11 ‘अब, यिर्मयाह, तू यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों से यह कह : “प्रभु यों कहता है : देखो, मैं तुम्हारा अनिष्ट करने का विचार कर रहा हूँ; मैं तुम्हारे विरुद्ध अनिष्ट की योजना बना रहा हूं। अत: प्रत्येक मनुष्य अपने बुरे मार्ग को छोड़कर मेरी ओर लौटे, और तुम-सब अपना-अपना आचरण और व्यवहार सुधारो।”
11 “अत: यिर्मयाह, यहूदा के लोगों और यरूशलेम में जो लोग रहते हैं उनसे कहो, ‘यहोवा जो कहता है वह यह है: अब मैं सीधे तुम लोगों के लिये विपत्ति का निर्माण कर रहा हूँ। मैं तुम लोगों के विरुद्ध योजना बना रहा हूँ। अत: उन बुरे कामों को करना बन्द करो जो तुम कर रहे हो। हर एक व्यक्ति को बदलना चाहिये और अच्छा काम करना आरम्भ करना चाहिये।’
11 इसलिये अब तू यहूदा और यरूशलेम के निवासियों यह कह, यहोवा यों कहता है, देखो, मैं तुम्हारी हानि की युक्ति और तुम्हारे विरुद्ध प्रबन्ध कर रहा हूँ। इसलिये तुम अपने अपने बुरे मार्ग से फिरो और अपना अपना चालचलन और काम सुधारो।
11 इसलिये अब तू यहूदा और यरूशलेम के निवासियों से यह कह, ‘यहोवा यों कहता है : देखो, मैं तुम्हारी हानि की युक्ति और तुम्हारे विरुद्ध प्रबन्ध कर रहा हूँ। इसलिये तुम अपने अपने बुरे मार्ग से फिरो और अपना अपना चालचलन और काम सुधारो।’
11 “इसलिये अब जाकर यहूदिया तथा येरूशलेम के निवासियों से जाकर यह कहना, ‘याहवेह का संदेश यह है: यह समझ लो! मैं तुम्हारे विरुद्ध घोर विपत्ति नियोजित कर रहा हूं और तुम्हारे विरुद्ध एक योजना बना रहा हूं. ओह! तुममें से हर एक अपनी बुराई का परित्याग कर मेरे निकट लौट आए, अपनी जीवनशैली एवं आचरण को परिशुद्ध कर ले.’
11 इसलिए अब तू यहूदा और यरूशलेम के निवासियों से यह कह, ‘यहोवा यह कहता है, देखो, मैं तुम्हारी हानि की युक्ति और तुम्हारे विरुद्ध प्रबन्ध कर रहा हूँ। इसलिए तुम अपने-अपने बुरे मार्ग से फिरो और अपना-अपना चाल चलन और काम सुधारो।’
प्रभु इस्राएल और यहूदा प्रदेशों को नबियों और द्रष्टाओं के द्वारा चेतावनी देता रहा। प्रभु ने उनसे कहा, ‘अपने कुमार्गों को छोड़ दो, और मेरी आज्ञाओं और संविधियों का पालन करो। जो व्यवस्था मैंने तुम्हारे पूर्वजों को प्रदान की थी, जो व्यवस्था मैंने अपने सेवक नबियों के हाथ से तुम्हें भेजी थी, उसके अनुसार कार्य करो।’
मैंने बार-बार तुम्हारे पास अपने सेवक नबियों को भेजा, और उनके माध्यम से मैंने तुमसे कहा, “प्रत्येक व्यक्ति अपने बुरे आचरण को छोड़ दे, अपने व्यवहार को सुधारे, अन्य जाति के देवताओं का अनुसरण न करे, उनकी पूजा न करे। तब तुम इस देश में निश्चिन्त निवास करोगे, जो मैंने तुम्हारे पूर्वजों को, और तुम्हें दिया है।” लेकिन तुमने मेरी बातों पर ध्यान नहीं दिया, एक कान से सुन कर दूसरे कान से निकाल दिया।
प्रभु कहता रहा, “तुम में से प्रत्येक मनुष्य पश्चात्ताप करे, अपने बुरे मार्ग से लौटे, अपने दुष्कर्मों को छोड़े, और लौट कर उस देश पर निवास करे जो तुम्हारे प्रभु ने तुम्हें और तुम्हारे पूर्वजों को प्राचीन काल में सदा के लिए दिया था।
