यहेजकेल 31:4 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जल उसको हरा-भरा रखता है; भूमितल का जल उसको बढ़ाता है। जहां वह रोपा जाता है, उसके आस-पास नदियाँ बहती हैं। नदियों की नहरें वन के सब वृक्षों तक पहुंचती हैं। पवित्र बाइबल जल वृक्ष को उगाता था। गहरी नदियाँ वृक्ष को ऊँचा करती थीं। नदियाँ उन स्थान के चारों ओर बहती थीं, जहाँ वृक्ष लगे थे। केवल इसकी धारायें ही खेत के अन्य वृक्षों तक बहती थीं। Hindi Holy Bible जल ने उसे बढ़ाया, उस गहिरे जल के कारण वह ऊंचा हुआ, जिस से नदियां उसके स्थान के चारों ओर बहती थीं, और उसकी नालियां निकल कर मैदान के सारे वृक्षों के पास पहुंचती थीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जल ने उसे बढ़ाया, और गहिरे जल के कारण वह ऊँचा हुआ, जिस से नदियाँ उसके स्थान के चारों ओर बहती थीं; और उसकी नालियाँ निकलकर मैदान के सारे वृक्षों के पास पहुँचती थीं। सरल हिन्दी बाइबल पानी से इसका पोषण होता था, गहरे झरनों ने इसे ऊंचा बढ़ाया; उनके सोते इसके आधार के चारों तरफ बहते थे और उनकी धाराएं मैदान के सारे वृक्षों तक जाती थी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जल ने उसे बढ़ाया, उस गहरे जल के कारण वह ऊँचा हुआ, जिससे नदियाँ उसके स्थान के चारों ओर बहती थीं, और उसकी नालियाँ निकलकर मैदान के सारे वृक्षों के पास पहुँचती थीं। |
इसलिए प्रभु कहता है : ‘ओ इस्राएल, मैं तेरा न्याय करूंगा, और तेरे शत्रु से तेरा प्रतिशोध लूंगा, मैं बेबीलोन का महा जलाशय सुखा दूंगा; मैं उसके झरने का मुंह बन्द कर दूंगा।
तब उसने देश के बीज को लिया और उसको उपजाऊ भूमि में बो दिया। उसने बीज बोया, उमड़ते जलाशय के तट पर बोया; उसने मजनूं वृक्ष के सदृश बीज को बोया।
‘एक और विशाल बाज था। उसके डैने भी लम्बे-लम्बे और सघन परों से भरे थे। अंगूर-बेल ने अपनी जड़ें उसकी ओर फैलाईं उसने वहां से अपनी शाखाएं उसकी ओर झुकाईं, जहां वह लगाई गई थी, कि वह उसको पानी से सींचे।
बाज ने उसको उपजाऊ भूमि पर लगाया था, उसने उसको उमड़ते जलाशय के तट पर बोया था, कि उसके अंकुर फूटें, बेल बने, और बेल में शाखाएं निकलें, और वह अंगूर के गुच्छों से भर जाए और फलवंत अंगूर-बेल बने।
जो सात स्वर्गदूत सात प्याले लिये थे, उन में से एक ने मेरे पास आ कर कहा, “आइए, मैं आप को उस महावेश्या का दण्ड दिखाऊंगा, जो महासमुद्र के किनारे विराजमान है।
स्वर्गदूत ने मुझ से यह कहा, “आपने जिस समुद्र को देखा, जहाँ महावेश्या बैठी हुई है, उस समुद्र का अर्थ है: प्रजातियाँ, जनसमूह, राष्ट्र और भाषाएँ।