यिर्मयाह 10:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मां-सियोन कह रही है, ‘हाय! हाय! मेरी चोट गम्भीर है। मेरा घाव प्राण-घातक है। मैंने सोचा, निस्सन्देह मुझ पर विपत्ति आई है, मुझे उसको सहना ही पड़ेगा। पवित्र बाइबल ओह, मैं (यिर्मयाह) बुरी तरह घायल हूँ। घायल हूँ और मैं अच्छा नहीं हो सकता। तो भी मैंने स्वयं से कहा, “यह मेरी बीमारी है, मुझे इससे पीड़ित होना चाहिये।” Hindi Holy Bible मुझ पर हाय! मेरा घाव चंगा होने का नहीं। फिर मैं ने सोचा, यह तो रोग ही है, इसलिये मुझ को इसे सहना चाहिये। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मुझ पर हाय! मेरा घाव चंगा होने का नहीं। फिर मैं ने सोचा, “यह तो रोग ही है, इसलिये मुझ को इसे सहना चहिये।” सरल हिन्दी बाइबल धिक्कार है मुझ पर! मैं निराश हो चुका हूं! असाध्य है मेरा घाव! किंतु मैंने विचार किया, “निश्चयतः यह एक रोग है, यह तो मुझे सहना ही होगा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मुझ पर हाय! मेरा घाव चंगा होने का नहीं। फिर मैंने सोचा, “यह तो रोग ही है, इसलिए मुझ को इसे सहना चाहिये।” |
मैंने यह कहा, “यही तो मेरा दु:ख है, कि सर्वोच्च प्रभु का दाहिना हाथ, उसका सामर्थ्य बदल गया है।”
प्रभु याकूब के वंशजों से मुख मोड़े हुए है। मैं उसकी प्रतीक्षा करूंगा; वही मेरी आशा का आधार होगा।
‘ओ यिर्मयाह, तू उन से यह कहना: “मेरी आंखों से दिन-रात आंसुओं की झड़ी लगी रहती है; मेरे आंसू नहीं रुकते; क्योंकि यहूदा प्रदेश की जनता का सर्वनाश हो गया है; उसका भयंकर विनाश हुआ है।
ये लोग इस प्रकार प्रार्थना करते हैं: ‘हे प्रभु, यह सच है कि हमारे दुष्कर्म हमारे मुंह पर साक्षी दे रहे हैं, कि हमने तेरे प्रति पाप किया है; हम तेरा साथ छोड़कर अनेक बार पथभ्रष्ट हुए हैं; फिर भी प्रभु, अपने महिमामय नाम के कारण हम पर दया कर।
हे प्रभु, तू ही इस्राएल की आशा है! जो तुझको त्याग देते हैं, वे अंत में अपने शत्रु से पराजित होते हैं। जो तुझ से मुंह मोड़ लेते हैं, उनका नाम और निशान पृथ्वी की सतह से मिट जाता है; क्योंकि उन्होंने तुझ-प्रभु को, जीवन-जल के झरने को, त्याग दिया है।
आह! मेरा मन! मेरा मन! मैं पीड़ा से तड़प रहा हूं। आह! मेरा हृदय! मेरे हृदय की धड़कन तेज हो गई है! मैं चुप नहीं रह सकता; क्योंकि मैं युद्ध के बिगुल की आवाज, युद्ध का कोलाहल सुन रहा हूं।
मैंने प्रसव-पीड़ा से कराहती हुई स्त्री की चीख सुनी। मुझे ऐसा लगा मानो यह कराह उस स्त्री की है, जो पहली बार बच्चे को जन्म दे रही है। यह चीख पुत्री सियोन की थी; वह हांफ रही थी, और हाथ फैलाए हुए कह रही थी, ‘मुझे बचाओ! मैं हत्यारों के हाथ में पड़ गई हूं; मैं बेहोश हो रही हूं।’
मेरे लोगों के दु:ख के कारण मेरा हृदय भी दु:खी है; मैं शोक मनाता हूं, मैं आश्चर्य में डूबा हुआ हूं।
काश, मेरा मस्तिष्क सागर होता, मेरी आंखें आँसुओं की झील होती, तो मैं अपने लोगों के महासंहार के कारण दिन-रात फूट-फूट कर रोता।
वह रात में फूट-फूटकर रोती है। उसके गालों पर आंसू बहते हैं। उसके अनेक चाहनेवाले थे, पर अब उनमें से एक भी उसको सांत्वना नहीं देता, उसके मित्रों ने उसके साथ विश्वासघात किया। वे उसके शत्रु बन गए।
मैंने प्रभु के प्रति पाप किया है; जब तक प्रभु मेरा पक्ष नहीं लेगा, और मेरे पक्ष में निर्णय नहीं देगा, तब तक मुझे प्रभु का कोप सहना ही होगा। वह मुझे प्रकाश तक पहुंचाएगा; और मैं उसके उद्धार के दर्शन करूंगी।