मैंने पहले दमिश्क तथा यरूशलेम के लोगों में, और उसके बाद समस्त यहूदा प्रदेश तथा ग़ैर-यहूदियों में भी यह प्रचार किया कि वे पश्चात्ताप करें, परमेश्वर की ओर अभिमुख हो जायें और पश्चात्ताप के अनुरूप आचरण करें।
तू लोगों से यह कह : स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: मेरे पास लौटो! मुझ-प्रभु का यह कथन है; तो मैं तुम्हारे पास लौटूंगा।” स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु की यह वाणी है।
अत: प्रभु यों कहता है: ‘मैं शोषण करनेवाले इस वर्ग के विरुद्ध विनाश की योजना बना रहा हूं। तुम इस योजना से अपना गला नहीं छुड़ा सकोगे। वह बुरा समय होगा, तुम अहंकार से सिर उठाकर चल नहीं सकोगे।
अब मैं तुम्हें बताता हूं, मैं अपने अंगूर-उद्यान के साथ कैसा व्यवहार करूंगा : मैं उसकी बाड़ हटा दूंगा, और तब पशु उसको चर जाएंगे। मैं उसकी दीवारें ढाह दूंगा, और राहगीर उसको रौंदेंगे।
‘सुनो, मैं स्वामी-प्रभु यह कहता हूँ: क्या मैं दुर्जन की मृत्यु से प्रसन्न होता हूं? नहीं, जब कोई दुर्जन अपने दुराचरण को छोड़ देता और जीवित रहता है, तब मुझे प्रसन्नता होती है।
‘मैंने धार्मिक व्यक्ति को निराश नहीं होने दिया, लेकिन तुमने अपनी झूठी भविष्यवाणियों से उसको निराश किया। तुमने दुर्जन को उत्साहित किया कि वह अपने दुराचरण को न छोड़े। यदि दुर्जन अपना दुराचरण छोड़ देता तो वह जीवित रहता।
‘तीरों को पैना करो! ढालें सम्भाल लो! प्रभु ने मादी कौम के राजाओं की आत्मा को उत्तेजित किया है कि वे बेबीलोन पर आक्रमण करें; क्योंकि प्रभु का उद्देश्य यह है कि वह बेबीलोन को नष्ट करे। यही प्रभु का प्रतिशोध है, यही उसके मन्दिर के लिए प्रतिशोध है।
हो सकता है कि वे प्रभु के ये वचन सुनकर अपना दुराचरण छोड़ दें, वे पश्चात्ताप करें और प्रभु से विनती करें। संभव है कि प्रभु उनकी विनती सुने। प्रभु ने चेतावनी दी है कि वह उन लोगों से बहुत क्रुद्ध है। उनके विरुद्ध उसकी क्रोधाग्नि भड़क उठी है।’
जब मेरे ये वचन पढ़े जाएंगे और यहुदा प्रदेश की जनता सुनेगी कि मैं उनका क्या अनिष्ट करनेवाला हूं, तो हो सकता है कि यहूदा प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति अपने दुराचरण को छोड़ दे और पश्चात्ताप करे, और मैं उसके अधर्म और पाप को क्षमा कर दूं।’
अत: अब अपना आचरण सुधारो, अपने बुरे कामों को छोड़ो, और अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी को सुनो। तब कदाचित् प्रभु अपने निश्चय के लिए पछताए; क्योंकि उसने तुम्हारा अनिष्ट करने का निश्चय किया है, जिसकी घोषणा उसने की है।
हो सकता है, वे मेरे इन वचनों को सुन कर अपने कुमार्ग से लौटें, और उनके दुष्कर्मों के कारण जो मैंने उनका अनिष्ट करने का निश्चय किया है, उससे मैं पछताऊं।
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’
