यिर्मयाह 11:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ‘इसलिए, यिर्मयाह, तू इन लोगों के लिए प्रार्थना मत कर। इन की ओर से न विनती कर, और न गिड़गिड़ा कर प्रार्थना कर; क्योंकि जब वे अपने संकट-काल में मेरे नाम की दुहाई देंगे, तब भी मैं उसको नहीं सुनूंगा। पवित्र बाइबल “यिर्मयाह, जहाँ तक तुम्हारी बात है, यहूदा के इन लोगों के लिये प्रार्थना न करो। उनके लिये याचना न करो। उनके लिये प्रार्थनायें न करो। मैं सुनूँगा नहीं। वे लोग कष्ट उठायेंगे और तब वे मुझे सहायता के लिये पुकारेंगे। किन्तु मैं सुनूँगा नहीं। Hindi Holy Bible इसलिये तू मेरी इस प्रजा के लिये प्रार्थना न करना, न कोई इन लोगों के लिये ऊंचे स्वर से बिनती करे, क्योंकि जिस समय ये अपनी विपत्ति के मारे मेरी दोहाई देंगे, तब मैं उनकी न सुनूंगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “इसलिये, तू मेरी इस प्रजा के लिये प्रार्थना न करना, न कोई इन लोगों के लिये ऊँचे स्वर से विनती करे, क्योंकि जिस समय ये अपनी विपत्ति के मारे मेरी दोहाई देंगे, तब मैं उनकी न सुनूँगा। सरल हिन्दी बाइबल “इसलिये इन लोगों के लिए प्रार्थना मत करो और न उनके लिए मध्यस्थ होकर बिनती करो, क्योंकि जब वे अपने संकट के अवसर पर मेरे पास गिड़गिड़ाने लगे फिर भी मैं उनकी न सुनूंगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “इसलिए तू मेरी इस प्रजा के लिये प्रार्थना न करना, न कोई इन लोगों के लिये ऊँचे स्वर से विनती करे, क्योंकि जिस समय ये अपनी विपत्ति के मारे मेरी दुहाई देंगे, तब मैं उनकी न सुनूँगा। |
अब तू मुझे अकेला छोड़ दे कि मेरी क्रोधाग्नि उनके विरुद्ध प्रज्वलित हो और मैं उनको भस्म करूँ। परन्तु मैं तुझको एक महान् राष्ट्र बनाऊंगा।’
अत: मैं-प्रभु यह कहता हूं: मैं उन पर ऐसी विपत्ति डालूंगा कि वे उस से बच कर भाग नहीं सकेंगे। वे मेरी दुहाई देंगे, पर मैं उनकी प्रार्थना नहीं सुनूंगा।
यद्यपि ये उपवास करते हैं, तो भी मैं इनकी दुहाई नहीं सुनूंगा। यद्यपि ये मुझे अग्नि-बलि और अन्न-बलि चढ़ाते हैं, तो भी मैं इन लोगों को स्वीकार नहीं करूंगा। मैं इन लोगों को तलवार से मौत के घाट उतार दूंगा, इनको अकाल और महामारी से मिटा दूंगा।’
तब प्रभु ने मुझ से कहा, ‘यदि मूसा और शमूएल भी मेरे सम्मुख खड़े हों, और यहूदा प्रदेश के लोगों के लिए दया की भीख मांगें, तो भी मेरा हृदय उनके प्रति नहीं पिघलेगा। उनको मेरी नजर से दूर करो, मेरी उपस्थिति से निकाल दो।
‘और तू, यिर्मयाह, इन लोगों के लिए प्रार्थना मत कर। तू इनके लिए क्षमा की प्रार्थना मत कर; मेरी दुहाई मत दे, और न इनके लिए मुझसे निवेदन कर; क्योंकि मैं इनके सम्बन्ध में तेरी प्रार्थना नहीं सुनूंगा।
वे अपने गाय-बैल, भेड़-बकरियों को लेकर प्रभु की खोज में निकलेंगे, पर वे उसे पा नहीं सकेंगे, क्योंकि प्रभु ने स्वयं को उनसे अलग कर लिया है।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, “जब मैंने उन्हें पुकारा, तब उन्होंने मेरी आवाज नहीं सुनी। अत: मैंने भी उनकी पुकार नहीं सुनी, जब उन्होंने मुझे पुकारा।
ओ पुरोहितो, तुम यह कार्य भी करते हो: तुम रोते हो, कराहते हो और अपने आंसुओं से प्रभु की वेदी को भिगोते हो; क्योंकि प्रभु तुम्हारे आंसुओं पर ध्यान नहीं देता, तुम्हारे हाथ से भेंट को स्वीकार नहीं करता और तुम पर कृपा नहीं करता।
यदि कोई अपने भाई अथवा बहिन को ऐसा पाप करते देखता है जो प्राणघातक न हो, तो वह उसके लिए प्रार्थना करे और परमेश्वर उसका जीवन सुरक्षित रखेगा। यह उन लोगों पर लागू है जिनका पाप प्राणघातक नहीं है; क्योंकि एक पाप ऐसा भी होता है जो प्राणघातक है। उसके विषय में मैं नहीं कहता कि प्रार्थना करनी चाहिए।