उन्होंने परमेश्वर से कहा था, “हम से दूर हो! सर्वशक्तिमान परमेश्वर हमारा क्या कर सकता है?”
याकूब 3:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इसी प्रकार जीभ शरीर का एक छोटा-सा अंग है, किन्तु वह शक्तिशाली होने का दावा कर सकती है। देखिए, एक छोटी-सी चिनगारी कितने विशाल वन में आग लगा सकती है। पवित्र बाइबल इसी प्रकार जीभ, जो देह का एक छोटा सा अंग है, बड़ी-बड़ी बातें कर डालने की डींगे मारती है। अब तनिक सोचो एक जरा सी लपट समूचे जंगल को जला सकती है। Hindi Holy Bible वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वैसे ही जीभ भी एक छोट सा अंग है और वह बड़ी–बड़ी डीगें मारती है। देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है। नवीन हिंदी बाइबल इसी प्रकार जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी-बड़ी डींगे मारती है। देखो, एक थोड़ी सी आग कितने बड़े जंगल को जला देती है! सरल हिन्दी बाइबल इसी प्रकार जीभ भी शरीर का एक छोटा अंग है, फिर भी ऊंचे-ऊंचे विषयों का घमण्ड़ भर्ती है. कल्पना करो: एक छोटी सी चिंगारी कैसे एक विशाल वन को भस्म कर देती है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी-बड़ी डींगे मारती है; देखो कैसे, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है। |
उन्होंने परमेश्वर से कहा था, “हम से दूर हो! सर्वशक्तिमान परमेश्वर हमारा क्या कर सकता है?”
दुर्जन अपनी अभिलाषा की डींग मारता है; वह स्वयं की प्रशंसा करता, पर प्रभु की निन्दा करता है।
मैंने कहा, “मैं अपने मार्ग की चौकसी करूंगा, जिससे मैं अपनी जीभ के कारण पाप न करूँ। जब तक दुर्जन मेरे सामने हैं, मैं अपने मुंह में लगाम दूंगा।”
शत्रु ने कहा, “मैं पीछा करूंगा, मैं उन्हें पकड़ूंगा, मैं लूट के माल को बाटूंगा, उससे मेरे प्राण तृप्त होंगे। मैं अपनी तलवार खीचूंगा, मेरा हाथ उन्हें नष्ट करेगा।”
फरओ ने कहा, ‘यह प्रभु कौन है जिसकी बात सुनकर मैं इस्राएलियों को जाने दूं? मैं इस प्रभु को नहीं जानता। मैं इस्राएलियों को नहीं जाने दूंगा।’
बिना सोच-विचार के बोलनेवाले मनुष्य के शब्द तलवार की तरह बेधते हैं; पर बुद्धिमान की बातें मलहम का काम करती हैं।
बुद्धिमान के कंठ से ज्ञान की धारा प्रवाहित होती है; किन्तु मूर्ख अपने मुंह से केवल मूर्खता ही निकालता है।
जीभ के वश में मनुष्य का जीवन और मृत्यु दोनों हैं; और जो मनुष्य अपनी जीभ का प्रयोग जानता है उसको उचित फल प्राप्त होता है।
जैसे लकड़ी न होने से आग बुझ जाती है, वैसे ही कानाफूसी करनेवाले के न होने से झगड़ा शान्त हो जाता है।
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’
‘ओ मानव-सन्तान, तू सोर नगर-राज्य के शासक से यों कह : स्वामी-प्रभु यों कहता है : “तेरा हृदय अहंकार से भरा है। तू कहता है कि तू ईश्वर है, और समुद्र के मध्य में, देवताओं के दरबार में उच्चासन पर बैठता है। नहीं, तू ईश्वर नहीं, बल्कि केवल मनुष्य है। तू अपने को ईश्वर के सदृश बुद्धिमान समझता है।
तू उनसे यह कहना, स्वामी-प्रभु यों कहता है : “ओ मिस्र देश के राजा फरओ, ओ नील नदी की जलधाराओं में शयन करनेवाले महा जलचर! तू कहता है कि नील नदी तेरी है और तूने उसको बनाया है। सुन, मैं तेरे विरुद्ध हूं।
अब यदि तुम नरसिंगे, बांसुरी, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई और अन्य सब प्रकार के वाद्यों का स्वर सुनकर मेरे द्वारा स्थापित मूर्ति के सम्मुख गिरकर उसका सम्मान करने को तैयार हो, तो ठीक है; तुम्हारा अनिष्ट न होगा। पर यदि तुम मूर्ति के प्रति सम्मान प्रकट नहीं करोगे, तो तुम अविलम्ब धधकती हुई अग्नि की भट्ठी में फेंक दिए जाओगे। तब मैं देखूंगा कि कौन-सा ईश्वर तुम्हें मेरे हाथ से बचाएगा?’
तब मैंने सोचा, “क्या यह बेबीलोन नगर महान नहीं है? मैंने इसको अपनी बड़ी ताकत से बनाया है ताकि यह मेरी राजधानी बने और इसके माध्यम से मेरे वैभव की चहुं ओर प्रशंसा हो।”
जलयान का भी उदाहरण लीजिए। वह कितना ही बड़ा क्यों न हो और तेज हवा से भले ही बहाया जा रहा हो, तब भी वह कर्णधार की इच्छा के अनुसार एक छोटी-सी पतवार से चलाया जाता है।
जो लोग अभी-अभी भ्रान्ति का जीवन बिताने वालों से अलग हुए हैं, वे उन्हें व्यर्थ शब्दाडम्बर और शरीर की घृणित वासनाओं द्वारा लुभाते हैं।
ये वे लोग हैं जो कुड़बुड़ाते और अपना भाग्य कोसते रहते हैं, अपनी दुर्वासनाओं के अनुसार आचरण करते, डींग मारते और लाभ के लिए खुशामद करते हैं।