‘अब, यिर्मयाह, तू यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों से यह कह : “प्रभु यों कहता है : देखो, मैं तुम्हारा अनिष्ट करने का विचार कर रहा हूँ; मैं तुम्हारे विरुद्ध अनिष्ट की योजना बना रहा हूं। अत: प्रत्येक मनुष्य अपने बुरे मार्ग को छोड़कर मेरी ओर लौटे, और तुम-सब अपना-अपना आचरण और व्यवहार सुधारो।”
‘यहूदा प्रदेश के राजा योशियाह बेन-आमोन के राज्य के तेरहवें वर्ष से लेकर आज के दिन तक अर्थात् पिछले तेईस वर्ष से मुझे प्रभु का वचन मिल रहा है। मैंने निरन्तर उत्साह से तुम्हें प्रभु का वचन सुनाया, लेकिन तुमने नहीं सुना।
‘प्रभु यों कहता है: जा, प्रभु-गृह के आंगन में खड़ा हो और मेरे भवन में यहूदा प्रदेश के नगरों से आनेवाले आराधकों से यह कह। मैं तुझसे जो बातें कहूंगा, वह सब उन से कहना, एक शब्द भी उन से मत छिपाना।
‘इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: जा, यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम नगर के निवासियों से यह कह: क्या तुम मेरी शिक्षाओं पर ध्यान नहीं दोगे? मेरे वचन को नहीं सुनोगे? मुझ-प्रभु की यह वाणी है।