हीराम ने राख उठाने के पात्र, फावड़ियां और रक्त छिड़कने के लिए पात्र भी बनाए। इस प्रकार हीराम ने सब कार्य समाप्त किया। जो कार्य प्रभु के भवन के लिए करने का आदेश राजा सुलेमान ने उसे दिया था, उसने उसको पूर्ण किया:
यिर्मयाह 52:18 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे अपने साथ प्रभु-भवन के कार्यों में काम आनेवाले सब पवित्र पात्र भी ले गए : हांडियां, फावड़ियां, कैंचियां, कटोरे, धूपदान। इनके अतिरिक्त और भी पीतल के पात्र ले गए। पवित्र बाइबल बाबुल की सेना इन चीज़ों को भी मन्दिर से ले गई: बर्तन, बेलचे, दीपक जलाने के यन्त्र, बड़े कटोरे, कड़ाहियाँ और काँसे की वे सभी चीज़ें जिनका उपयोग मन्दिर की सेवा में होता था। Hindi Holy Bible और हांडिय़ों, फावडिय़ों, कैंचियों, कटोरों, घूपदानों, निदान पीतल के और सब पात्रों को, जिन से लोग सेवा टहल करते थे, वे ले गए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और हाँड़ियों, फावड़ियों, कैंचियों, कटोरों, धूपदानों, और पीतल के अन्य सब पात्रों को, जिनसे लोग सेवा टहल करते थे, वे ले गए। सरल हिन्दी बाइबल वे याहवेह के भवन के पवित्र बर्तन, फावड़े, चिलमचियां, दीपषमक तथा सभी कांस्य बर्तन, जो मंदिर में आराधना के लिए अधीन होते थे, अपने साथ ले गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और हाँड़ियों, फावड़ियों, कैंचियों, कटोरों, धूपदानों, और पीतल के और सब पात्रों को, जिनसे लोग सेवा टहल करते थे, वे ले गए। |
हीराम ने राख उठाने के पात्र, फावड़ियां और रक्त छिड़कने के लिए पात्र भी बनाए। इस प्रकार हीराम ने सब कार्य समाप्त किया। जो कार्य प्रभु के भवन के लिए करने का आदेश राजा सुलेमान ने उसे दिया था, उसने उसको पूर्ण किया:
शुद्ध सोने के तसले, कैंचियां, रक्त छिड़कने के लिए पात्र, धूपदान और करछे; और पवित्र अन्तर्गृह − परम पवित्र स्थान − के दरवाजों तथा मध्यभाग के दरवाजों के कबजे। उसने ये भी सोने के बनाए थे।
कांटों, कटोरों और प्यालों का शुद्ध सोना; स्वर्ण-कटोरियों का सोना; चांदी की कटोरियों की चांदी;
हूराम-अबी ने राख उठाने के पात्र, फावड़ियां और चिलमचियां बनाईं। इस प्रकार हूराम ने काम पूरा किया। उसने राजा सुलेमान के आदेश के अनुसार प्रभु के भवन के लिए ये-ये वस्तुएं बनाई थीं :
यह सब सामग्री-राख उठाने के पात्र, फावड़ियां, कांटे तथा अन्य सब पात्र जिनको हूराम-अबी ने प्रभु के भवन के लिए राजा सुलेमान के आदेश से बनाया, झिलमिलाते पीतल की थी।
कैंचियां, रक्त छिड़कने के पात्र, धूपदान और करछे−ये शुद्ध सोने के थे; परमपवित्र स्थान के दरवाजों तथा मध्यभाग के दरवाजों के कब्जे−ये भी सोने के थे।
उसने दस मेजें भी बनवाईं और उनको मन्दिर में रख दिया: पांच दाहिनी ओर और पांच बाईं ओर। इनके अतिरिक्त उसने रक्त छिड़कने के लिए सोने के सौ पात्र भी बनवाए।
सोने के तीस कटोरे, मध्यम आकार के चांदी के चार सौ दस कटोरे तथा अन्य प्रकार के एक हजार पात्र।
तू धूप के लिए परात, धूपदान, तथा पेयार्पण के लिए सुराहियाँ और चषक बनाना। तू इन्हें शुद्ध सोने से बनाना।
तू उसके राख उठाने के पात्र, फावड़ियां, कटोरे, कांटे और अंगीठियां बनाना। उसके सब पात्र पीतल धातु से बनाना।
उसने मेज पर रखने के लिए शुद्ध सोने के पात्र बनाए : धूप के लिए परात, धूपदान, तथा पेयार्पण के लिए सुराहियाँ और चषक।
उसने वेदी के सब पात्र भी बनाए : राख उठाने के पात्र, फावड़ियाँ, कटोरे, कांटे और अंगीठियाँ। उसने सब पात्र पीतल से बनाए।
वे वेदी के समस्त पात्र, जो सेवा-कार्य में प्रयुक्त होते हैं, अंगीठियाँ, कांटे, कटोरे और फावड़ियाँ उस लोहित रंग के वस्त्र पर रखेंगे। तत्पश्चात् वे उसके ऊपर सूंस के चमड़े का आच्छादन बिछाएंगे। वे वेदी में डण्डे लगाएंगे।
वे भेंट की रोटी की मेज पर पूरा नीला वस्त्र बिछाएँगे, और उस पर परात तथा धूपदान एवं पेयार्पण की सुराहियाँ और चषक रखेंगे। निरन्तर अर्पित की जाने वाली रोटी भी मेज पर रखी जाएगी।