यदि तू अपने हृदय में यह सोचे कि यह विपत्ति तुझ पर क्यों आई है, तो सुन: तेरे महा दुष्कर्म के कारण तेरा वस्त्र उतारा गया, तू नग्न की गई और तेरे साथ बलात्कार किया गया।
यिर्मयाह 5:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब लोग तुझ से पूछेंगे, कि “हमारे प्रभु परमेश्वर ने हमारे साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया?” तब तुम उनसे यह कहना, “जैसे हम ने प्रभु परमेश्वर को त्याग कर अपने देश में विदेशी कौमों के देवी-देवताओं की सेवा की थी, वैसे ही हमें पराए देश में विदेशी लोगों की सेवा करनी पड़ेगी।” पवित्र बाइबल यहूदा के लोग तुमसे पूछेंगे, ‘यिर्मयाह, हमारे परमेश्वर यहोवा ने हमारा ऐसा बुरा क्यों किया?’ उन्हें यह उत्तर दो, ‘यहूदा के लोगों, तुमने यहोवा को त्याग दिया है, और तुमने अपने ही देश में विदेशी देव मूर्तियों की पूजा की है। तुमने वे काम किये, अत: तुम अब उस देश में जो तुम्हारा नहीं है, विदेशियों की सेवा करोगे।’” Hindi Holy Bible और जब तुम पूछोगे कि हमारे परमेश्वर यहोवा ने हम से ये सब काम किस लिये किए हैं, तब तुम उन से कहना, जिस प्रकार से तुम ने मुझ को त्यागकर अपने देश में दूसरे देवताओं की सेवा की है, उसी प्रकार से तुम को पराये देश में परदेशियों की सेवा करनी पड़ेगी। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब तुम पूछोगे, ‘हमारे परमेश्वर यहोवा ने हम से ये सब काम किस लिये किए हैं,’ तब तुम उनसे कहना, ‘जिस प्रकार से तुम ने मुझ को त्यागकर अपने देश में दूसरे देवताओं की सेवा की है, उसी प्रकार से तुम को पराये देश में परदेशियों की सेवा करनी पड़ेगी।’ ” सरल हिन्दी बाइबल यह उस समय होगा जब वे यह कह रहे होंगे, ‘याहवेह हमारे परमेश्वर ने हमारे साथ यह सब क्यों किया है?’ तब तुम्हें उनसे यह कहना होगा, ‘इसलिये कि तुमने मुझे भूलना पसंद कर दिया है तथा अपने देश में तुमने परकीय देवताओं की उपासना की है, तब तुम ऐसे देश में अपरिचितों की सेवा करोगे जो देश तुम्हारा नहीं है.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब तुम पूछोगे, ‘हमारे परमेश्वर यहोवा ने हम से ये सब काम किस लिये किए हैं,’ तब तुम उनसे कहना, ‘जिस प्रकार से तुम ने मुझ को त्याग कर अपने देश में दूसरे देवताओं की सेवा की है, उसी प्रकार से तुम को पराए देश में परदेशियों की सेवा करनी पड़ेगी।’” |
यदि तू अपने हृदय में यह सोचे कि यह विपत्ति तुझ पर क्यों आई है, तो सुन: तेरे महा दुष्कर्म के कारण तेरा वस्त्र उतारा गया, तू नग्न की गई और तेरे साथ बलात्कार किया गया।
इसलिए मैं तुम को इस देश से उखाड़ कर ऐसे देश में फेंक दूंगा। जिसको न तुम्हारे पूर्वज जानते थे, और न तुम जानते हो। वहां तुम अन्य देवी-देवताओं की रात-दिन गुलामी करोगे, और मैं तुम पर कदापि कृपा नहीं करूंगा।” ’
तुझको अपने पैतृक भूमि-क्षेत्र से हाथ धोना पड़ेगा, जो मैंने तुझको दिया था! तू उस देश में शत्रुओं की गुलामी करेगा, जिस को तू अभी नहीं जानता है। ओ यहूदा प्रदेश, मेरी क्रोधाग्नि तेरे विरुद्ध भड़क उठी है। यह कभी नहीं बुझेगी।’
‘मेरे निज लोगों ने दो दुष्कर्म किए हैं: उन्होंने मुझे, जीवन-जल के झरने को, त्याग दिया, और अपने लिए हौज बना लिये जो टूटे-फूटे हैं, और जिनसे पानी बह जाता है!
‘क्या इस्राएल गुलाम है? क्या वह घर में जन्मा हुआ दास है? तब फिर वह क्यों शिकार बना?
तू कहती है, “मैं निर्दोष हूं; निश्चय ही प्रभु का क्रोध मुझ पर से हट जाएगा।” पर नहीं, क्योंकि तूने कहा कि तूने पाप नहीं किया, इसलिए मैं तुझे न्याय के कटघरे में खड़ा करूँगा।
कौन मनुष्य इतना बुद्धिमान है कि वह इन घटनाओं का भेद समझ सके? किस मनुष्य को स्वयं प्रभु ने इनका अर्थ समझाया है, कि वह सब मनुष्यों पर उसको घोषित करे? देश क्यों खण्डहर बन गया? वह निर्जन प्रदेश के समान उजाड़ क्यों पड़ा है? राहगीर वहां से क्यों नहीं गुजरते?
प्रभु कहता है: ‘जो व्यवस्था मैंने उनके सम्मुख प्रतिष्ठित की थी, उसको उन्होंने त्याग दिया। उन्होंने मेरे वचनों को नहीं सुना, और न मेरी आज्ञाओं के अनुसार आचरण किया।