यहेजकेल 31:4 - पवित्र बाइबल4 जल वृक्ष को उगाता था। गहरी नदियाँ वृक्ष को ऊँचा करती थीं। नदियाँ उन स्थान के चारों ओर बहती थीं, जहाँ वृक्ष लगे थे। केवल इसकी धारायें ही खेत के अन्य वृक्षों तक बहती थीं। अध्याय देखेंHindi Holy Bible4 जल ने उसे बढ़ाया, उस गहिरे जल के कारण वह ऊंचा हुआ, जिस से नदियां उसके स्थान के चारों ओर बहती थीं, और उसकी नालियां निकल कर मैदान के सारे वृक्षों के पास पहुंचती थीं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)4 जल उसको हरा-भरा रखता है; भूमितल का जल उसको बढ़ाता है। जहां वह रोपा जाता है, उसके आस-पास नदियाँ बहती हैं। नदियों की नहरें वन के सब वृक्षों तक पहुंचती हैं। अध्याय देखेंपवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)4 जल ने उसे बढ़ाया, और गहिरे जल के कारण वह ऊँचा हुआ, जिस से नदियाँ उसके स्थान के चारों ओर बहती थीं; और उसकी नालियाँ निकलकर मैदान के सारे वृक्षों के पास पहुँचती थीं। अध्याय देखेंसरल हिन्दी बाइबल4 पानी से इसका पोषण होता था, गहरे झरनों ने इसे ऊंचा बढ़ाया; उनके सोते इसके आधार के चारों तरफ बहते थे और उनकी धाराएं मैदान के सारे वृक्षों तक जाती थी. अध्याय देखेंइंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 20194 जल ने उसे बढ़ाया, उस गहरे जल के कारण वह ऊँचा हुआ, जिससे नदियाँ उसके स्थान के चारों ओर बहती थीं, और उसकी नालियाँ निकलकर मैदान के सारे वृक्षों के पास पहुँचती थीं। अध्याय देखें |
तब दूसरे बड़े पंखों वाले उकाब ने अंगूर की बेल को देखा। उकाब के लम्बें पंख थे। अंगूर की बेल चाहती थी कि यह नया उकाब उसकी देख—भाल करे। इसलिये इसने अपनी जड़ों को इस उकाब की ओर फैलाया। इसकी शाखायें इस उकाब की ओर फैलीं। इसकी शाखायें इस उकाब की ओर फलीं। इसकी शाखायें उस खेत से दूर फैली जहाँ यह बोई गई थी। अगूंर की बेल चाहती थी कि नया उकाब इसे पानी दे।