तू झंझरी को वेदी के चारों ओर की कंगनी के नीचे ऐसे लगाना, कि वह वेदी के मध्य तक ऊंची रहे।
यहेजकेल 43:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वेदी की ऊंचाई इस प्रकार होगी : भूमि पर रखे हुए आधार से निचले कगर तक एक मीटर, और वेदी की चौड़ाई आधा मीटर होगी। यह छोटे कगर से बड़े कगर तक दो मीटर ऊंची और आधा मीटर चौड़ी होगी। पवित्र बाइबल भूमि से निचली किनारी तक, नींव की नाप दो हाथ है। यह एक हाथ चौड़ी थी। छोटी किनारी से बड़ी किनारी तक इसकी नाप चार हाथ होगी। यह दो हाथ चौड़ी थी। Hindi Holy Bible भूमि पर धरे हुए आधार से ले कर निचली कुसीं तक दो हाथ की ऊंचाई रहे, और उसकी चौड़ाई हाथ भर की हो; और छोटी कुसीं से ले कर बड़ी कुसीं तक चार हाथ हों और उसकी चौड़ाई हाथ भर की हो; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) भूमि पर धरे हुए आधार* से लेकर निचली कुर्सी तक दो हाथ की ऊँचाई रहे, और उसकी चौड़ाई हाथ भर की हो; और छोटी कुर्सी से लेकर बड़ी कुर्सी तक चार हाथ हों और उसकी चौड़ाई हाथ भर की हो; सरल हिन्दी बाइबल भूमि पर नाली से लेकर निचले निकले हुए भाग तक, जो वेदी के चारों ओर जाता है, यह लगभग एक मीटर ऊंचा है, और निकला हुआ भाग लगभग आधा मीटर चौड़ा है. इस निचले निकले हुए भाग से लेकर ऊपर निकले हुए भाग तक, जो वेदी के चारों ओर जाता है, इसकी ऊंचाई लगभग दो मीटर है, और वह निकला हुआ भाग भी लगभग आधा मीटर चौड़ा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 भूमि पर धरे हुए आधार से लेकर निचली कुर्सी तक दो हाथ की ऊँचाई रहे, और उसकी चौड़ाई हाथ भर की हो; और छोटी कुर्सी से लेकर बड़ी कुर्सी तक चार हाथ हों और उसकी चौड़ाई हाथ भर की हो; |
तू झंझरी को वेदी के चारों ओर की कंगनी के नीचे ऐसे लगाना, कि वह वेदी के मध्य तक ऊंची रहे।
कगर भी वर्गाकार होगा−सात मीटर लम्बा और सात मीटर चौड़ा। उसके चारों ओर का किनारा पच्चीस सेन्टीमीटर का होगा। चारों ओर का आधार आधा मीटर का होगा। वेदी की सीढ़ियां पूर्व दिशा में होंगी।’
तू उस बछड़े का रक्त लेना और उसको वेदी के चारों सींगों, कगर के चारों कोनों और चारों ओर के किनारे पर लगा देना। यों तू उसको शुद्ध करेगा और यह उसका प्रायश्चित होगा।
यह प्रायश्चित की पाप-बलि है। पुरोहित बलिपशु के रक्त में से थोड़ा रक्त लेगा, और उसको मन्दिर की चौखट के खम्भों, वेदी के चारों कोनों के कगर पर तथा भीतरी आंगन के दरवाजों पर लगाएगा।
‘स्वामी-प्रभु यों कहता है : ओ इस्राएल के शासको, बहुत हुआ! अब शोषण और अत्याचार करना बन्द करो, और धर्म तथा न्याय से शासन करो। मेरे निज लोगों की भूमि लूटना बन्द करो।’ स्वामी-प्रभु की यह वाणी है।