मैं प्रभु शरण में आया हूँ। फिर तुम मेरे प्राण से कैसे कह सकते हो, “पंछी, अपने पर्वत को उड़ जा!
यिर्मयाह 48:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘मोआब को पंख लग जाएं तो वह प्राण बचा कर दूर उड़ जाए। उसके नगर उजड़ जाएंगे; और उनमें कोई निवास नहीं करेगा। पवित्र बाइबल मोआब के खेतों में नमक फैलाओ। देश सूनी मरुभूमि बनेगा। मोआब के नगर खाली होंगे। उनमें कोई व्यक्ति भी न रहेगा। Hindi Holy Bible मोआब के पंख लगा दो ताकि वह उड़कर दूर हो जाए; क्योंकि उसके नगर ऐसे उजाड़ हो जाएंगे कि उन में कोई भी न बसने पाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “मोआब के पंख लगा दो ताकि वह उड़कर दूर हो जाए; क्योंकि उसके नगर ऐसे उजाड़ हो जाएँगे कि उन में कोई भी न बसने पाएगा। सरल हिन्दी बाइबल मोआब को पंख प्रदान किए जाएं, कि वह उड़कर दूर चला जाए; क्योंकि उसके नगर उजाड़ हो जाएंगे, और कोई भी उनमें निवास न करेगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “मोआब के पंख लगा दो ताकि वह उड़कर दूर हो जाए; क्योंकि उसके नगर ऐसे उजाड़ हो जाएँगे कि उनमें कोई भी न बसने पाएगा। |
मैं प्रभु शरण में आया हूँ। फिर तुम मेरे प्राण से कैसे कह सकते हो, “पंछी, अपने पर्वत को उड़ जा!
मोआब के निवासी, जो अपने नगरों से निकाल दिए गए हैं, अर्नोन नदी के घाट पर ऐसे दिखाई दे रहे हैं, मानो वे भटके हुए पक्षी हों, घोंसले से निकाले गए चिड़िया के बच्चे हों।
सुनो, यह असहनीय था; प्रभु और अधिक तुम्हारे इस दुष्कर्म को, इस घृणास्पद कार्य को सह नहीं सका। उसने तुम्हारे देश को उजाड़ दिया। तुम्हारा देश निर्जन और सुनसान हो गया। वह शापित हो गया और बर्बाद हो गया, जैसा वह आज तक है।
ओ मिस्र निवासियो! स्वदेश से निष्कासित होने की तैयारी करो, अपना बोरिया-बिस्तर बांध लो। क्योंकि मेमफिस नगर उजाड़ हो जाएगा, वह निर्जन और खण्डहर बन जाएगा।
‘ओ मोआब के निवासियो! नगर छोड़कर पहाड़ी की गुफा में जा बसो। कबूतरों के समान बन जाओ जो गुफा के मुंह के किनारों पर घोंसला बनाते हैं।
अत: इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु कहता है, ‘मेरे जीवन की सौगन्ध! मोआब का विनाश सदोम की तरह, अम्मोन का संहार गमोरा के समान होगा। इन देशों की भूमि पर बिच्छू पौधे उगेंगे। उनकी भूमि नोनी बन जाएगी और सदा के लिए उजड़ जाएगी। मेरी निज प्रजा के बचे हुए लोग उनको लूटेंगे, मेरे राष्ट्र के अवशिष्ट लोग उनपर अधिकार करेंगे।’
परन्तु महिला को विशालकाय गरुड़ के दो पंख मिले, जिससे वह निर्जन प्रदेश में अपने उस आश्रय-स्थान को उड़ जाये, जहाँ उसे, सर्प की पहुँच से परे, साढ़े तीन वर्ष तक भोजन मिलनेवाला था।