मेरी आंखें आंसुओं की धाराएं प्रवाहित करती हैं; क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था का पालन नहीं करते हैं।
यिर्मयाह 13:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) किन्तु यदि तुम मेरी बात नहीं सुनोगे, तो मैं तुम्हारे घमण्ड के कारण एकांत स्थान में आंसू बहाऊंगा, मेरी आंखें बुरी तरह रोएंगी, उनसे आंसुओं की नदी बहेगी; क्योंकि प्रभु का रेवड़ बन्दी बना लिया जाएगा। पवित्र बाइबल यहूदा के लोगों, यदि तुम यहोवा की अनसुनी करते हो तो मैं छिप जाऊँगा और रोऊँगा। तुम्हारा घमण्ड मुझे रूलायेगा। मैं फूट—फूट कर रोऊँगा। मेरा आँखें आँसुओं से भर जाएंगी। क्यों क्योंकि यहोवा की रेवड़ पकड़ी जाएगी। Hindi Holy Bible और यदि तुम इसे न सुनो, तो मैं अकेले में तुम्हारे गर्व के कारण रोऊंगा, और मेरी आंखों से आंसुओं की धारा बहती रहेगी, क्योंकि यहोवा की भेड़ें बंधुआ कर ली गई हैं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) पर यदि तुम इसे न सुनो, तो मैं अकेले में तुम्हारे गर्व के कारण रोऊँगा, और मेरी आँखों से आँसुओं की धारा बहती रहेगी, क्योंकि यहोवा की भेड़ें बँधुआ कर ली गई हैं। सरल हिन्दी बाइबल किंतु यदि तुम मेरे आदेश की अवहेलना करो, तुम्हारे इस अहंकार के कारण मेरा प्राण भीतर ही भीतर विलाप करता रहेगा; मेरे नेत्र घोर रुदन करेंगे, मानो वे अश्रुओं के साथ ही बह जाएंगे, क्योंकि याहवेह की भेड़-बकरियों को बंदी बना लिया गया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 पर यदि तुम इसे न सुनो, तो मैं अकेले में तुम्हारे गर्व के कारण रोऊँगा, और मेरी आँखों से आँसुओं की धारा बहती रहेगी, क्योंकि यहोवा की भेड़ें बँधुआ कर ली गई हैं। |
मेरी आंखें आंसुओं की धाराएं प्रवाहित करती हैं; क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था का पालन नहीं करते हैं।
हे इस्राएल के मेषपाल, सुन! रेवड़ के समान यूसुफ का नेतृत्व करनेवाले, हे करूबों पर विराजनेवाले, प्रकाशवान हो!
तब इस्राएली कौम को प्रभु के सेवक मूसा का प्राचीन समय स्मरण हुआ; उसने पूछा, ‘कहां है प्रभु, हम-भेड़ों का चरवाहा, जिसने हमें समुद्र पार कराया था? कहां है वह जिसने अपना पवित्र आत्मा हमारे मध्य में भेजा था;
‘ओ यिर्मयाह, तू उन से यह कहना: “मेरी आंखों से दिन-रात आंसुओं की झड़ी लगी रहती है; मेरे आंसू नहीं रुकते; क्योंकि यहूदा प्रदेश की जनता का सर्वनाश हो गया है; उसका भयंकर विनाश हुआ है।
मैं हंसी-मजाक करने वालों के साथ नहीं बैठता था; और न आनन्द मनाता था। मैं तो अकेला था, पर तेरा हाथ मुझ पर था। तूने ही मुझे क्रोध से भरा था।
प्रभु, मैंने उन पर विपत्ति भेजने के लिए तुझ पर जोर नहीं डाला था; तू जानता है कि मैंने विनाश-दिवस की कामना नहीं की थी। जो कुछ मेरे ओंठों से निकला है, वह सब तू जानता है।
किन्तु यदि तुम मेरे वचन का पालन नहीं करोगे, तो मुझे अपने नाम की सौगन्ध है : मैं इस स्थान को उजाड़ दूंगा।” ’
प्रभु कहता है, ‘धिक्कार है शासकों को, मेरी प्रजा के चरवाहों को, जो मेरे चरागाह की भेड़ों को तितर-बितर कर रहे हैं।