मैं तो वध के लिए ले जाये जानेवाले मेमने के सदृश उनके दुष्कर्मों से अनजान था। मैं नहीं जानता था कि उन्होंने मेरे विरुद्ध कुचक्र रचा है। वे कहते थे, ‘न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी! यिर्मयाह को इस पृथ्वी से, जीव-लोक से मिटा दें कि उसका नाम भी शेष न रहे।’
सियोन के मार्ग पर ध्वजा फहराओ, कि लोगों को रास्ता मालूम हो। नगरों में मत रुको, सुरक्षित स्थानों को भाग जाओ; क्योंकि मैं उत्तर दिशा से महा-विनाशकारी शत्रु को लाऊंगा।
प्रभु ने उनसे कहा था, ‘ओ विश्वासघाती सन्तान, लौट आ! मैं तेरे विश्वासघात के घाव को भर दूंगा।’ वे बोले, ‘देख, हम तेरे पास लौट आए हैं; क्योंकि तू ही हमारा प्रभु परमेश्वर है
‘कहो, यदि कोई पुरुष अपनी पत्नी को त्याग दे, और उसकी पत्नी दूसरे पुरुष की स्त्री हो जाए तो क्या वह उसके पास लौटेगा? क्या उसके ऐसे आचरण से सारा देश भ्रष्ट नहीं हो जाएगा? ओ इस्राएली जनता, तू अनेक प्रेमियों के साथ व्यभिचार कर चुकी है। क्या अब तू मेरे पास लौटेगी?’ प्रभु की यह वाणी है।
‘तुम लोग जाओ, और मेरी ओर से तथा जनता की ओर से एवं समस्त यहूदा प्रदेश की ओर से इस धर्मपुस्तक के वचनों का अर्थ प्रभु से ज्ञात करो। प्रभु की महाक्रोधाग्नि हमारे प्रति भड़क उठी है; क्योंकि हमारे पूर्वजों ने इस धर्म-पुस्तक के आदेशों का पालन नहीं किया। उन्होंने हमारे निमित्त लिखे गए प्रभु के आदेशों के अनुसार कार्य नहीं किया।’
सीरिया देश के राजा ने कहा, ‘तुम अभी चले जाओ। मैं इस्राएल प्रदेश के राजा को एक पत्र भेज दूंगा’। अत: नामान ने प्रस्थान किया। वह अपने साथ लगभग तीन सौ पचास किलो चांदी, सत्तर किलो सोना और दस जोड़ी राजसी वस्त्र ले गया।
जब धार्मिक मनुष्य मरता है, तब इस पर कोई ध्यान नहीं देता। भक्त मनुष्य उठा लिये जाते हैं, पर यह बात कोई नहीं समझता : विपत्ति आने से पूर्व प्रभु भक्त मनुष्य को उठा लेता है।
प्रभु कहता है, ‘ओ इस्राएल! यदि तू लौटे, तो तुझे मेरे पास ही लौटना चाहिए। यदि तू अपनी मूर्ति-पूजा की घृणित वस्तुओं को मेरे सामने से दूर करे, और मेरे पास से न भागे,
हर एक मनुष्य और पशु अपने शरीर पर टाट के वस्त्र लपेटेगा। मनुष्य छाती पीट-पीटकर परमेश्वर की दुहाई देंगे। प्रत्येक मनुष्य अपने दुराचरण को त्याग दे, और दुष्कर्मों को छोड़ दे।
तू उन से यह कहना : “ओ यहूदा प्रदेश के राजाओ और यरूशलेम के निवासियो, प्रभु का सन्देश सुनो। इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है; सुनो, मैं इस देश पर ऐसी विपत्ति ला रहा हूं कि उसके विषय में जो भी सुनेगा, उसका कलेजा दहल जाएगा।
‘इस्राएल का परमेश्वर, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है: जिस विपत्ति की घोषणा मैंने तुम्हारे हठ और दुराचरण के कारण की है, वह मैं इस नगर और यहूदा प्रदेश के सब नगरों पर ला रहा हूं; क्योंकि तुमने अपना हृदय कठोर बना लिया है, और मेरे वचनों को सुनने से इन्कार कर दिया है।’