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यहेजकेल 28:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

‘ओ मानव, तू सोर नगर के राजा के लिए एक शोक-गीत लिख, और उसको सुना। तू उससे कहना, स्‍वामी-प्रभु यों कहता है: “तू सिद्ध राजा का प्रतीक था। तू बुद्धि से परिपूर्ण था। तू सर्वांग सुन्‍दर था।

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पवित्र बाइबल

“मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा के बारे में करुण गीत गाओ। उससे कहो, ‘मेरे स्वामी यहोवा यह कहता है: “‘तुम आदर्श पुरुष थे, तुम बुद्धिमत्ता से परिपूर्ण थे, तुम पूर्णत: सुन्दर थे,

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Hindi Holy Bible

हे मनुष्य के सन्तान, सोर के राजा के विषय में विलाप का गीत बनाकर उस से कह, परमेश्वर यहोवा यों कहता है, तू तो उत्तम से भी उत्तम है; तू बुद्धि से भरपूर और सर्वांग सुन्दर है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

“हे मनुष्य के सन्तान, सोर के राजा के विषय में विलाप का गीत बनाकर उससे कह; परमेश्‍वर यहोवा यों कहता है : तू तो उत्तम से भी उत्तम है; तू बुद्धि से भरपूर और सर्वांग सुन्दर है।

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सरल हिन्दी बाइबल

“हे मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा के बारे में एक विलापगीत लो और उससे कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: “ ‘तुम बुद्धि से भरे हुए और सुंदरता में उत्तम, निर्दोषता के मुहर थे.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

“हे मनुष्य के सन्तान, सोर के राजा के विषय में विलाप का गीत बनाकर उससे कह, परमेश्वर यहोवा यह कहता है: तू तो उत्तम से भी उत्तम है; तू बुद्धि से भरपूर और सर्वांग सुन्दर है।

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यहेजकेल 28:12
28 क्रॉस रेफरेंस  

परमेश्‍वर जानता है कि जब तुम उसे खाओगे तब तुम्‍हारी आंखें खुल जाएंगी। तुम भले और बुरे को जानकर परमेश्‍वर के समान बन जाओगे।’


नबी यिर्मयाह ने भी राजा योशियाह की स्‍मृति में एक शोक गीत रचा था। आज भी लोक गायक और गायिकाएं अपने शोकगीतों में योशियाह का उल्‍लेख करते हैं। योशियाह के सम्‍बन्‍ध में शोकगीत गाना वास्‍तव में एक प्रथा बन गया है। ये शोकगीत “विलाप गीत” की पुस्‍तक में लिखे हुए हैं।


प्रभु के विरुद्ध मनुष्‍य की न बुद्धि, न समझ और न सम्‍मति टिक पाती है।


क्‍योंकि असीरिया यह कहता है : ‘मैंने अपने भुजबल से, मैंने अपनी बुद्धि से यह सब किया है; क्‍योंकि मैं बुद्धिमान हूं। मैंने राष्‍ट्रों की सीमाएँ तोड़ीं, और उनके खजानों को लूटा। जो सिंहासनों पर आसीन थे, उनको मैंने सांड़ की तरह नीचे फेंक दिया।


तब तू बेबीलोन के सम्राट के सम्‍बन्‍ध में व्‍यंग्‍य-गीत गाना: ‘अत्‍याचारी का कैसा अन्‍त हुआ, उसका उन्‍माद ठण्‍डा पड़ गया!


