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यिर्मयाह 9:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वे शीघ्र आएं, और हमारे लिए रोएं, कि हमारी आंखों से भी आंसुओं की नदी बहने लगे, हमारी पलकें आंसुओं के सागर में डूब जाएं।

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पवित्र बाइबल

लोग कहते हैं, “उन स्त्रियों को जल्दी से आने और हमारे लिये रोने दो, तब हमारी आँखे आँसू से भरेंगी और पानी की धारा हमारी आँखों से फूट पड़ेगी।”

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Hindi Holy Bible

वे फुतीं कर के हम लोगों के लिये शोक का गीत गाएं कि हमारी आंखों से आंसू बह चलें और हमारी पलकें जल बहाए।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

वे फुर्ती करके हम लोगों के लिये शोक का गीत गाएँ कि हमारी आँखों से आँसू बह चलें और हमारी पलकें जल बहाए।

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सरल हिन्दी बाइबल

कि वे यहां तुरंत आएं तथा हमारे लिए विलाप करें कि हमारे नेत्रों से आंसू उमड़ने लगे, कि हमारी पलकों से आंसू बहने लगे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

वे फुर्ती करके हम लोगों के लिये शोक का गीत गाएँ कि हमारी आँखों से आँसू बह चलें और हमारी पलकें जल बहाए।

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यिर्मयाह 9:18
19 क्रॉस रेफरेंस  

मेरी आंखें आंसुओं की धाराएं प्रवाहित करती हैं; क्‍योंकि लोग तेरी व्‍यवस्‍था का पालन नहीं करते हैं।


इसलिए मैं कहता हूं : “मुझसे आंख हटा लो, ताकि मैं फूट-फूट कर रो सकूं, मेरे लोगों की नगरी यरूशलेम के विनाश के शोक में मुझे सांत्‍वना देने का प्रयत्‍न न करो।”


किन्‍तु यदि तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, तो मैं तुम्‍हारे घमण्‍ड के कारण एकांत स्‍थान में आंसू बहाऊंगा, मेरी आंखें बुरी तरह रोएंगी, उनसे आंसुओं की नदी बहेगी; क्‍योंकि प्रभु का रेवड़ बन्‍दी बना लिया जाएगा।


‘ओ यिर्मयाह, तू उन से यह कहना: “मेरी आंखों से दिन-रात आंसुओं की झड़ी लगी रहती है; मेरे आंसू नहीं रुकते; क्‍योंकि यहूदा प्रदेश की जनता का सर्वनाश हो गया है; उसका भयंकर विनाश हुआ है।


‘किन्‍तु हमारे बचपन से ही, ये घृणित देवता हमारे पूर्वजों के कठोर परिश्रम का फल, उनके रेवड़ के बैल-गाय, भेड़-बकरियां, उनके पुत्र और पुत्रियां खाते रहे हैं!


हमें तो शर्म के मारे गड़ जाना चाहिए। हमें चुल्‍लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। हमने अपने प्रभु परमेश्‍वर के प्रति पाप किया है। हम और हमारे पूर्वज बचपन से आज तक पाप करते आए हैं। हमने अपने प्रभु परमेश्‍वर की बातों को नहीं माना।’


विनाश पर विनाश का समाचार आ रहा है; सारा प्रदेश लूट लिया गया है। अचानक मेरे निवास-स्‍थान के तम्‍बू उखाड़ लिये गए, क्षण-भर में मेरी कनातें नष्‍ट हो गयीं।


ओ मेरे नगर के निवासियो! पश्‍चात्ताप प्रकट करने के लिए टाट के वस्‍त्र पहनो और राख में लोटो! जैसे इकलौती संतान के निधन पर हृदय को चीरनेवाला विलाप होता है, वैसा ही शोर मचाओ! क्‍योंकि अचानक ही महाविनाशक हम पर टूट पड़नेवाला है।


‘ “ओ इस्राएली कौम, अपने सिर के केश मुँड़ा, और उनको फेंक दे। मुण्‍डे पहाड़ी शिखरों पर जा, और शोक- गीत गा। क्‍योंकि प्रभु इस पीढ़ी से नाराज है, उसने इसको पूर्णत: त्‍याग दिया है!” ’


काश, मेरा मस्‍तिष्‍क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।


मैं पर्वतों के लिए रोऊंगा, शोक मनाऊंगा; निर्जन प्रदेश के चरागाह के लिए विलाप करूंगा; क्‍योंकि वे उजाड़ हो गए हैं, राहगीर उधर से अब नहीं गुजरते। पशुओं का रंभाना भी नहीं सुनाई देता। आकाश के पक्षी उनको छोड़ चले गए हैं; जंगली पशु भी भाग गए हैं।


ओ मातम मनानेवाली स्‍त्रियो, प्रभु का यह आदेश सुनो; स्‍वयं प्रभु के मुंह से निकला हुआ वचन ध्‍यान से सुनो। तुम अपनी पुत्रियों को शोक-गीत, और अपनी पड़ोसिन को विलाप-गीत सिखाना;


वह रात में फूट-फूटकर रोती है। उसके गालों पर आंसू बहते हैं। उसके अनेक चाहनेवाले थे, पर अब उनमें से एक भी उसको सांत्‍वना नहीं देता, उसके मित्रों ने उसके साथ विश्‍वासघात किया। वे उसके शत्रु बन गए।


रोते-रोते मेरी आंखें धुंधली पड़ गईं; मेरी अंतड़ियाँ ऐंठ रही हैं; मेरा कलेजा मुंह को आ रहा है; क्‍योंकि मेरे लोगों की नगरी का सर्वनाश हो गया; शिशु और बच्‍चे नगर के चौराहों पर मूर्च्‍छित पड़े हैं।


ओ यरूशलेम की पुत्री! मैं तेरे विषय में क्‍या कहूं? मैं तेरी तुलना किससे करूं? ओ सियोन की कुंआरी कन्‍या, तुझे धैर्य बंधाने के लिए मैं तेरी समता किससे करूं? तेरा दु:ख सागर के सदृश अपार है; कौन तुझे तेरे दु:ख से उबार सकता है?


ओ सियोन की पुत्री, उच्‍च स्‍वर में स्‍वामी को पुकार; तेरी आंखों से रात और दिन आंसू की जलधाराएं बहें! तू निरन्‍तर पुकारती रह, और चुप न रह; तेरी आंखों से आंसू बहते रहें, और वे बन्‍द न हों!


अपने लोगों की नगरी का विनाश देखकर मेरी आंखों से आंसू की नदी बहती है।


स्‍वर्गिक सेनाओं का परमेश्‍वर, स्‍वामी-प्रभु यों कहता है : ‘नगर के सब चौराहों पर रोना-पीटना होगा; गली-गली में हाय-हाय मच जाएगी। वे किराए पर किसानों को विलाप करने के लिए बुलाएंगे: वे कुशल शोक-गीत गायकों को शोक मनाने के लिए लाएंगे।


जब येशु निकट आए और नगर को देखा तो वह उस पर रो पड़े