तत्पश्चात् सीमा-रेखा पश्चिम की ओर यप्लेटी जाति की सीमा की ओर बढ़ती और निचले बेत-होरोन तक पहुंचती थी। वहाँ से गेजर की ओर जाती, और भूमध्य-सागर पर समाप्त हो जाती थी।
यहोशू 17:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) सीमा-रेखा वहां से कानाह बरसाती नदी की ओर उतर जाती थी। यद्यपि कानाह नदी के दक्षिण में स्थित नगर मनश्शे क्षेत्र के अन्तर्गत थे, तो भी उन पर एफ्रइम का अधिकार था। मनश्शे क्षेत्र की सीमा-रेखा कानाह नदी के उत्तरी तट तक जाती और भूमध्यसागर में समाप्त हो जाती थी। पवित्र बाइबल मनश्शे की सीमा काना नाले के दक्षिण में था। मनश्शे के इस क्षेत्र के नगर एप्रैम के थे। मनश्शे की सीमा नदी के उत्तर में थी और यह पश्चिम में लगातार भूमध्य सागर तक चली गई थी। Hindi Holy Bible फिर वहां से वह सिवाना काना के नाले तक उतर के उसके दक्खिन की ओर तक पहुंच गया; ये नगर यद्दपि मनश्शे के नगरों के बीच में थे तौभी एप्रैम के ठहरे; और मनश्शे का सिवाना उस नाले की उत्तर की ओर से जाकर समुद्र पर निकला; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर वहाँ से वह सीमा काना के नाले तक उतरके उसके दक्षिण की ओर तक पहुँच गयी; ये नगर यद्यपि मनश्शे के नगरों के बीच में थे तौभी एप्रैम के ठहरे; और मनश्शे की सीमा उस नाले के उत्तर की ओर से जाकर समुद्र पर निकली; सरल हिन्दी बाइबल तब सीमा दक्षिण में कानाह नदी की ओर बढ़ जाती है, ये नगर मनश्शेह के नगरों के बीच होने पर भी, एफ्राईम ही की संपत्ति थी. मनश्शेह की सीमा, नदी के उत्तर में थी जो भूमध्य-सागर पर जाकर खत्म होती थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर वहाँ से वह सीमा काना की नदी तक उतरकर उसके दक्षिण की ओर तक पहुँच गई; ये नगर यद्यपि मनश्शे के नगरों के बीच में थे तो भी एप्रैम के ठहरे; और मनश्शे की सीमा उस नदी के उत्तर की ओर से जाकर समुद्र पर निकली; |
तत्पश्चात् सीमा-रेखा पश्चिम की ओर यप्लेटी जाति की सीमा की ओर बढ़ती और निचले बेत-होरोन तक पहुंचती थी। वहाँ से गेजर की ओर जाती, और भूमध्य-सागर पर समाप्त हो जाती थी।
दक्षिण का देश एफ्रइम के गोत्र को, और उत्तर का देश मनश्शे को प्राप्त हुआ। उनकी सीमा-रेखा भूमध्यसागर थी। उनकी सीमा-रेखा उत्तर में आशेर क्षेत्र को, और दक्षिण में इस्साकार क्षेत्र को स्पर्श करती थी।
तत्पश्चात् सीमा-रेखा रामाह की ओर मुड़ कर किलाबुन्द सोर नगर की ओर चली जाती थी। वह वहां से होसाह की ओर मुड़ती थी, और भूमध्यसागर में समाप्त होती थी।