इसलिए मैं − तुम्हारा इस्राएली राष्ट्र का प्रभु परमेश्वर, अपने निज लोगों के शासकों-चरवाहों के सम्बन्ध में यों कहता हूं : तुमने मेरी भेड़ों की सुधि नहीं ली, और उन्हें तितर-बितर कर दिया, उनको चरागाह से हांक दिया। अत: मैं तुम्हारे इन दुष्कर्मों की सुधि लूंगा।’ प्रभु कहता है,
काश, मेरा मस्तिष्क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।
‘मैं इन बातों के कारण रोती हूं; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती है। वह मुझमें साहस फूंकता था, वह मुझसे दूर चला गया है। मेरे बच्चे बेघर हो गए हैं; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हुआ है।’
वह रात में फूट-फूटकर रोती है। उसके गालों पर आंसू बहते हैं। उसके अनेक चाहनेवाले थे, पर अब उनमें से एक भी उसको सांत्वना नहीं देता, उसके मित्रों ने उसके साथ विश्वासघात किया। वे उसके शत्रु बन गए।
उसकी अशुद्धता उसके कपड़ों पर लिपटी है। उसने अपने अंत का विचार भी न किया। अत: वह विस्मित ढंग से पतन के गड्ढे में गिर पड़ी! उसे सांत्वना देनेवाला भी कोई नहीं है। ‘हे प्रभु, मेरे कष्टों को देख; क्योंकि शत्रु मुझ पर प्रबल हो गया!’
ओ सियोन की पुत्री, उच्च स्वर में स्वामी को पुकार; तेरी आंखों से रात और दिन आंसू की जलधाराएं बहें! तू निरन्तर पुकारती रह, और चुप न रह; तेरी आंखों से आंसू बहते रहें, और वे बन्द न हों!
‘ओ मानव, मैं तेरी आंखों का तारा, तेरी अत्यन्त कीमती वस्तु तुझ से छीनने वाला हूँ। मैं अचानक यह करूंगा। सुन, तू रोना मत; आंसू मत बहाना, और न शोक मनाना।
ओ मेरे निज लोगो, तुम मेरी भेड़ें हो, मेरे चरागाह की भेड़ें हो, और मैं तुम्हारा परमेश्वर हूं।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
जैसे पवित्र बलि की भेड़-बकरियां होती हैं, जैसे निर्धारित पर्वों के समय यरूशलेम में असंख्य भेड़-बकरियां होती हैं, वैसे ही निर्जन पड़े हुए नगर असंख्य मनुष्यों की भीड़ से भर जाएंगे। तब उन्हें ज्ञात होगा कि मैं ही प्रभु हूं।’
प्रभु ने उससे कहा, ‘यरूशलेम नगर में जाओ, और उन-सब मनुष्यों के माथे पर चिह्न लगाओ, जो नगर में किए जा रहे घृणित कार्यों के लिए दु:ख मनाते और शोक करते हैं।’
यदि तुम मेरी यह बात नहीं सुनोगे, मेरे नाम की महिमा करने पर ध्यान नहीं दोगे, तो मैं, स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, यह कहता हूं: मैं तुम पर शाप प्रेषित करूंगा। मैं तुम्हारे वरदानों को शापों में बदल दूंगा। निस्सन्देह मैंने उन्हें शाप में बदल दिया है, क्योंकि तुमने मेरे नाम की महिमा करने पर ध्यान नहीं दिया।
‘मुझे दु:ख है कि मैंने शाऊल को राजा बनाया; क्योंकि उसने मेरा अनुसरण करने से मुँह मोड़ लिया है। उसने मेरे वचनों के अनुसार कार्य नहीं किया है।’ शमूएल क्रुद्ध हुआ। वह रात भर प्रभु की दुहाई देता रहा।
शमूएल ने अपनी मृत्यु के दिन तक, फिर कभी शाऊल का मुँह नहीं देखा। वह शाऊल के लिए शोक करता रहा। प्रभु दुखित था कि उसने शाऊल को इस्राएलियों का राजा बनाया।