प्रभु यों कहता है, ‘बुद्धिमान मनुष्‍य अपनी बुद्धि पर गर्व न करे, और न बलवान अपने बल पर। धनवान मनुष्‍य अपने धन का घमण्‍ड न करे।


‘ओ मानव, तू इस्राएली उच्‍चाधिकारियों के सम्‍बन्‍ध में यह शोक गीत गा:


किन्‍तु उसकी मोटी टहनी में से आग निकली, जिसने उसकी शाखाओं और फल को जला दिया। अब अंगूर लता में एक भी मोटी टहनी नहीं रही, जो राजा का राज-दण्‍ड बन सके! (यह एक शोक गीत है, और समाज में शोकगीत के रूप में प्रचलित है।)


वे तेरे विषय में शोक-गीत रचेंगे, और वे तुझसे यह कहेंगे : ओ विख्‍यात महानगर! महा सागर के तट से तू लोप हो गया! समुद्र पर तेरा और तेरे निवासियों का एकछत्र अधिकार था। तेरे निवासियों के आतंक से भूमि-तट के निवासी कांप उठते थे।


उन्‍होंने तेरे प्रति अपना शोक प्रकट करने के लिए तुझ पर एक शोक-गीत रचा है। वे यह शोक-गीत गा रहे हैं: “सोर के सदृश समुद्र के मध्‍य में और किसका विनाश हुआ है?


फिर प्रभु का यह सन्‍देश मुझे मिला। प्रभु ने मुझसे कहा,


तेरा आचरण तेरे जन्‍म के दिन से उस दिन तक निर्दोष था, जब तक तेरे जीवन में अधर्म का प्रवेश नहीं हुआ।


‘यही वह शोक-गीत है, जो फरओ के विनाश पर गाया जाएगा। मिस्र राष्‍ट्र की कन्‍याएं इसको गाएंगी। प्रभु-स्‍वामी कहता है, वे मिस्र देश और उसकी विशाल प्रजा के पतन पर यही शोक-गीत गाएंगी।’


‘ओ मानव, मिस्र के राजा फरओ के सम्‍बन्‍ध में एक शोक-गीत गा। तू उससे यह कहना: “ओ फरओ, तू राष्‍ट्रों में अपने को सिंह समझता था। लेकिन तू तो समुद्र के मगर के समान है! तू नदियों में फूत्‍कारें मारता है, पैरों से जल को मथकर उनको गंदला करता है।


‘और तू, ओ मानव, इस्राएल के वंशजों को मेरे गृह का नमूना, उसकी बनावट बता, जिससे वे अपने अधर्म के लिए लज्‍जित हों।


हमात नगर जो सीरिया की सीमा पर स्‍थित है, सोर और सीदोन नगर-राज्‍य भी प्रभु के हैं; यद्यपि वे बड़े चालाक हैं।


बालक येशु बढ़ता गया। वह सबल और बुद्धि से परिपूर्ण होता गया। उस पर परमेश्‍वर का अनुग्रह बना रहा।


अत: भाई-बहिनो, आप लोग अपने बीच से सात सच्‍चरित्र पुरुषों को चुन लीजिए, जो पवित्र आत्‍मा और बुद्धि से परिपूर्ण हों। हम उन्‍हें इस कार्य के लिए नियुक्‍त करेंगे,


यह कार्य समाप्‍त कर, अर्थात् यह दान विधिवत् उनके हाथों मैं सौंपने के बाद, मैं आप लोगों के यहाँ हो कर स्‍पेन जाऊंगा।


क्‍योंकि इस संसार का ज्ञान परमेश्‍वर की दृष्‍टि में ‘मूर्खता’ है। धर्मग्रन्‍थ में यह लिखा है, “वह ज्ञानियों को उनकी चतुराई में ही फंसाता है”


परमेश्‍वर ने हम पर अपनी मुहर लगायी और अग्रिम राशि के रूप में हमारे हृदयों को पवित्र आत्‍मा प्रदान किया है।


जिस दिन से हमने यह सुना, हम निरन्‍तर आप लोगो के लिए प्रार्थना करते रहे हैं। हम परमेश्‍वर से यह निवेदन करते हैं कि वह आप को समस्‍त प्रज्ञ तथा आध्‍यात्‍मिक अन्‍तर्दृष्‍टि प्रदान करें, जिससे आप उसकी इच्‍छा पूर्ण रूप से समझ सकें।


क्‍योंकि उन्‍हीं में प्रज्ञ तथा ज्ञान की सम्‍पूर्ण निधि निहित है।