिन्दी बाइबल “यह सुगंध द्रव्य गरीबों के लिये तीन सौ दीनार में क्यों नहीं बेचा गया?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “यह इत्र तीन सौ दीनार में बेचकर गरीबों को क्यों न दिया गया?” |
हम महाराज का नमक खाते हैं, और हम महाराज का अनादर होते हुए देख नहीं सकते। अत: हम महाराज को यह पत्र भेज रहे हैं, और आपको सूचित कर रहे हैं।
फरओ ने कहा, ‘तुम कामचोर हो। तुम आलसी हो, इसलिए तुम कहते हो, “हमें जाने दीजिए कि हम प्रभु के लिए बलि चढ़ाएं।”
जितनी ईंटें वे अब तक बनाते थे, तुम उनसे उतनी ही ईंटें बनवाना। उनकी संख्या कदापि कम मत करना। वे कामचोर हैं; इसलिए चिल्लाकर कहते हैं, “आओ हम जाकर अपने परमेश्वर के लिए बलि चढ़ाएँ।”
तुम चाहते हो कि नवचन्द्र पर्व कब खत्म हो, और तुम अनाज बेचो। विश्राम दिवस कब बीते, और तुम गेहूं को बेचना आरंभ करो। तुम अनाज मापने की माप को छोटा रखते हो, पर जब खरीदार से तौलकर मुद्राएं लेते हो तो तौल को भारी कर देते हो! तुम खोटी तराजू रखकर खरीदारों को ठगते हो।
जब वह सेवक बाहर निकला, तब वह अपने एक सह-सेवक से मिला, जिस पर उसका लगभग एक सौ चाँदी के सिक्कों का कर्ज था। उसने उसे पकड़ लिया और उसका गला दबा कर कहा, ‘अपना कर्ज चुका दो।’
उसने मजदूरों के साथ एक सिक्का प्रतिदिन मजदूरी तय की और उन्हें अपने अंगूर-उद्यान में भेजा।
“अपनी सम्पत्ति बेच दो और दान कर दो। अपने लिए ऐसे बटुए तैयार करो, जो कभी छीजते नहीं। स्वर्ग में अक्षय धन जमा करो। वहाँ न तो चोर पहुँचता है और न कीड़े खाते हैं;
येशु ने यह सुन कर उस से कहा, “तुम में अब तक एक बात का अभाव है। अपना सब कुछ बेच कर गरीबों में बाँट दो और तुम्हारे पास स्वर्ग में धन होगा। तब आकर मेरा अनुसरण करो।”
“जब तुम्हें अपनी ही आँख के लट्ठे का पता नहीं, तो तुम अपने भाई की आँख का तिनका क्यों देखते हो?
इस पर येशु का एक शिष्य, यूदस इस्करियोती, जो उनके साथ विश्वासघात करने वाला था, यह बोला,
उसने यह इसलिए नहीं कहा कि उसे गरीबों की चिन्ता थी, बल्कि इसलिए कि वह चोर था। उसके पास थैली रहती थी और उस में जो डाला जाता था, वह उसे निकाल लेता था।
यूदस के पास बटुआ रहता था, इसलिए कुछ शिष्य यह समझे कि येशु ने उससे कहा, “हमें पर्व के लिए जो कुछ चाहिए, वह खरीद लो” अथवा “गरीबों को कुछ दान दे दो।”
फिलिप ने उन्हें उत्तर दिया, “दो सौ चाँदी के सिक्कों की रोटियाँ भी इतनी नहीं होंगी कि हर एक को थोड़ी-थोड़ी मिल सके।”